Bareilly: इंस्पेक्टर ने बच्चे को लिया गोद, उठाएंगे पढ़ाई का खर्चा, पुलिस की हो रही तारीफ
Bareilly News: मीरगंज कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक ने एक गरीब बच्चे को गोद लिया है। वो उसकी पूरी पढ़ाई का खर्चा उठाएंगे। गरीब बालक का कोतवाल ने मीरगंज के एक स्कूल में एडमिशन दिलवाया है।;
थाना मीरगंज के प्रभारी निरीक्षक कुंवर बहादुर सिंह ने बच्चे को लिया गोद (Pic:Newstrack)
Bareilly News: वैसे आपको अक्सर पुलिस की बर्बरता की कहानी समाचार पत्रों में पढ़ने को मिल जाती है। लेकिन आज हम आपको पुलिस के ऐसे कार्य से रूबरू कराने जा रहे हैं जिसे सुन आप भी पुलिस की तारीफ में कसीदे पढ़ेंगे। दरअसल यह काम एक पुलिस अफसर का है, जिन्होंने ऐसा कार्य किया है जिसका चर्चा आज जिले भर में है। हिंदी की यह कहावत "जिसका कोई नहीं होता उसका ऊपर वाला होता है" उन पर बिल्कुल सटीक बैठती है। इस बात का प्रमाण आज उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में देखने को मिला। दरअसल, मीरगंज कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक ने एक गरीब बच्चे को गोद लिया है। वो उसकी पूरी पढ़ाई का खर्चा उठाएंगे। गरीब बालक का कोतवाल ने मीरगंज के एक स्कूल में एडमिशन दिलवाया है।
पढ़ाई का उठाएंगे खर्च
थाना मीरगंज के प्रभारी निरीक्षक कुंवर बहादुर सिंह ने कस्बे के मोहल्ला रतनपुरी के रहने वाले 8 वर्षीय करन को गोद लिया है। इंस्पेक्टर ने करण की पढ़ाई का जिम्मा लिया है। उन्होंने मीरगंज के ठाकुर दीनदयान सरस्वती विधा मन्दिर विद्यालय मे बच्चे का दाखिला कराया है। इंस्पेक्टर के इस कदम की कस्बे से लेकर देहात के लोग तारीफ कर रहे है जिन्होंने एक गरीब बालक को गोद लेकर उसकी जिम्मेदारी लीं है।
6 साल पहले पिता की हो गई थी मौत
आपको बता दें, कि करन के पिता ख्याली राम शर्मा की मौत 6 साल पहले लंबी बीमारी के कारण हो गई थी। करन की माँ मिर्च व्यापारियों के यहाँ मेहनत मजदूरी करके अपना घर चलाती है। करन के चार भाई है। करन के बड़े भाई मुकेश शर्मा की मौत करीब 2 साल पहले सड़क हादसे मे हो गई थी। बाप का साया नहीं होने के कारण वह पढ़ाई नहीं कर पाया और कस्बे में इधर-उधर घूमता था।
बच्चे का स्कूल में कराया दाखिला
इंस्पेक्टर को जब उसके घूमने की बात पता चली तो उन्होंने करण की पढ़ाई की जिम्मेदारी लीं। जिसके बाद उन्होंने कस्बे के एक विद्यालय में उसका दाखिला कराया। प्रभारी निरीक्षक कुंबर बहादुर सिंह ने बताया कि कस्बे में रहने वाला आठ वर्षीय करन के बारे में जब उनको पता चला कि वो पढ़ाई नहीं करता है तो उन्होंने उसे गोद ले लिया। अब उसकी पढ़ाई का खर्चा वो खुद करेंगे। उन्होंने आज कस्बे के ठाकुर दीनदयाल सरस्वती विद्या मन्दिर विद्यालय में उसका एडमिशन कराया हैं।