प्रदेश की पहली बाइक रैली की विजेता बनी पल्लवी फौजदार, 8 मार्च को राष्ट्रपति से मिलेगा सम्मान

रैली में टाइम स्पीड डिस्टेंस फॉरमेट से विजेताओं का चयन किया गया। तकनीकी सहयोग दे रहे इंकार्नेशन स्पो‌र्ट्स के सुदेव बरार ने प्रतिभागियों को सुबह रैली से जुड़े नियमों की जानकारी दी।

Update:2017-03-06 09:22 IST

आगरा/नोएडा: नवंबर 2016 साइकिल रैली के बाद आगरा में फिर नया इतिहास रचा गया। उत्तर प्रदेश की पहली बाइक रैली का आगरा में आगाज हुआ। ‘द आगरा ताज बाइक रैली’ में 67 प्रतिभागियों ने भाग लिया। पांच कैटेगरी में संपन्न हुई 150 किमी की रैली में रेसिंग बाइक के साथ विंटेज बाइक और स्कूटर भी दौड़ते नजर आए। यह पहली बार है, जब किसी रैली में विंटेज वाहनॉन ने भी भाग लिया। जहां पुरुष वर्ग में ओवर आल चैंपियन ओमिद बिन असद रहे, वहीं महिला वर्ग में राष्ट्रपति पुरुस्कार विजेता पल्लवी फौजदार रही।

सैफई स्थित लॉयन सफारी से ताजमहल तक प्रदेश की पहली साइकिल रैली 26 व 27 नवंबर को हुई थी। इसके विजेताओं को आगरा में हुए समारोह में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पुरस्कृत किया था। पहली साइकिल रैली से जुड़ी रही ताजनगरी में प्रदेश की पहली बाइक रैली का आयोजन रविवार को हुआ। ताज रॉयल्स प्रो बाइकिंग क्लब द्वारा आयोजित रैली सुबह करीब 10 बजे होटल क्लार्क शीराज से शुरू हुई । रैली में टाइम स्पीड डिस्टेंस फॉरमेट से विजेताओं का चयन किया गया। तकनीकी सहयोग दे रहे इंकार्नेशन स्पो‌र्ट्स के सुदेव बरार ने प्रतिभागियों को सुबह रैली से जुड़े नियमों की जानकारी दी। फेडरेशन ऑफ मोटर स्पो‌र्ट्स क्लब्स ऑफ इंडिया के समीर जुनेजा ने कहा कि मोटर स्पो‌र्ट्स में जाने के लिए टीएसडी फॉर्मेट की रेस प्रथम पग की तरह होती है। इसमें नियंत्रित गति की वजह से न्यूनतम खतरा रहता है।

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नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित पल्लवी फौजदार ने कहा कि उप्र में यह पहली रेस है, जिसमें महिलाओं को प्रतिस्पर्धा का मौका मिला। इससे मोटर स्पो‌र्ट्स में भाग लेने के लिए महिलाओं को बढ़ावा मिलेगा। दिल्ली से आई तरुणा सिंह और सीमा सेठ ने कहा कि कच्चे-पक्के रास्तों पर बाइक चलाना अपने आप में अनूठा था।

दिन भर में करीब 150 किमी की दूरी तय कर प्रतिभागी वापस होटल पहुंचें। रैली का 70 फीसद रूट ऑफ रोड और 30 फीसद ऑन रोड रखा गया था। इसमें भाग लेने के लिए विंटेज राइडर्स की पांच सदस्यीय टीम दिल्ली से आई थी। इस रैली में 3 महिला बाइकर्स ने भी भाग लिया। नारी शक्ति पुरस्कार के लिए चुनी गईं पल्लवी फौजदार, जिसमें प्रमुख रूप से शामिल थी। पुरुष वर्ग में ओवर आल चैंपियन बेहतर परफॉर्मेंस के लिए ओमिड बिन असद को घोषित किया गया। वहीं महिला वर्ग में पल्लवी फौजदार चैंपियन बनी।

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रैली फेडरेशन ऑफ मोटर स्पोर्ट्स क्लब ऑफ इंडिया द्वारा निर्धारित नियमों व मापदंडों के अनुरूप हुई। क्लब के मुख्य संरक्षक हरविजय सिंह वाहिया ने बताया कि यह उप्र की पहली बाइक रैली है। अन्य प्रदेशों में तो रैली होती रही हैं, लेकिन उप्र में ऐसा आयोजन आज तक नहीं हुआ। रैली में भाग लेने को लेह से प्रतिभागी आगरा आए। आगरा के अलावा दिल्ली, अलीगढ़, फीरोजाबाद के राइडर्स ने इसमें भाग लिया।

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कौन हैं यह पल्लवी फौजदार

पुरुष प्रधान मोटर बाइकिंग के क्षेत्र में अपनी क्षमता का लोहा मनवाने वाली आगरा की बेटी पल्लवी फौजदार के नाम एक और बड़ा आयाम जुड़ गया। बाइकर पल्लवी फौजदार को नारी शक्ति पुरुस्कार 2016 से नवाजा गया है। वूमेन इनपॉवरमेंट के लिए राष्ट्रपति भवन में आठ मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी सम्मानित करेंगे। सम्मानस्वरूप उन्हें एक लाख रुपए की नगद राशि दी जाएगी। आगरा की पल्लवी फौजदार 18774 फुट ऊंचाई तक मोटरबाइक ले जाने वाली देश की पहली महिला हैं। उनका नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज है। मुश्किल रास्तों पर हौसले की बाइकिंग से उन्होंने उपलब्धि हासिल की है। उन्हें बाइक चलाने का जुनून है। बाइक भी वह अकेले चलाती हैं।

आगरा के सिकंदरा स्थित हरीश नगर की रहने वाली और आगरा एनफील्डर्स क्लब की सदस्य पल्लवी फौजदार पहले भी बाइक से कई रिकॉर्ड बना चुकी हैं, लेकिन 2015 में उन्होंने जो कारनामा किया है, वो हर किसी के बस की बात नहीं है। उनसे पहले दर्जनों बाइकर्स ने इस रिकॉर्ड को पाने की कोशिश की थी, लेकिन माणा गांव जाकर ही वो लौट आते थे। लेकिन इरादों की पक्की पल्लवी ने सबसे ऊंचे माणा पास पर तिरंगा फहराकर अपने इरादे जाहिर कर दिए।

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क्या कहना है पल्लवी फौजदार

पल्लवी ने 18,700 फीट ऊंचे माणा पास जाने का मन बनाया। उन्हें पता था कि आगे का सफर जानलेवा है, मगर वापस मुड़ना नागवार था। पहले वो भारत-चीन के बॉर्डर पर बने आखिरी गांव माणा पहुंचीं। माना जाता है कि इस गांव से स्वर्ग की सीढ़ी का रास्ता जाता है। यहां से 55 किमी ऊपर माणा पास है, मगर ये 55 किमी पूरे सफर के सबसे खतरनाक थे। सुरक्षा कारणों से उन्हें दिन छिपने से पहले ही वापस लौटना था। सफर शुरू किया, तो पता चला कि रास्ता था ही नहीं। ऑक्सीजन कम हो गई थी। बर्फ पर बाइक फिसल रही थी। एक बार वो बाइक से गिर भी गईं। तब उन्हें लगा कि अब वो ऊपर नहीं जा सकतीं, लेकिन फिर हिम्मत जुटाई और अपनी मंजिल तक पहुंच गईं। विश्व के सबसे ऊंचे मोटरेबल पास पर जाकर उन्होंने तिरंगा फहराया।

पल्लवी ने बताया कि उनके सैन्य अधिकारी पति और बच्चों का उन्हें पूरा सपोर्ट मिला। जब वो इस सफर के लिए निकली थीं, तो उन्हें पता था कि कुछ भी हो सकता है। उनका पूरा परिवार उनकी सलामती के लिए प्रार्थना कर रहा था।

हालांकि पल्लवी राष्ट्रपति पुरूस्कार मिलने से अत्यधिक खुश हैं। लेकिन साथ ही उनका कहना है कि ये तो अभी शुरुआत है। आगे और भी मुकाम बाकी हैं।

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मुख्यमंत्री कर चुके सम्मानित

पल्लवी फौजदार को गत साल प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्बारा आउट स्टेंडिग वुमेन ऑफ यूपी का खिताब भी दिया गया था। फाइन आर्टस व फैश डिजाइनिग का कोर्स करने वाली पल्लवी के प्रेरणा स्तोत्र उनके पति परीक्षित मित्रा है। वह सैन्य सेवा में है।

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बाइक से बनाए कई रिकार्ड

पल्लवी एक ऐसी बाइकर है जिन्होंने 5000 मीटर की ऊचाई को अपनी बाइक से फतह किया है। यही नहीं वह कई बार लद्दाख भी जा चुकी है। साथ ही 5000 मीटर से ऊंची आठ पास को भी छुआ है। इनमें से तीन ऐसे थे, जहां तक कोई भी बाइकर नहीं पहुंच सका है।

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