Chitrakoot News: टाइगर रिजर्व की बनेगी महायोजना, 200 कैमरो से जीवों की होगी निगरानी

Chitrakoot News: टीम में वैज्ञानिक, जीव जंतुओं व जंगल के विशेषज्ञ को रखा जाएगा। जो तीन माह में महायोजना तैयार करके देंगे।

Update: 2022-11-26 08:01 GMT

टाइगर रिजर्व की बनेगी महायोजना (photo: social media )

Chitrakoot News: रानीपुर वन्यजीव विहार बुंदेलखंड का पहला और उत्तर प्रदेश का चौथा टाइगर रिजर्व बन चुका है। करीब 529.36 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैले रानीपुर टाइगर रिजर्व को विकसित करने की तैयारी शुरू हो गई है। टाइगर रिजर्व का समग्र विकास कैसे किया जाएगा उसके लिए दस वर्ष का खाका महायोजना के रूप में तैयार किया जाएगा।

जनपद के दो दिन के दौरे पर आए रानीपुर टाइगर रिजर्व के क्षेत्रीय निदेशक व मुख्य वन संरक्षक वन्यजीव पश्चिमी एसएन मिश्रा ने बताया कि टाइगर कंजर्वेशन प्लान (महायोजना) के लिए टीम गठित की जा रही है। इस टीम में वैज्ञानिक, जीव जंतुओं व जंगल के विशेषज्ञ को रखा जाएगा। जो तीन माह में महायोजना तैयार करके देंगे। अगले वित्तीय वर्ष मार्च 2023 से उस महायोजना पर काम शुरु हो जाएगा। योजना में रूट, पर्यटकों के रहने, साधन समेत आर्थिक विकास पर खाका तैयार किया जाएगा। जिस के अनुसार आगे 10 वर्षों तक काम होगा। वैसे सरकार ने 50 करोड़ का बजट देेगी। वह अगले वित्तीय वर्ष मिलेगा उसके आने वाले व्याज से काम होंगे। बजट को टाइगर रिजर्व के फंड में सुरिक्षित रखा जाएगा।

200 कैमरे से जीव जंतुओं की होगी निगरानी

रानीपुर टाइगर रिजर्व के जंगल में कौन-कौन से जंगली पशु हैं उनका सर्वे करने के लिए 200 स्थान पर कैमरा टैप लगाए जाएंगे। जंगल में किस किस्म के जानवर है, इसकी सूचना इन कैमरे से हासिल की जाएगी। 200 ट्रैकिंग कमरे लगाने का काम शुरू किया जा रहा है। यह कैमरे सभी बीटों में लगाए जाएंगे। इससे जंगलों में वन्य जीव की हलचल और मौजूदगी का पता चल सकेगा। बता दें कि केन-बेतवा लिंक परियोजना के कारण मध्य प्रदेश का पन्ना टाइगर रिजर्व का बड़ा हिस्सा डूब क्षेत्र में आने वाला है। इसके वहां के बाघ चित्रकूट की ओर आ रहे हैं। क्षेत्रीय निदेशक ने बताया कि अपने जंगल में हिरन, भालू, सांभर, तेंदुआ आदि पशु तो काफी है लेकिन गाय व भैसों के शिकार से लगता है कि बाध में जंगल में है। उनकी टैगिंग के लिए यह कैमरे लगाए जा रहे हैं।

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