लखनऊ: बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने बीजेपी पर जमकर हमला बोला। उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा कि विदेशों से काला धन लाने में बीजेपी सरकार नाकाम। चुनाव में बेरोजगारों किसानों से किए वादे को बीजेपी ने नहीं निभाया है। सिर्फ अटलजी की मौत को भुनाने का काम बीजेपी कर रही है।
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लोकसभा चुनाव में बीजेपी का सफाया होगा। बीजेपी सरकार ने केवल बड़े-बड़े पूंजीपतियों और धन्नासेठों का ही भला किया है। आर्थिक इमरजेंसी जैसा माहौल के लिए बीजेपी को आम जनता से माफी मांगनी चाहिए। महिला सुरक्षा के मुद्दे पर भी BJP की कोई नीति नहीं है अब पूरे देश में भीड़ तंत्र कार्य कर रहा है बीजेपी के राज्यों में ऐसे हमले लोकतंत्र को कलंकित कर रहे हैं।
दलितों और पिछड़े वर्ग के महापुरुषों का बार-बार नाम लेने से यह वर्ग इनके बहकावे में आने वाला नहीं है। दलित वर्ग के भारत बंद में सहयोग करने पर उनके विरुद्ध फर्जी मुकदमे लगाकर उन्हें जेल में भेजा गया है जबकि BSP बार-बार उन्हें जेल से बाहर निकालने की मांग करती रही। भीड़तंत्र का राज।
गलत आर्थिक नीतियों से उत्पीड़न हो रहा है भ्रष्टाचार खत्म करने की आड़ में नोटबंदी जैसे तुगलकी फरमान भी जारी किए। संविधान में अनुसूचित जाति जनजाति दर्ज है तो बीजेपी को क्यों ऐतराज है कि वह दलित शब्द से परहेज करें क्योंकि देश के संविधान में देश का नाम भारत दर्ज है जबकि बीजेपी और उनके नेता इसे हिंदुस्तान ही बुलाते हैं।
माल्या केस पर बोलते हुए मायावती ने बीजेपी और कांग्रेस दोनों पर आरोप लगाया कहा दोनों ही बराबर के गुनहगार हैं।
मायावती ने भीम सेना प्रमुख की आलोचना की
मायावती ने रविवार को भीम सेना के नेता चंद्रशेखर उर्फ रावण पर हमला बोलते हुए कहा कि वह इस तरह के लोगों के साथ कभी कोई संबंध नहीं रख सकती हैं। बसपा अगर भाजपा को हराने के लिए गठबंधन में शामिल होगी तो उसे अच्छी संख्या में सीटें मिलनी चाहिए।
भीम सेना प्रमुख 15 महीने की जेल की सजा काटकर शुक्रवार को बाहर निकले। उन्हें उत्तर प्रदेश के शब्बीरपुर गांव में हिंसा फैलाने के मामले में कथित भूमिका को लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत गिरफ्तार किया गया था।
उन्होंने घोषणा की है कि उनका मायावती के साथ कोई मतभेद नहीं है, जिन्हें वह बुआ मानते हैं।
मीडिया को संबोधित करते हुए मायावती ने कहा, "पिछले दिनों एक शख्स जेल से बाहर आया है। वह मुझे बुआ कहने की कोशिश कर रहा है। मैं कभी भी इस तरह के लोगों से कोई संबंध नहीं रख सकती हूं।"
उन्होंने यह भी कहा कि वह गठबंधन के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन वह तभी इसमें शामिल होंगी, जब उनकी पार्टी को उन राज्यों में सम्मानजनक सीटें मिलेंगी, जहां वह कमजोर है।
मायावती ने कहा, "अगर ऐसा नहीं होता है तो हम अकेले चुनाव मैदान में उतरेंगे।"
बसपा कांग्रेस के साथ मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में गठबंधन के लिए बातचीत कर रही है, जहां वह कमजोर खिलाड़ी रही है। सभी तीनों राज्यों में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने हैं।