सीएम योगी आदित्यनाथ की इस चिंता से आप नहीं होंगे वाकिफ

प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य सरकार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की पहल पर चलाये जा रहे जल शक्ति अभियान की सफलता के लिए कार्य कर रही है। राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में जल शक्ति विभाग का गठन किया गया है। ऐसा करने वाला उत्तर प्रदेश पहला राज्य है।

Update: 2019-08-27 16:32 GMT

लखनऊ: प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य सरकार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की पहल पर चलाये जा रहे जल शक्ति अभियान की सफलता के लिए कार्य कर रही है। राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में जल शक्ति विभाग का गठन किया गया है। ऐसा करने वाला उत्तर प्रदेश पहला राज्य है।

उन्होंने कहा कि शुद्ध जल की कमी होने के कारण हमें जल का दुरुपयोग हर हाल में रोकना होगा। साथ ही, जल संचयन भी सुनिश्चित करना होगा। इसके अलावा, भूगर्भ जल स्रोतों की समुचित और निरंतर रिचार्जिंग भी सुनिश्चित करनी होगी।

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मुख्यमंत्री ने यह विचार आज ‘मिशन पानी’ कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि देश के विभिन्न प्रदेशों में गम्भीर जल संकट उत्पन्न हो गया है। ऐसा वर्षा जल के सुनियोजित संचयन न होेने और भूगर्भ जल के अत्यधिक दोहन के कारण हो रहा है। संकुचित होते हुए वन क्षेत्र भी इसका मुख्य कारण हैं। इससे समय-समय पर सूखे के संकट भी खड़ा हो जाता है, जिससे कम वर्षा के कारण भूगर्भ जल तथा अन्य जल स्त्रोत जैसे तालाब, डैम, झीलें, नदियां सूखने लगते हैं। उत्तर प्रदेश सरकार जल संकट की स्थिति से निपटने के लिए कई कदम उठा रही है।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरे देश में जल संचयन और भूगर्भ जल की रिचार्जिंग के उद्देश्य से ही केन्द्र सरकार द्वारा जल शक्ति मंत्रालय का गठन किया गया है। जल की समुचित उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए हम सभी को जल स्रोतों जैसे तालाबों, पोखरों, कुओं, झीलों, नदियों इत्यादि में प्रचुर मात्रा में जल की उपलब्धता सुनिश्चित करनी होगी।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि जल संचयन और जल शक्ति जीवन को बचाने वाले कार्यक्रम हैं। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्लास्टिक के उपयोग पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया है क्योंकि इससे बड़े पैमाने पर जल स्रोत प्रदूषित होते हैं। हमारा मानना है कि वन हैं तो जल है। इसी परिप्रेक्ष्य में राज्य सरकार द्वारा पूरे प्रदेश में बड़ी संख्या में वृक्षारोपण कराया जा रहा है, क्योंकि इससे वर्षा तो आकर्षित होती ही है, साथ ही, इससे भूगर्भ जल की रिचार्जिंग में भी मदद मिलती है।

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