बहराइच: जिला हॉस्पिटल में इलाज के दौरान बुखार पीड़ित एक बच्चे की 20 रुपए न होने पर हुई मौत के मामले में जांच के आदेश दे दिए गए हैं। सीएमएस ने डॉ. एसपी सिंह को जांच सौंपी थी लेकिन, उन्होंने जांच कर पाने में असमर्थता जताई है। इसके चलते सीएमएस ने नए सिरे से तीन डॉक्टरों का पैनल गठित किया है। एक सप्ताह में जांच रिपोर्ट मांगी है। रिपोर्ट आने के बाद दोषियों पर कार्रवाई होगी।
क्या था मामला?
-बहराइच के खमरिया गांव की सुमिता का 10 महीने के बेटे कृष्णा को कई दिनों से बुखार आ रहा था।
-उसे उल्टी और दस्त की शिकायत हुई तो सुमिता उसे लेकर जिला हॉस्पिटल गई।
-डॉक्टर ने उसे बताया कि बच्चे को खून की कमी है। कृष्णा को भर्ती कर इलाज शुरू किया गया।
-हर रात बच्चे को एक इंजेक्शन लगता था। बीते सोमवार की रात जिला हॉस्पिटल के वार्ड में कोई डॉक्टर नहीं था।
-एक स्वीपर पवन कुमार वहां था। सुमिता ने उससे ही कहा कि बच्चे को इंजेक्शन लगा दे। इस पर पवन ने 20 रुपए मांग लिए।
पैसे न देने पर नहीं लगाया इंजेक्शन
-सुमिता का आरोप है कि जब उसने पवन से कहा कि इस वक्त पैसे नहीं है, वह इंजेक्शन लगा दे, सुबह उसे पैसे दे देगी।
-इस पर पवन ये कहकर चला गया कि पैसे सुबह दोगी, तभी इंजेक्शन भी लगा दूंगा।
-इंजेक्शन न लगने की वजह से 10 महीने के मासूम की तबीयत बिगड़ गई और मंगलवार सुबह उसने दम तोड़ दिया।
-बच्चे की मौत की खबर के बाद सुमिता के घरवालों ने हंगामा भी किया था।
जिला हॉस्पिटल के सामने स्थित बौद्ध परिपथ पर शव रखकर परिजनों ने रोड जाम कर दिया था।
इसके चलते शहर की यातायात व्यवस्था भी चरमरा गई थी।
मामले को तूल पकड़ता देख चिकित्साधीक्षक डॉ. ओपी पांडेय ने जिला हॉस्पिटल के वरिष्ठ डॉक्टर एसपी सिंह को जांच सौंपी थी।
लेकिन डॉ. एसपी सिंह ने अकेले जांच कर पाने में असमर्थता जतायी। इस पर सीएमएस ने तीन डॉक्टरों का एक पैनल गठित किया है।
जिसमें अध्यक्ष डॉ. एसपी सिंह व सदस्य डॉ. मोहम्मद इदरीश तथा डॉ. रामकुमार जयंत बनाए गए हैं।
सीएमएस ने कहा कि गठित पैनल के चिकित्सकों से एक सप्ताह के अंदर रिपोर्ट मांगी गई है।