Sonbhadra News: यूपी-एमपी सीमा पर हर माह करोड़ों की डीजल तस्करी, पेट्रोल पंप संचालक सहित तीन पर केस
Sonbhadra News: यूपी के सोनभद्र से सटी मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले की सीमा पर, एक बार फिर से डीजल की बड़ी तस्करी का मामला सामने आया है।
Sonbhadra News: यूपी के सोनभद्र से सटी मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले की सीमा पर, एक बार फिर से डीजल की बड़ी तस्करी का मामला सामने आया है। बगैर किसी कागजात को दुधीचुआ कोल परियोजना में एक आउटसोर्सिंग कंपनी के लिए, टैंकर के जरिए चंदौली (ताराजीवनपुर) स्थित पेट्रोल पंप से ले जाया जा रहा 25 हजार लीटर डीजल पकड़े जाने के बाद हुई छानबीन में सामने आई जानकारी ने जिम्मेदारों के होश उड़ा दिए हैं। मामले में पूर्ति विभाग की रिपोर्ट पर डीएम चंद्र विजय सिंह ने जहां संबंधितों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की मंजूरी दे दी है। वहीं, पूर्ति विभाग की तरफ से भघ संबंधित पेट्रोल पंप संचालक, संबंधित आउटसोर्सिंग कंपनी के प्रोपराइटर सहित तीन के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई के लिए शक्तिनगर पुलिस को तहरीर दे दी गई है।
ऐसे सामने आया मामला
सीमा क्षेत्र के पंपों पर गड़ी निगाह: शक्तिनगर पुलिस और पूर्ति विभाग की टीम को सूचना मिली कि चंदौली के एक पंप से जुड़ा टैंकर अवैध तरीके से डीजल लेकर जिले की सीमा से सटे दुधीचुआ स्थित कोल खदान में आउटसोर्सिंग का काम करने वाली आरकेएस कंस्ट्रक्शन को आपूर्ति करने जा रहा है। सूचना के आधार पर टीम ने शक्तिनगर स्थित यूपी-एमपी सीमा पर वाहनों की चेकिंग शुरू की तो कुछ ही देर में डीजल लदा टैंकर संख्या UP-67-AT7557 पकड़ लिया गया। चालक कृष्ण कुमार निवासी अदलहाट, मिर्जापुर से कागजात की मांग की गई तो वह कोई कागजात नहीं दिखा पाया। इस पर उसे टैंकर सहित हिरासत में लेकर शक्तिनगर थाने ले आया गया। पूर्ति निरीक्षक म्योरपुर निर्मल सिंह ने बताया कि चालक ने पूछताछ चंदौली के ताराजीवनपुर स्थित जनसुविधा केएसके नामक पेट्रोल पंप से डीजल लोड किए जाने की जानकारी दी है। उसने बताया कि वह इस डीजल को आरकेएस कंस्ट्रक्शन दुद्धीचुआ ले जा रहा था। इससे पहले भी वह, आरकेएस कंस्ट्रक्शन को डीजल की आपूर्ति कर चुका है। पूर्ति निरीक्षक ने बताया कि पूछताछ के बाद पूरे मामले की रिपोर्ट जिला पूर्ति अधिकारी के जरिए डीएम के यहां प्रस्तुत की गई। डीएम के यहां से मंजूरी मिलने के बाद, मामले में आरकेएस कंस्ट्रक्शन दुद्धीचुआ के प्रोपराइटर, जनसुविधा केएसके पेट्रोल पंप के संचालक और टैंकर चालक के खिलाफ संबंधित धाराओं में प्राथमिकी दर्ज करा दी गई है। उधर, मामले में शुक्रवार की शाम दर्ज की गई एफआईआर को लेकर, यूपी-एमपी सीमा एरिया में डीजल तस्करी से जुड़े लोगों में हड़कंप की स्थिति बनी रही। वहीं एमपी-यूपी सीमा क्षेत्र स्थित कई पंपों की भूमिका पर सवाल उठाए जाते रहे।
छह माह से चल रहा खेल, नहीं पड़ रही किसी की नजर
पूर्ति विभाग की सक्रियता ने भले ही, चंदौली से सिंगरौली के लिए हो रही डीजल तस्करी से जुड़े एक बड़े खेल का खुलासा करने में कामयाबी पा ली हो लेकिन सच्चाई यहीं है कि तस्करी की जड़ें इस कदर मजबूत हैं कि खुदरा पंपों से किसी भी हाल में 200 लीटर से अधिक डीजल न देने की पाबंदी है। बावजूद 25 से 30 हजार लीटर डीजल कंज्यूमर पंपों (थोक डीजल के खरीदार) वाली फर्मों के पास पहुंच जा रहा है और इंडियन आयल के किसी अफसर को इसकी भनक तक न लग पाना एक बड़ा सवाल बन गया है। दिलचस्प मसला यह है कि नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत के साथ ही थोक और खुदरा रेट में 25 रुपये का भारी अंतर सामने आया था। सूत्र बताते हैं कि उसी समय तस्करी का यह खेल, सोनभद्र के साथ ही चंदौली तक फैल गया था। बावजूद अब तक हर माह आपूर्ति और खपत के सत्यापन के लिए आने वाली, आयल कंपनियों के टीम की नजर अब तक इस खेल पर नहीं पड़ सकी।
एरियावार अलग-अलग फील्ड ऑफिसर तैनात, फिर भी धड़ल्ले से खेल जारी
वहीं बड़ा सवाल यह है कि थोक और खुदरा डीजल-पेट्रोल बिक्री, उसकी खपत के लिए एक बड़ा निगरानी तंत्र होने के बावजूद, इस तस्करी पर आयल कंपनी के किसी जिम्मेदार की नजर क्यूं नहीं पड़ पा रही? जबकि एरिया वार थोक और खुदरा दोनों के लिए अलग-अलग फील्ड आफिसर तैनात हैं। अभी कुछ दिन पहले एनसीएल को होने वाली सप्लाई में बड़ा खेल सामने आया था लेकिन हाई सेक्योरिटी लाक सिस्टम लागू होने के बाद भी, रूट से हटकर टैंकर और आवागमन पर किसी जिम्मेदार की नजर क्यूं नहीं पड़ सकी? यह मसला अब तक उलझा हुआ है। इससे पहले यूपी-एमपी के रेट में सात रुपये का अंतर होने को लेकर बड़ी तस्करी सामने आई थी।