LESA के बेलगाम अफसरों का कारनामा, बैंक में चेक आया नहीं और करार दिया बाउंस

रायबरेली रोड निवासी अशोक कुमार बक्शी ने फरवरी महीने के​ बिजली बिल का पेमेंट चेक से किया था। मार्च महीने में जब वह फिर बिल जमा करने पहुंचे तो पता चला कि उनका दिया गया चेक बाउंस हो चुका है।

Update:2017-04-29 14:05 IST
LESA के बेलगाम अफसरों का कारनामा, बैंक में चेक आया नहीं और करार दिया बाउंस

लखनऊ: रायबरेली रोड निवासी अशोक कुमार बक्शी ने फरवरी महीने के​ बिजली बिल का पेमेंट चेक से किया था। मार्च महीने में जब वह फिर बिल जमा करने पहुंचे तो पता चला कि उनका दिया गया चेक बाउंस हो चुका है। बैंक से जानकारी करने पर पता चला कि चेक पेमेंट के लिए बैंक में आया ही नहीं। इस गड़बड़ी को लेकर उन्हें अधिशासी अभियंता के ऑफिस के कई चक्कर लगाने पड़े। उनके साथ अभद्रता भी हुई। बकाया बिल जमा करने के लिए भी उन्हें काफी मशक्कत करनी पड़ी। यह हाल है लेसा (लखनऊ इलेक्ट्रीसिटी सप्लाई एडमिनिस्ट्रेशन) का।

बक्शी का कहना है कि उन्हें बैंक से लिखकर मिला कि उनका चेक उनकी शाखा में आया ही नहीं और उनके खाते में पर्याप्त बैलेंस है। राष्ट्रीयकृत बैंक से जारी इसका सर्टिफिकेट भी उन्होंने अधिशासी अभियंता को दिया। इसके बावजूद वह मानने को तैयार नही हैं कि उनका चेक बांउस नहीं हुआ है। यहां तक कि पेमेंट में उनसे चेक बाउंस के तौर पर लगभग आठ सौ रुपए और जमा कराए गए।

एसडीओ ने की अभद्रता

योगी आदित्यनाथ सरकार ने सत्ता में आने के बाद भ्रष्टाचारी और निकम्मे अफसरों के खिलाफ मुहीम छेड़ रखी है। इसके उलट बिजली की बिलिंग, भुगतान और सर्विस में लापरवाही से लेसा उपभोक्ताओं की दिक्कतें थम नहीं रही हैं। यहां इंजीनियरों का मूड तय करता है कि उपभोक्ता को राहत मिलेगी या नहीं। अशोक कुमार बक्शी की आप बीती इसकी तस्दीक करती है। उन्होंने अपनी समस्या की शिकायत जब स्थानीय एसडीओ पीपी सिंह से की तो उन्होंने बक्शी के साथ अभद्रता की। इससे आहत बक्शी ने अधिशासी अभियंता राम सनेही यादव के यहां गुहार लगायई। चेक बाउंस प्रकरण के अलावा बक्शी अपना बकाया भुगतान भी करना चाहते थे। बक्शी का कहना है कि इसके लिए भी उन्हें अधिशासी अभियंता के ऑफिस के कई चक्कर लगाने पड़े।

क्या कहते हैं अधिशासी अभियंता ?

अधिशासी अभियंता राम सनेही यादव का कहना है कि लेसा में डिसआॅनर चेकों की सेंट्रलाइज्ड फीडिंग होती है। एक डिप्टी सीओ इसका काम देखते हैं। उन्होंने भी बैंक से मिले किसी जवाब के आधार पर ही चेक की डिसआॅनर की श्रेणी में फीडिंग की होगी। ऐसे में यदि चेक बाउंस नहीं हुआ तो उसकी फीडिंग कैसे हुई। वह इसकी जानकारी करेंगे।

एसडीओ को फटकार

अधिशासी अभियंता राम सनेही यादव का कहना है कि उन्हें जब एसडीओ पीपी सिंह के उपभोक्ता से अभद्रता की जानकारी दी गई तो उन्होंने एसडीओ को फटकार लगाई।

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