बसपा ने राज्यपाल को दिया ज्ञापन, की सीएए विरोध प्रदर्शन की न्यायिक जांच की मांग

उत्तर प्रदेश में कांग्रेस और सपा के बाद अब बहुजन समाज पार्टी ने भी सीएए के विरोध प्रदर्शन में हुई हिंसा की न्यायिक जांच की मांग की है।

Update: 2020-01-06 08:01 GMT
बसपा ने राज्यपाल को दिया ज्ञापन, की सीएए विरोध प्रदर्शन की न्यायिक जांच की मांग

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में कांग्रेस और सपा के बाद अब बहुजन समाज पार्टी ने भी सीएए के विरोध प्रदर्शन में हुई हिंसा की न्यायिक जांच की मांग की है। बसपा महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा के नेतृत्व में पार्टी प्रतिनिधिमंडल ने राजभवन पहुंच कर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को इस संबंध में ज्ञापन सौंपा।

सतीश मिश्रा ने की न्यायिक जांच की मांग

राज्यपाल को ज्ञापन देने के लिए मुनकाद अली के साथ पहुंचे सतीश मिश्रा ने कहा कि नागरिकता कानून के विरोध में हुए दंगों में जनहानि को लेकर राज्यपाल को ज्ञापन सौंप कर प्रदेश में हुए दंगे की न्यायिक जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि ज्ञापन में मांग की गई है कि दंगे में जिन परिवारों के लोगों को मौत हुई है उनको सरकार मुआवजा दे तथा दंगे के दौरान गिरफ्तार कर जेल भेजे गए लोगों को तुरंत रिहा किया जाए। इसके साथ ही नागरिकता संशोधन कानून के विरोध प्रदर्शन में लिखे गए मुकदमे तत्काल प्रभाव में वापस लिए जाएं।

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मायावती ने ट्वीट कर कहा था कि...

गौरतलब है कि बसपा सुप्रीमों मायावती ने बीते रविवार को ही ट्वीट कर इस मामले में पार्टी का रूख तय कर दिया था। मायावती ने कहा था कि यूपी में सीएए और एनआरसी के विरोध में किए गए प्रदर्शनों में बिना जांच-पड़ताल के ही विशेषकर बिजनौर, सम्भल, मुजफ्फरनगर, मेरठ, फिरोजाबाद व अन्य और जिलों में भी जिन निर्दोषों को जेल भेज दिया है, जिसे मीडिया ने भी उजागर किया है, यह अति-शर्मनाक व निंदनीय है।

एक अन्य ट्वीट में मायावती ने कहा था कि यूपी सरकार इनको तुरन्त छोड़े व इसके लिए सरकार को अपनी गलती की माफी भी मांगनी चाहिये। उन्होंने कहा कि इस हिंसा में जिन निर्दोषों की मृत्यु हो गई है, राज्य सरकार को उन परिवारों की न्यायोचित आर्थिक मदद भी जरूर करनी चाहिये। बसपा सुप्रीमो ने आगे लिखा कि ऐसे में अब इस पूरे राज्य-स्तरीय प्रकरण की न्यायिक जांच होना बहुत जरूरी है।

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