कोरोना से निपटने के लिए 14-18 घंटे काम कर रहे हैं सीएम योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अलावा दोनों उपमुख्यमंत्री और मंत्रिमंडल का कोई सदस्य इस तरह सड़कों पर नहीं दिख रहा है जिस तरह मुख्यमंत्री मोर्चा संभाले हुए हैं इससे स्पष्ट होता है कि उनका एजेंडा एक दम साफ़ है कि 'प्रदेश की जनता पहले है बाकी सब बाद में'।
लखनऊ: कोरोना संक्रमण के खिलाफ यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इन दिनों दिन रात मेहनत कर अकेले ही मोर्चा संभाले हुए हैं। वह इसके लिए अधिकारियों के साथ कई राउंड मीटिंग करते हैं । उन्होंने ठान रखा है कि देश में अन्य राज्यों में भले कोरोना संक्रमण काफी फैल चुका है लेकिन वह इसे यूपी में अधिक पांव नही पसारने देंगे। यह लगातार तैयारियों का जायजा लेने और उन्हें मूर्तरूप देने के लिए स्वयं सक्रिय रहते है। इस महामारी से पीडि़तों को जहां बेहतर इलाज दिलाने के लिए वे आला अधिकारियों के साथ चिकित्सकों के संपर्क में है तो इसको लेकर नागरिकों को मिलने वाली सुविधाओं को परखने के लिए भी वे स्वयं भौतिक सत्यापन कर रहे है।
प्रदेश की जनता पहले है बाकी सब बाद में
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अलावा दोनों उपमुख्यमंत्री और मंत्रिमंडल का कोई सदस्य इस तरह सड़कों पर नहीं दिख रहा है जिस तरह मुख्यमंत्री मोर्चा संभाले हुए हैं इससे स्पष्ट होता है कि उनका एजेंडा एक दम साफ़ है कि 'प्रदेश की जनता पहले है बाकी सब बाद में'। लाकडाउन की घोषणा होने के बाद से मुख्यमंत्री प्रतिदिन अपने उच्चाधिकारियों के साथ बैठक कर रहे है, वहीं वे जहां स्वयं जिलों से जानकारी ले रहे है तथा इससे निपटने के लिए सरकारी तैयारियों के बारे में अधिकारियों से भी फीडबैक ले रहे है। कोरोना जैसी महमारी से निपटने के लिए उनकी सक्रियता देखते बन रही है।
वितरित होने वाले लंच पैकेट की गुणवत्ता परखी
उनके स्पष्ट आदेश है कि इस महामारी को लेकर जो लोग पलायन कर रहे है उनकों वहीं का वहीं रोक दिया जाए तथा उनके रहने-खाने की समुचित और पर्याप्त व्यवस्था की जाए। इस मुद्दे पर जमीनी हकीकत जानने को वे स्वयं भी पहुंच रहे है। पिछले दिनों उन्होने राजधानी के महानगर स्थित कल्याण मंडप पहुंचकर लोगों को वितरित होने वाले लंच पैकेट की गुणवत्ता परखी। इसी तरह उन्होंने विभिन्न स्थानों से लखनऊ से पहुंच रहे लोगों से काकोरी में पहुंचकर उनकी समस्याएं सुनी और अधिकारियों को उसके निस्तारण के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री की सक्रियता से जनता में उनकी छवि एक मसीहा के रूप में उभरी है।
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लॉकडाउन के दौरान कोई भी भूखा नहीं रहना चाहिए- CM योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पलायन कर रहे लोगों को उनके गन्तव्य तक पहुंचाने के लिए रोडवेज की बसो की भी पर्याप्त व्यवस्था की तथा दूसरे देशों से प्रदेश में आने वाले लोगों के लिए भी अन्यंत्र व्यवस्था की है। मुख्यमंत्री के स्पष्ट निर्देश है कि लॉकडाउन के दौरान कोई भी भूखा नहीं रहना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई को और मजबूत करने का भी निर्देश दिया है। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि अन्य राज्यों से यूपी लौटने वाले श्रमिकों को अनिवार्य रूप से घर पर रखा जाए। इसके तहत स्थानीय अधिकारी क्वारंटाइन में संबंधित लोगों के घर या आवासीय योजना के गेट पर एक नोटिस चस्पा कराएंगे।
लगभग 60,000 ग्राम पंचायतों को कोरोना संवेदनशील बनाया गया
मुख्यमंत्री कार्यालय के मुताबिक लगभग 60,000 ग्राम पंचायतों को कोरोना को लेकर संवेदनशील बनाया गया है और ग्राम प्रधानों को इस बात की भी जानकारी दी गई है कि वे बाहर से आ रहे व्यक्तियों के बारे में बताएंगे। कोरोना से पीडि़त लोगों को समुचित उपचार की व्यवस्था सुनिश्चित कराने के लिए एसजीपीजीआई में अलग से वार्ड की व्यवस्था की गयी है इसका मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वयं निरीक्षण किया साथ ही पीजीआई प्रशासन के साथ चिकित्सा शिक्षा के अधिकारियों को निर्देश दिया कि यदि कोई भी कोरोना पीडि़त आता है तो उसके उपचार की व्यवस्था सुनिश्चित रखी जाए।
इसके अलावा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर ही दूसरे राज्यों में फंसे उत्तर प्रदेश के लोगों को आवश्यक सुविधाएं मुहैया कराने के साथ इसको लेकर आ रही दिक्कतों को दूर करने के लिए आईएएस और आईपीएस अधिकारियों को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। इसके अलावा दिल्ली के यूपी भवन में जो नियंत्रण कक्ष बनाया गया है उसका भी मुख्यमंत्री ने स्वयं निरीक्षण किया।
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सीएम योगी ने 27 लाख पन्द्रह हजार मनरेगा कर्मियों को दिए 611 करोड़
मुख्यमंत्री के निर्देश पर मुख्यसचिव दूसरे राज्यों में नियुक्ति नोडल अफसरों के संपर्क में है। उत्तर प्रदेश मूल के अन्य प्रदेशों में कार्यरत श्रमिकों की समस्याओं के निराकरण के लिए पूर्व में 12 प्रदेशों के प्रभारी बनाये गये वरिष्ठ प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों के क्रम में केरल, तमिलनाडु एवं नार्थ ईस्ट के भी प्रभारी नामित कर दिये गये हैं। यही नहीं मुख्यमंत्री ने 27 लाख पन्द्रह हजार मनरेगा कर्मियों को 611 करोड़ का पारिश्रमिक वितरित किया।
मुख्यमंत्री का कहना है प्रदेश में कोई भूखा न रहे के क्रम में आधुनिक सुविधाओं से युक्त कम्युनिटी किचन संचालित हैं जिनके द्वारा प्रतिदिन हजारों की संख्या में फू ड पैकेट्स तैयार कराकर वांछित लोगों को निर्बाध रूप से उपलब्ध कराये जा रहे हैं।