Chitrakoot News: चित्रकूट में सरकारी जमीनों पर ढहा भूमाफिया का साम्राज्य, फिर चला बुलडोजर, ढहाए गए पिलर

Chitrakoot: देवांगना रोड़ पर हनुमान धारा के करीब विकास प्राधिकरण की टीम ने बिना नक्शे व ले-आउट की गई प्लाटिंग में लगे पिलर जेसीबी से गिरवा दिए।

Update: 2022-11-25 12:19 GMT

सरकारी जमीन से अवैध कब्जा हटाया

Chitrakoot News: धर्मनगरी चित्रकूट के चारों तरफ के क्षेत्र में भूमाफियाओं ने पिछले कई वर्ष से प्लाटिंग का कारोबार चला रखा था। पिछले करीब दो माह से जिला प्रशासन के द्वारा चल रही जाँच में अनियमित तरीके से की गई प्लाटिंग पर अब कार्रवाई की जा रही है। शुक्रवार को देवांगना रोड़ पर हनुमान धारा के करीब विकास प्राधिकरण की टीम ने बिना नक्शे व ले-आउट की गई प्लाटिंग में लगे पिलर जेसीबी से गिरवा दिए।

प्राधिकरण से प्लाटिंग के पहले किसी ने नहीं बनवाया नक्शा

प्राधिकरण से प्लाटिंग के पहले किसी ने नक्शा नहीं बनवाया, सीधे कृषि योग्य भूमि की प्लाटिंग कर दी गई। जिनको चिन्हित कर लगातार ढ़हाया जा रहा है। मुख्यालय कर्वी से लेकर धर्मनगरी चित्रकूट के चारों तरफ यूपी-एमपी क्षेत्र में भूमाफियाओं ने पिछले कई वर्ष से प्लाटिंग का कारोबार चला रखा था। किसानों से सस्ते रेट में जमीनें खरीदने के बाद उनको कालोनियां बसाने के लिए प्लाटिंग करके मनमानी पैसा वसूलकर दिया है। इसमें संबंधित जमीन की व्यावसायिक तौर पर रजिस्ट्री नहीं कराई गई। इसके अलावा विकास प्राधिकरण से नक्शा व ले-आउट भी स्वीकृत नहीं कराया गया है। मनमानी तरीके से की गई प्लाटिंग पर यूपी-एमपी दोनों तरफ ही प्रशासन की कार्रवाई तेजी के साथ जारी है।


करीब दो माह के भीतर लगभग एक दर्जन प्लाटिंग स्थलों पर चलाया बुलडोजर

यूपी की तरफ अब तक करीब दो माह के भीतर लगभग एक दर्जन प्लाटिंग स्थलों पर बुलडोजर चलाया गया है। शुक्रवार को पुन: विकास प्राधिकरण की टीम ने देवांगना रोड स्थित हनुमान धारा के समीप प्लाटिंग स्थल पर लगे पिलर ढ़हाए है। यहां पर करीब 40 बीघे में प्लाटिंग की गई है।

इस अभियान से भूमाफियाओं में मचा हडकंप

जिला प्रशासन की ओर से चलाए जा रहे इस अभियान से भूमाफियाओं में हडकंप मचा हुआ है। भूमाफिया सरकारी जमीनों के पास ही जमीनें खरीदकर प्लाटिंग करते हैं। इसी बीच सरकारी जमीनों को उसी में मिलाकर प्लाटिंग कर बेच लेते हैं। मुख्यालय कर्वी स्थित पुरानी बाजार विद्युत विभाग के स्टोर के पास नजूल की जमीन पर अवैध प्लाटिंग की शिकायत पर डीएम ने नायब तहसीलदार रामानंद मिश्र को जांच के लिए भेजा।

अभिलेखों में करीब एक बीघे जमीन नजूल की है: तहसीलदार

तहसीलदार ने बताया कि अभिलेखों में करीब एक बीघे जमीन नजूल की है। संबंधित जमीन की पैमाइश कराने के लिए टीम गठित की गई है। सरकारी जमीन को खाली कराया जाएगा। जिन लोगों ने नजूल की जमीन में कब्जा किया है, उनको खाली करने के लिए नोटिस जारी की जाएगी। जगह-जगह चल रहे प्लाटिंग के कारोबार में सफेदपोश से लेकर सरकारी महकमे के कर्मचारी ज्यादातर शामिल हैं।


राजस्व विभाग के ज्यादातर लेखपाल, परिषदीय स्कूलों में तैनात शिक्षक आदि प्लाटिंग के कारोबार में अधिक रुचि ले रहे हैं। बताते हैं कि वह अपनी नौकरी के प्रति खास ध्यान नहीं देते, बल्कि प्लाटिंग में रात-दिन जुटे रहते है। स्थानीय के अलावा पड़ोसी जनपदों से आकर भी कुछ लोग प्लाटिंग का कारोबार कर रहे है। जिनकी आर्थिक स्थिति की छानबीन कराई जाए तो प्लाटिंग के कारोबार में लगने वाले पैसे का खुलासा भी हो सकता है।

सरकारी जमीनों से अवैध कब्जे पूरी तरह हटाए जाएंगे: डीएम

डीएम अभिषेक आनंद ने बताया कि बिना नक्शा व ले-आउट के जिन स्थलों पर प्लाटिंग हुई है, उनको चिन्हित कर ध्वस्तीकरण कराया जा रहा है। सरकारी जमीनों से अवैध कब्जे पूरी तरह हटाए जाएंगे। अवैध तरीके से कब्जा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। अब तक काफी लोग चिन्हित भी हो चुके है। ऐसे लोगों की संपत्ति की भी जांच कराई जा रही है।

अपर जिलाधिकारी ने बताया कि जमीन का पहले लेआउट बनवाया जाता है, इस लेआउट में 65% निर्माण की अनुमति होती है, 35% हरित पट्टी और खुला एरिया होता है ,जो व्यक्ति प्लाटिंग करता है, उसी व्यक्ति को लेआउट के अंदर रोड लाइट एवं नाली व पार्क डिवेलप करना होता है , प्लाटिंग करने वाले को लेआउट प्राधिकरण से अनुमोदित कराना होता है तथा क्षेत्रफल के हिसाब से लाखों रुपया विकास शुल्क अदा करना होता है ,इसके बाद कॉलोनी को संबंधित स्थानीय निकाय अर्थात नगर पालिका को हैंड ओवर करना होता है। यदि इस प्रक्रिया को नहीं अपनाया जाता तो वह सभी प्लाटिंग अवैध होती है ।

Tags:    

Similar News