लखनऊ यूनिवर्सिटी में लगी थी गोली, 17 साल बाद निकाली गई

Update: 2016-05-07 04:36 GMT

लखनऊः 17 साल बाद दिल्ली सरकार में परिवहन मंत्री गोपाल राय के रीढ़ की हड्डी में फंसी गोली निकाल दी गई है। शुक्रवार को अपोलो हॉस्पिटल में उनका ऑपरेशन किया गया। उन्हें 1999 में गोली लगी थी।

1999 में लगी थी गोली

-लखनऊ यूनिवर्सीटी से निकाले गए एक स्टूडेंट्स के ग्रूप ने 18 जनवरी 1999 हमला किया था।

-हमले में गोपाल राय बच तो गए, लेकिन गोली उनके रीढ़ की हड्डी में फंस गई।

-उस समय डॉक्टरों ने गोली निकालने में उनकी जान को खतरा बताया था।

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-यह ऑपरेशन उस समय बहुत खर्चीला होता था।

-रीढ़ की हड्डी में दर्द बढ़ने पर उन्होंने अपोलों के डॉक्टर्स से बात की।

-डॉक्टर्स ने कई जांच किए उसके बाद ऑपरेशन किया।

-दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग उनका हालचाल पूछने हॉस्पिटल पहुंचे।

क्यों हुआ था हादसा?

-गोपाल राय लखनऊ यूनिवर्सिटी से समाजशास्त्र में पीजी कर रहे थे।

-वह हबीबुल्लाह हॉस्टल के कमरा नंबर 91 में रहते थे।

-राय उस समय आइसा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी थे।

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-तिलक हॉस्टल में हुए विवाद में गोपाल राय के खिलाफ केस दर्ज हुआ था।

-इस घटना के कुछ समय बाद अपराधिक प्रवृत्ति के राकेश शर्मा ने राय को गोली मारी।

-राकेश स्वास्थ निदेशक की हत्या का मुख्य आरोपी था।

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