बरेली: सीएचसी भोजीपुरा में गर्भवती महिला के सड़क पर बच्ची को जन्म देने का मामला तूल पकड़ने के बाद हरकत में आए प्रशासन ने दोषी कर्मचारियों पर कार्रवाई की है। एमओआइसी डॉ. सौरभ सिंह, डा. सतीश और डा. नमन सिंह का वेतन रोक दिया गया है। दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए गोपनीय रिपोर्ट तैयार की जा रही है।
क्या था मामला
- रिश्वत की पूरी रकम न देने पर गांव परेवा निवासी रामपाल की पत्नी किरन को सीएचसी भोजीपुरा में भर्ती नहीं किया गया था।
- हीमोग्लोबिन की कमी बताकर किरन को जिला हॉस्पिटल भेज दिया गया।
- पैसे कम होने के कारण परिजन किरन को लेकर टेंपो से घर ले जाने लगे।
- रास्ते में सड़क किनारे उसने बच्ची को जन्म दिया।
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हरकत में आया स्वास्थ्य महकमा
- इस अमानवीय घटना की गूंज डीजी हेल्थ तक सुनाई दी।
- डीजी ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा।
- एसीएमओ डा. मनोहर लाल, डा. एसएस चौहान जांच के लिए सीएचसी भोजीपुरा पहुंचे।
- जांच के बाद कईयों पर कार्रवाई की गई है।
- कुछ के वेतन रोक दिए गए हैं तो कुछ को दूसरी जगह भेज दिया गया है।
हेल्थ विजिटर और स्टाफ नर्स पर गिरी गाज
- प्राथमिक जांच में हेल्थ विजिटर शांता दत्ता दोषी मिली। उनका वेतन रोक दिया गया है।
- शांता को यहां से हटाकर फरीदपुर तैनात कर दिया गया है और इंक्रीमेंट पर रोक लगा दी गई है।
- स्टाफ नर्स प्रिया सक्सेना को भी दोषी पाते हुए उन्हे दलेलनगर तैनात किया गया है।
- प्रिया का भी वेतन रोक दिया गया है।
डाक्टरों पर भी हुई कार्रवाई
- एमओआइसी डॉ. सौरभ सिंह, डा. सतीश और डा. नमन सिंह का भी वेतन रोक दिया गया है।
- स्पष्टीकरण संतोषजनक न मिला तो आगे की कार्रवाई होगी।
- बुधवार को एमओआइसी डा. सौरभ सिंह उनके घर पहुंचे और जांच के बाद दवाएं दी गई।
- जच्चा-बच्चा की हालत ठीक बताई जा रही है।
जारी है अगली कार्रवाई
- सीएमओ डा. विजय यादव के मुताबिक मामले की जांच चल रही है।
- प्राथमिक जांच में दोषी मिले लोगों पर कार्रवाई की गई है।
- कई जिम्मेदारों से स्पष्टीकरण मांगा गया है।
- पूरी जांच के बाद आगे की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।