UP: आकाश आनंद नेशनल को-ऑर्डिनेटर पद से हटाए जाने के बाद BSP में भूचाल, दो नेताओं ने दिया इस्तीफा
Akash Anand BSP: आकाश आनंद को बसपा के नेशनल को-ऑर्डिनेटर पद से हटाने के बाद से ही पार्टी के भीतर कलह मचा हुआ है। दो नेताओं ने आज पार्टी से इस्तीफा दे दिया।
Lok Sabha Election 2024: लोकसभा की गहमागहमी में बसपा के भीतर भी हलचल मचा हुआ है। बीते दिनों पार्टी ने आकाश आनंद को पूर्ण परिपक्व न बताते हुए नेशनल को-ऑर्डिनेटर पद से हटा दिया। साथ ही पार्टी के उत्तराधिकारी बनाने के भी फैसले को वापस ले लिया। इसकी जानकारी पार्टी ने सोशल मीडिया के माध्यम से दी। इसके बाद से ही राजनीतिक गलियारों में तरह तरह की चर्चाएं हो रही हैं। लेकिन पार्टी के भीतर मायावती के इस फैसले का विरोध तेज हो गया है।
नेताओं ने दिया पार्टी से इस्तीफा
दरअसल, आकाश आनंद को पार्टी के नेशनल को-ऑर्डिनेटर के पद से हटाए जाने के बाद बसपा पदाधिकारियों के इस्तीफे की झड़ी लग गई है। बता दें, अमेठी से बीएसपी नेता राम लखन शुक्ला और राजीव शुक्ला सहित कई नेताओं ने अपना इस्तीफा सौंप दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, नेताओं ने पार्टी के निष्ठावान कार्यकर्ताओं पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए इस्तीफा दिया है। बताया जा रहा है कि ये सभी नेता आकाश आनंद के पक्ष में नजर आ रहे हैं।
बीएसपी सुप्रीमो ने कही थी ये बात
गौरतलब है कि मायावती ने बीते मंगलवार को अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट पर एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, "विदित हो कि बीएसपी एक पार्टी के साथ ही बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान तथा सामाजिक परिवर्तन का भी मूवमेन्ट है, जिसके लिए मान्य। कांशीराम व मैंने खुद भी अपनी पूरी ज़िन्दगी समर्पित की है और इसे गति देने के लिए नई पीढ़ी को भी तैयार किया जा रहा है।" उन्होंने आगे लिखा, "इसी क्रम में पार्टी में, अन्य लोगों को आगे बढ़ाने के साथ ही मैंने आकाश आनंद को नेशनल कोओर्डिनेटर व अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था। लेकिन, पार्टी व मूवमेन्ट के व्यापक हित में पूर्ण परिपक्वता आने तक अभी उन्हें इन दोनों अहम जिम्मेदारियों से अलग किया जा रहा है।"
आकाश आनंद ने सीतापुर में दिया था विवादित बयान
दरअसल, बीते 6 अप्रैल से बसपा नेता आकाश आनंद ने नगीना सीट से पार्टी के चुनावी अभियान की शुरूआत की थी। तब से लेकर 28 अप्रैल तक उन्होंने ताबड़तोड़ चुनावी जनसभाएं की। लगातार पक्ष पर पलटवार किए। लेकिन इसी चुनावी गहमागहमी में आकाश आनंद से एक चूक हो गई। 28 अप्रैल को सीतापुर की एक जनसभा में जनता को संबोधित करते हुए आकाश आनंद ने कुछ ऐसा कह दिया जिससे आज उन्हें अपने पार्टी के नेशनल को-ऑर्डिनेटर पद से हटा दिया गया। आकाश आनंद ने सीतापुर के संबोधन में बीजेपी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा, भाजपा की सरकार बुलडोजर की सरकार नहीं, ये आतंकवादियों की सरकार है। अपनी जनता को गुलाम बना कर रखा है। समय आ गया है ऐसी सरकार को देश से अलविदा कहने का। बसपा सुप्रीमो मायावती को देश की प्रधानमंत्री बनाने का। आकाश ने पीएम मोदी को घेरते हुए कहा कि देश में रोजगार नहीं है। लोग अपने बच्चों को पढ़ा लिखाकर पकौड़े तलवाएंगे क्या? अंत में आकाश ने चुनाव आयोग को संबोधित करते हुए कहा कि यदि आपको ये सब झूठ लगता है तो आप आईए... और देखिए जमीनी हकीकत क्या है?”
आकाश आनंद के खिलाफ दर्ज हुई थी एफआईआर
इस जनसभा के बाद से ही देश की राजनीति में और हलचल मच गई। सत्त पक्ष के लोग बसपा व आकाश आनंद पर जुबानी हमले करने लगे। जनसभा के बाद ही आकाश आनंद सहित उनके पार्टी के कुछ नेताओं के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन व विवादित बयान देने को लेकर एफआईआर दर्ज किया गया। आकाश आनंद का 1 मई को लखनऊ और कानपुर में सार्वजनिक सभा को संबोधित करना था, लेकिन दोनों सभाओं को बिना कोई कारण बताए स्थगित कर दिया गया। बसपा ने रैलियों को अचानक स्थगित करने का कोई कारण नहीं बताया, लेकिन घटनाक्रम से परिचित एक बसपा नेता ने कहा कि एफआईआर दर्ज होने के बाद रैलियां स्थगित कर दी गई हैं।