Banda News: बांदा में दशहरा मनाने की अनूठी परंपरा, पांच दिवसीय महोत्सव का आज से आगाज
Banda News: जहां समूचे देश में एक ही दिन विजयदशमी का पर्व मनाया जाता है, वहीं शहर में अनूठी परंपरा के तहत पांच दिवसीय दशहरा मनाने का चलन रहा है।
Banda News: जहां समूचे देश में एक ही दिन विजयदशमी का पर्व मनाया जाता है, वहीं शहर में अनूठी परंपरा के तहत पांच दिवसीय दशहरा मनाने का चलन रहा है। बीते वर्षों में जहां कोरोना खतरे को देखते हुए पांच दिवसीय दशहरा मिलन स्थगित रहा, वहीं इस बार बगैर किसी डर-भय के पांच दिवसीय दशहरा कार्यक्रम के आयोजन को लेकर लोगों में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है। लोगों ने दशहरा मिलन कार्यक्रम की तैयारियां तेज कर दी हैं। बांदा शहर में दशहरा पर्व का विशेष महत्व है, यहां अलग-अलग इलाकों में पांच दिनों तक दशहरा की धूम देखने को मिलती है और अलग-अलग रावण वध के मंचन के साथ रावण-मेघनाथ के पुतले जलाए जाते हैं। हालांकि कोरोना की विभीषिका के चलते बीते दो वर्षों से दशहरा की अनूठी परंपरा स्थगित रखी गई थी, लेकिन एक बार फिर से शहर के लोग पांच दिवसीय दशहरे का महापर्व मनाने के लिए खासे उत्साहित हैं और तैयारियों में जुट गए हैं। वैसे तो समूचे देश में गोस्वामी तुलसीदास द्वारा लिखी गई रामचरित मानस के अनुसार ही रामलीला का मंचन और रावण वध के बाद विजयदशमी का पर्व मनाया जाता है।
बांदा शहर में दशहरा का आयोजन पांच दिनों तक लगातार चलता है और बांदा वालों का यही अनोखा अंदाज समूचे देश से अलग करता है। यहां 5 दिन तक अलग-अलग रावण जलाने और विजयदशमी का पर्व मनाने की प्रथा है। यहां एक और खास बात है कि यहां यह त्यौहार सिर्फ पान खाने का नहीं बल्कि जलपान का पर्व है। लोग एक-दूसरे के घर जाकर पकवानों का आनंद लेते हैं और गले मिलकर दशहरा की बधाई देते हैं। बताते हैं कि यह अनूठी परंपरा नवाबों के समय से लगातार चली आ रही है। शहर की प्रागी तालाब रामलीला समिति के अध्यक्ष सीए विजय गुप्ता बताते हैं कि बांदा का दशहरा सामाजिक समरसता, उत्थान और प्रेम भाव को बढ़ाने वाला है। समयाभाव के चलते लोग एक दिन में सभी को दशहरे की बधाई नहीं दे पाते हैं, इसलिए पांच दिन तक दशहरा चलता है। इसके पहले शहर के अलग अलग स्थानों पर रामलीला मंचन का दौर चल रहा है। बुधवार को प्रागी तालाब में रावण वध व पुतला दहन के साथ ही दशहरा मिलन समारोह का आगाज हो जाएगा। जो कि अलग अलग इलाकों के हिसाब से पांच दिन तक चलेगा। वहीं अलीगंज रामलीला अध्यक्ष राजेश दीक्षित का कहना है कि दशहरा और पुतला दहन के दौरान भारी भीड़ उमड़ती है।
बताया कि गुरुवार को धूमधाम से रावण वध की लीला का मंचन होगा और इसके साथ ही अलीगंज क्षेत्र का दशहरा मनाया जाएगा। इसी तरह नाई समाज रामलीला के अध्यक्ष रामशरण का कहना है कि निर्धारित समय के अनुसार शुक्रवार को शहर के मानिक कुईंयां मैदान में रावण वध की लीला के साथ तीसरे दिन का दशहरा मनाया जाएगा। ऐसे ही चौथे दिन रावण वध की लीला का मंचन शहर के जहीर क्लब मैदान में होगा। सिंहवाहिनी मंदिर समिति के प्रबंधक प्रद्युम्न कुमार लालू दुबे कहते हैं कि पहले शहर में तीन दिन दशहरा की परंपरा से शुरू हुआ दशहरा महोत्सव धीरे-धीरे पांच दिनों तक पहुंच गया है। उनका मानना है कि ऐसा करने के पीछे वजह खुद को पांच दिन तक खुश रखना है। शहर में दशहरे के दिन लोग अपने घरोंं में विशेष तैयािरयां करते हैं और दूसरे मोहल्ला के लोग पहुंचकर दशहरा की शुभकामनाओं के साथ पकवानों का स्वाद चखते हैं। दशहरे के दिनों में लोग आपसी मतभेद को भुलाकर एक-दूसरे के गले मिलकर त्योहार की खुशियां मनाते हैं।
प्रागी तालाब से दशहरा की शुरुआत
शहर में पहले दिन का दशहरे में प्रागीतालाब के तालाब के मैदान में रामलीला मंचन व रावण वध के शुरू होता है। इस दशहरे को छोटी बाजार, मढ़िया नाका, खुटला, बन्योटा सहित एक दर्जन मोहल्लों में मनाया जाता है।
दूसरे दिन अलीगंज में रावण वध
दूसरे दिन के दशहरे में अलीगंज रामलीला में रावण का वध होता है और अलीगंज, खाईपार, बाबूलाल चाैराहा, गूलर नाका, चाैक बाजार सहित दर्जनभर मोहल्लों में दशहरे का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है।
तीसरे दिन नाई समाज का दशहरा
तीसरे दिन नाई रामलीला का मंचन मानिक कुइयां के मैदान में होता है। यहां रावण वध के बाद परंपरागत तरीके से दशहरा मिलन समारोह की धूम होती है। तीसरे दशहरे में कटरा, बलखंडी नाका, नोनिया मुहाल, छाबी तालाब, बन्योटा, क्योटरा में दशहरा मनाया जाता है।
चौथे दिन जहीर क्लब में आयोजन
चौथा दशहरा सिविल लाइन इलाके में होता है, जहीर क्लब मैदान में रावण वध के बाद स्वराज कॉलोनी, पुलिस लाइन, सिविल लाइन, आवास विकास, कालूकुआं, इंदिरा नगर, जवाहर नगर, सर्वोदय नगर आदि मोहल्लों में दशहरा मिलन होता है।
कांशीराम कालोनी में अंतिम दशहरा
शहर में अंतिम दशहरा की शुरुआत पिछले कुछ वर्षों से ही हुई है। यहां दशहरे का आयोजन बसपा सरकार में बसी कांशीराम कॉलोनी में किया जाता है। कालोनी बसने के बाद से यहां भी रावण वध के बाद दशहरा मिलन होता है और यहां के वाशिंदे धूमधाम से दशहरा की खुशियां मनाते हैं।