लोगों ने की महादेव की आराधना, मनकामेश्वर में उमड़ी भक्तों की भीड़

Update: 2016-03-07 06:31 GMT

लखनऊ: गोमती नदी के किनारे बसा ये मंदिर रामायणकाल का है और इनके नाम मनकामेश्‍वर से ही इस बात का एहसास हो जाता है कि यहां मन मांगी मुराद पूरी होती है। जैसे ही भक्‍त इस मंदिर में प्रवेश करते हैं उन्‍हें शांति की अनुभूति होती है। भोले बाबा कभी भी अपने दर पर आए हुए को खाली हाथ नहीं भेजते, कभी उन्हें निराश नहीं करते। मनकामेश्वर मंदिर में तो महादेव अपने भक्तों की सभी इच्छाएं पूरी कर देते है।

शिव-पार्वती का ये मंदिर बहुत सिद्ध माना जाता है। मान्यता है कि माता सीता को वनवास छोड़ने के बाद लखनपुर के राजा ने यहीं रुककर भगवान शंकर की अराधना की थी, जिससे उनके मन को बहुत शांति मिली थी। लोग यहां आकर विवाह और संतानप्राप्ति की मनोकामना करते हैं और उसे पूरा होने पर बाबा को बेलपत्र, गंगाजल और दूध आदि से श्रृंगार करते हैं, हालांकि बाबा एक लोटे जल से भी प्रसन्न हो जाते है।

महाशिवरात्रि और सावन,कजरी तीज के मौके पर मंदिर में भक्तों की भीड़ देखने को मिलती है। यहां पर आरती का भी विशेष महत्व है कहते हैं कि यहां की आरती में शामिल होकर मन में जो भी कामना की जाती है वो अवश्य पूरी होती है। फूल, बेलपत्र और गंगा जल से भोले भंडारी का अभिषेक होता है।

नीचे देखिए शिवरात्रि पर मनकामेश्वर मंदिर में भक्तों की उमड़ी भीड़

 

 

 

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