Sonbhadra News: यूपी से एमपी की रेलवे साइडिंग तक कोयले का काला कारोबार, रैक अनलोडिंग पर जिम्मेदारों ने साधी चुप्पी
Sonbhadra News: यूपी से एमपी तक की रेलवे साइडिंग तक कोयले के काले कारोबार की मिली जानकारी ने जिम्मेदारों के होश उड़ा दिए हैं।
Sonbhadra News: कृष्णशीला रेलवे लाइडिंग पर मिले लगभग दस मिलियन टन कोयले के अवैध भंडारण (illegal storage of coal) को लेकर जहां अब तक कोई दावेदार सामने नहीं आ सका है। वहीं यूपी से एमपी तक की रेलवे साइडिंग तक कोयले के काले कारोबार की मिली जानकारी ने जिम्मेदारों के होश उड़ा दिए हैं। रेलवे और एनसीएल जहां आंतरिक स्तर पर मामले की तह में जाने में जुटा हुआ है।
वहीं यूपी यानी सोनभद्र स्थित रेलवे साइडिंग पर होने वाले काले कारोबार को लेकर जिला प्रशासन ने तेजी से जानकारी जुटानी शुरू कर दी है। कोल और पावर सेक्टर की तरफ से भी, इसको लेकर एक टीम गठित किए जाने की बात चर्चा में है। कृष्णशिला रेलवे साइडिंग पर मिले अवैध कोल भंडारण और इससे तथा रेलवे रैकों के जरिए कोयला के नाम पर मंगाए जाने वाले रिजेक्टेड कोल से जुड़े, कोयला तस्करी-कोल स्कैम सिंडीकेट को लेकर मिली जानकारी के बाबत, एक रिपोर्ट जिला प्रशासन की तरफ से शासन को भेज दी गई है।
कृष्णशिला रेलवे साइडिंग के पास कोयले का बहुत बड़ा अवैध भंडारण मिला
बताते चलें कि गत शुक्रवार को कृष्णशिला रेलवे साइडिंग के पास कोयले का बहुत बड़ा अवैध भंडारण पाया गया था। उसके बाद प्रशासन ने अगर कोई व्यक्ति, कंपनी इस बाबत दावा पेश करना चाहती है तो इसके लिए पब्लिक नोटिस जारी कर एक सप्ताह की समयसीमा तय की। बावजूद जहां बृहस्पतिवार तक कोई दावेदार सामने नहीं आया।
वहीं इस बीच झारखंड के बरकाकाना से कोयले के नाम पर रिजेक्टेड कोयले से भरी रैक कृष्णशिला पहुंचने, इसके अनलोडिंग के लिए कोई दावेदार न आने के बाद रेलवे की तरफ से संबंधित ट्रांसपोर्टिंग कपंनी को लेकर सख्ती बरतनी शुरू की। तब जाकर संबंधित कपंनी की तरफ से बुधवार की शाम रैक की अनलोडिंग कराई गई। कोयला अभी कृष्णशिला की साइड पर पड़ा हुआ है। यहां कोयला कहां जाना था, इसकी मिलावट किस रूप में और कहां के लिए की जानी थी, इसको लेकर सवाल उठाए जाने लगे हैं।
वहीं कोयला तस्करी और कोयले में मिलावट के खेल से जुड़े कोयल स्कैम सिंडीकेट से यूपी, एमपी सहित कई राज्यों के तार जुड़े होने की स्थिति को देखते हुए, जिला प्रशासन की जांच में अब तक जो भी जानकारी सामने आई है, उसको दृष्टिगत रखते हुए, जरूरी कदम उठाने के लिए एक रिपोर्ट जिला प्रशासन को भेज दी गई है। वहीं स्थानीय स्तर पर भी इसको लेकर और ज्यादा जानकारी जुटाई जा रही है।
उधर, डीटीएम चोपन दीपक कुमार का सेलफोन पर कहना था कि उनका स्थानांतरण हो गया है। इसलिए वह इस मामले को नहीं देख रहे हैं। इस कारण अनलोडिंग या भंडारण के बाबत कोई जानकारी दे पाने में असमर्थ हैं। वहीं कृष्णशिला स्टेशन मास्टर विनोद कुमार ने सेलफोन पर बताया कि गोदावरी नामक कंपनी ने कोयले के नाम पर, रैक बुक कराकर मंगाया था। उसमें कोयला था या रिजेक्टेड कोयला था, इसके बारे में वह कुछ बता नहीं पाएंगे। अनलोडिंग किसने कराई.. के सवाल पर कहा कि गोदावरी कंपोजिट लिमिटेड कंपनी के लोगों ने इसे अनलोड कराया है।
रेलवे लाइन के 150 मीटर एरिया में भंडारण को लेकर भी उठे सवाल
जिला प्रशासन की जांच में रेलवे लाइन के डेढ़ सौ मीटर एरिया के भीतर कोयले के भंडारण की स्थिति पाई गई थी। जबकि इसके लिए जब तक रेलवे एनओसी नहीं दे देता, तब तक रेलवे लाइन के दोनों तरफ डेढ़ सौ मीटर की एरिया में, विधिक रूप से भंडारण नहीं किया जा सकता। उधर, इस बारे में एडीएम सहदेव मिश्र से जानकारी चाही गई तो उनका कहना था कि प्रशासन की जांच और मौके पर जो भी स्थितियां पाई गई हैं, उसको लेकर आवश्यक कार्रवाई के लिए रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है।