प्रयागराज: गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में संतों के अखाड़ों के शाही स्नान के साथ भव्य दिव्य कुंभ का आगाज हो गया। मकर संक्रांति पर स्नान को उमड़ा जनसमुद्र संगम के प्रति लोगों की अगाध आस्था की गवाही दे रहा था।
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वैसे तो स्नान का सिलसिला 14 जनवरी से ही अनवरत चल रहा था लेकिन ज्योतिर्विदों ने मकर संक्रांति का पुण्यकाल सोमवार को आधीरात बाद सवा दो बजे से बताया था इसलिए उस काल से मंगलवार की देर शाम तक स्नान का क्रम चला। मेला प्राधिकरण ने कल से आज शाम तक लगभग दो करोड़ श्रद्धालुओं के संगम स्नान का दावा किया है। इतनी भीड़ के बावजूद स्नान पर्व शांतिपूर्ण और निर्विघ्न संपन्न हो गया।
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शाही स्नान आकर्षण का केंद्र:
कुंभ मेले में अखाड़ों के शाही स्नान के लिए मेला प्रशासन ने परंपरागत रूप से व्यवस्था बनायी थी। अखाडों का स्नान मार्ग तय था। चूंकि कुंभ मेले में अखाड़ों का शाही स्नान आकर्षण का केंद्र होता है। यह दृश्य देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग उमड़ते हैं इसलिए सुरक्षा के खास इंतजाम किये गये थे। सुबह पांच बजे सबसे पहले महानिर्वाणी अखाड़ा स्नान के लिए अपनी शोभायात्रा के साथ निकला। उसके साथ अटल अखाड़ा भी रहा। इसके बाद निरंजनी और आनंद अखाड़ा, फिर सबसे बड़ा माने जाना वाला जूना अखाड़ा स्नान को निकला। उसके साथ अग्नि अखाड़े के चलने की व्यवस्था बनायी गयी थी। इसी क्रम में श्री पंच निर्मोही अखाड़ा, दिगंबर अनी अखाड़ा, निर्वाणी अनी अखाड़ा, श्री पंचायती नया उदासीन अखाड़ा, बडा उदासीन अखाड़ा और आखिरी में निर्मल अखाड़े ने शाही स्नान के किया।
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तीन सौ रथों पर सवार होकर निकले संत:
अखाड़ों ने शाही स्नान के लिए तीन सौ रथ मंगाये थे, जो फूल मालाओं से सजाये गये थे। रथों पर सिंहासन और हौदे रखे हुए थे जिन पर आचार्य महामंडलेश्वर, महामंडलेश्वर और महंत सवार थे। छत्रधारी महामंडलेश्वरों के सेवक उनके पीछे चंवर लेकर खड़े थे। आगे बैंड धुनों पर नाचते साधु संत और श्रद्धालु चल रहे थे। अखाड़ों की शोभायात्रा एक मार्ग से चलकर स्नान के बाद दूसरे मार्ग से वापस होती थी। इस मनोहारी अवसर को कैमरों में कैद करने के लिए देशी’विदेशी छायाकारों का जमावड़ा भी देखा गया। शाही स्नान का क्रम शाम पांच बजे तक चला। कुछ अखाड़ों में विदेशी श्रद्धालु भी शामिल रहे।
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केंद्रीय मंत्रियों ने किया स्नान :
संगम में केंद्र सरकार के तीन मंत्रियों और एक सांसद ने भी मकर संक्रांति का स्नान किया। केंद्रीय मंत्री उमा भारती, साध्ची निरंजन ज्योति और स्मृति ईरानी ने अलग अलग मार्गों से संगम पहुंचकर स्नान किया। सांसद सच्चिदानंद हरिसाक्षी ने निर्मल अखाड़े के साथ स्नान किया। हालांकि मुख्य स्नान पर्वों पर वीवीआईपी के आने की मनाहीं है इसलिए दोनों मंत्रियों को सुरक्षा के अलावा कोई प्रोटोकॉल नहीं दिया गया। उमा भारती और साध्वर निरंजन ज्योति ने अखाड़ों के साथ ही स्नान किया।
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