भदोही: अंधे दम्पति की नहीं सुनी फरियाद, पति ने SDM की चौखट पर तोड़ा दम

अपनी फरियाद को लेकर दोनों अंधे दम्पति अपनी एक छोटी बच्ची के साथ न्याय की गुहार लगाने सदर एसडीएम के द्वार पहुंचे। जहां न्याय की भीख मिलने के पहले ही एक जिम्मेदार अफसर की लापरवाही व हीलाहवाली से अंधा फूलचंद अपनी पत्नी सोना देवी और छोटी बच्ची को छोड़कर दुनिया से अलविदा हो गया।

Update: 2021-03-05 14:45 GMT
भदोही: अंधे दम्पत्ति की नहीं सुनी फरियाद, पति ने SDM की चौखट पर तोड़ा दम

ज्ञानपुर, भदोही: कहा जाता है कि न्यायालय एक मंदिर है और मंदिर में बैठे भगवान अर्थात न्यायिक अधिकारी का पूरा आवाम सम्मान करता है दूसरे शब्दों में कहें तो न्यायालय 'न्याय' का एक दरबार है, जहां फरियादी या पीड़ित अपने साथ हुए अन्याय के लिए इंसाफ मांगने आता है, लेकिन अगर न्याय के अधिकारी ही संविधान के खिलाफ चले या गलत निर्णय करे तो क्या यह हमारे भारत देश की न्याय व्यवस्था का सरेआम कत्ल नहीं है?

आखिर क्यों लोगों का न्यायिक व्यवस्था से भरोसा उठता जा रहा

यही कारण है कि लोगों का न्यायिक व्यवस्था से भरोसा उठता जा रहा है, लोग न्यायालय का सहारा इसलिए लेते हैं ताकि उसके साथ न्याय हो और दोषी को सजा हो लेकिन अधिकारी ही जब जनता के साथ अन्याय करे तो ऐसे में जनता न्याय के लिए कहां जाए। आज ऐसे ही एक भ्रष्ट अधिकारी की हकीकत से आपको रूबरू करवाते हैं, जिसने भ्रष्टाचार की सारी हदें पार कर दी।

अंधे दंपत्ति पर चोरी का आरोप

मामला कोइरौना थाना क्षेत्र के चंदापुर गांव का है। जहां एक अंधे दम्पति सोना देवी व पति फूलचंद कश्यप पर उसके ही परिवार की महिला रेखा देवी, ओमप्रकाश, व जयप्रकाश ने चोरी का आरोप लगाकर थाने पर चोरी के आरोप का झूठा मुकदमा थाने में दर्ज कराया। पुलिस के भय से दोनों अंधे दम्पति अपनी पुत्री के साथ फरियाद लेकर तहसील दिवस पहुंचे और जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक के समक्ष न्याय की गुहार लगाई ।

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फरियादी ने एसडीएम चंद्रशेखर की चौखट पर ही दम तोड़ा

जहां दोनों अधिकारीयों ने न्याय दिलाने की बात कही। इसके बावजूद भी कोइरौना पुलिस द्वारा मेरी कोई सुनवाई नहीं की गई। बल्कि पुलिस, चोरी के आरोप में अंधे दम्पति को ही प्रताड़ित करने लगी। इसी की फरियाद को लेकर जब दोनों अंधे दम्पति अपनी एक छोटी बच्ची के साथ न्याय की गुहार लगाने सदर एसडीएम के द्वार पहुंचे।

एसडीएम द्वारा भी फरियाद नहीं सुनी गई

लेकिन एसडीएम द्वारा भी फरियाद नहीं सुनी गई। जब तक वह न्याय की गुहार लगाता रहा कि इसी बीच घबराहट में अंधे फरियादी ने एसडीएम चंद्रशेखर की चौखट पर दम तोड़ दिया। जहां न्याय की भीख मिलने के पहले ही एक जिम्मेदार अफसर की लापरवाही व हीलाहवाली से अंधा फूलचंद अपनी पत्नी सोना देवी और छोटी बच्ची को छोड़कर दुनिया से अलविदा हो गया।

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रिपोर्ट-उमेश सिंह, भदोही

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