रामपुर ठकरा में चला वन ​​विभाग का ट्रैक्टर, फसल जोती मचा कोहराम

प्रदेश के उच्च न्यायालय के आदेश के पालन में किसानो की खड़ी फसलों को जोत दिया गया। वन विभाग के ट्रैक्टरों ने गन्ना,धान,चरी, बाजरा किसी को नहीं छोड़ा और फसलों

Update: 2017-09-18 14:33 GMT
रामपुर ठकरा में पर चला वन ​​विभाग का टैक्टर, फसल जोती मचा कोहराम

बिजनौर : प्रदेश के उच्च न्यायालय के आदेश के पालन में किसानो की खड़ी फसलों को जोत दिया गया। वन विभाग के ट्रैक्टरों ने गन्ना,धान,चरी, बाजरा किसी को नहीं छोड़ा और फसलों तहस नहस कर दिया। बिजनौर के गांव रामपुर ठकरा में उस वक्त कोहराम मच गया जब 900 बीघा जमीन पर भारी पुलिस बल के साथ वन विभाग के अधिकारी गांव और खेतों को खाली कराने पहुंचे। जिससे गाँव की महिलाएं बेहोश हो गई और बच्चे अपने उजड़ने के डर से रोने पीटने लगे पूरे गाँव मे मातम छा गया है।

ये भी देखें: सहारनपुर कांड की आड़ में भाजपा मेरी हत्या करना चाहती थी-मायावती

दरसल ये पूरा मामला बिजनौर के रामपुर ठकरा गाँव का है जहां एक तरफ़ वन विभाग द्वारा ग्रामीणों के खेतों में खड़ी फसलों को उजाड़ दिया गया है। यहां के ग्रामीणों का कहना है कि वो इस गाँव मे पिछली तीन पीढ़ियों से रह रहे है। और यहां के किसान और ग्रामीण पिछले लगभग 70-80 सालों से इस गांव और यहां की जमीन पर काबिज है। लेकिन अब वन विभाग इस जमीन को अपनी बताता है और सन 2004 से इस जमीन के मालिकाना हक़ के लिए कोर्ट में मुकदमा चला रखा था।

जहां वन विभाग न्यायालय में जीत हासिल कर चुका है। और किसानों को नोटिस भी दे चुका है, वहीं किसानो का कहना है कि हम सुप्रीम कोर्ट गए थे जहां सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट को कहा है। कि वह इस मामले में दोबारा सुनवाई कर फ़ैसला दे। लेकिन हाई कोर्ट पहले ही वन विभाग के हक में फैसला सुना चुका है लिहाजा वन विभाग कोई भी छूट किसानों को देना नहीं चाहता और उन्होंने किसानों की खड़ी फसल पर ट्रैक्टर चलवा दिया।

ये भी देखें: इशारों से दिव्यांगों ने PM से किए सवाल, एक कार्ड की मांग की

डीएफओ बिजनौर: इस मामले में डीएफओ एम सेमारन बिजनौर का कहना है कि रामपुर ठकरा गाँव हस्तिनापुर वन्य जीव सेंचुरी की आरक्षित वन भूमि का हिस्सा है।और यहां पर इन ग्रामीणों का अवैध कब्जा है। जिसे मुक्त कराने के लिए विभाग को उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है। जिसके लिए वो पुलिस के साथ मिलकर फिलहाल इनके खेतों में खड़ी फसल को नष्ट करा रहे है।अगर गाँव भी विस्थापित करना पड़ा तो वो करायेंगे। अगर ऐसा होता है,तो वे ग्रामीणों के पुनर्वास के लिए भी प्रयास करेंगे।

 

Tags:    

Similar News