कोरोना का असरः थमी वाहनों की रफ्तार, बेकारी को मजबूर चालक-क्लीनर

लॉकडाउन में सबकुछ बंद है। वाहन चल नही रहे, कोरोना वायरस को लेकर सवारियां भी खतरा मोल नही ले रहीं। डेली कमाने-खाने वालों को अधिक मुसीबतें हो रही हैं।

Update: 2020-04-01 03:46 GMT

कन्नौज: ''भैया, इस लॉकडाउन में तो बहुत दिक्कत हो गई। आठ दिनों से घर पर टेंपो खड़ा है। जिले के ठठिया-मानीमऊ मार्ग पर चलाता रहा हूं। लेकिन बंदी की वजह से गाड़ी खड़ी है। पैसा न आने की वजह से खाने व कमाने की परेशानी हो रही है। दो-चार दिन की बात होती तो किसी तरह झेल लेता, लेकिन 21 दिन लॉकडाउन में सबकुछ बिगड़ जाएगा।''

वाहनों की थमी रफ्तार तो चालक-क्लीनर हो रहे परेशान

यह दर्द कन्नौज के सिर्फ ब्लॉक सदर क्षेत्र के गुखरू ग्राम पंचायत के सुल्तनापुर गांव निवासी नाहर खां का ही नही है, बल्कि उन हजारों चालक, क्लीनर व कंडेक्टरों की दिक्कत है जो अपना व परिवार का पालन पोषण मोटरबाजी से करते हैं। लॉकडाउन में सबकुछ बंद है। वाहन चल नही रहे, कोरोना वायरस को लेकर सवारियां भी खतरा मोल नही ले रहीं।

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8 दिन टेम्पो चालक परेशान, बेकारी झेल रहे

दरअसल, 22 मार्च को 'जनता कर्फ्यू' रहा। आपाधापी के बीच दो दिन बाजार खुला, लेकिन चैत्र नवरात्र की शुरुआत से 25 से लगातार बंदी चल रही है। अधिकतर दुकानों के शटर गिरे हैं। वाहनों के इंजन बंद हैं। डेली कमाने-खाने वालों को अधिक मुसीबतें हो रही हैं। कई लोग सरकारी राहत का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन मिल नहीं पार ही।

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स्कूली बच्चे कर रहे मस्ती, चल रही छुट्टी

ये लॉकडाउन क्या है, बच्चों को नहीं पता, लेकिन उनको यह मालुम है कि इन दिनों स्कूलों की छुट्टी चल रही है। जिस वजह से छात्र-छात्राएं गांव में खूब मस्ती कर रहे हैं। दोपहर के वक्त खाली खड़े वाहनों की सीटों पर बैठकर बातें कर रहे हैं। शाम को खेतों की ओर निकल जाते हैं। कभी-कभी सड़क किनारे का नजारा भी देखते हैं।

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बिना परीक्षा सब पास

मानीमऊ-ठठिया मार्ग पर स्थित सुल्तनापुर गांव निवासी अनमता कक्षा दो की छात्रा है, उसने बताया कि वह सरकारी स्कूल में पढ़ती है, लेकिन अभी स्कूल बंद हैं। कक्षा चार में पढ़ने वाली निजबा ने बताया कि इस टेंपो में सुमैरा भी है जो कक्षा तीन में पढ़ती है। लेकिन इन बच्चों को पता नहीं है कि इस बार परीक्षा नहीं होगी। बिना परीक्षा के ही सभी पास हो गए हैं।

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