ED Raid on Mukhtar Ansari: अब ईडी के शिकंजे में मुख्तार अंसारी, दिल्ली, यूपी में उसके कई ठिकानों पर झापा
ED Raid on Mukhtar Ansari: जानकारी के मुताबिक, जांच एजेंसी ने बाहुबली नेता के जिन करीबियों के यहां छापा मारा है उनमें गणेश मिश्रा, विक्रम अग्रहरि और खान बस सर्विस के मालिक शामिल हैं। इस कार्रवाई में ईडी की कई टीमें शामिल थी।
ED Raid on Mukhtar Ansari: लंबे समय से सलाखों के पीछे बंद बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी की मुश्किलें एकबार फिर बढ़ती नजर आ रही है। उनके खिलाफ अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मोर्चा खोल दिया है। जांच एजेंसी ने गुरूवार को दिल्ली, लखनऊ, गाजीपुर और मऊ स्थित उसके और उसके सहयोगियों के कई ठिकानों पर छापेमारी की। ईडी ने मुहम्मदाबाद स्थित मुख्तार अंसारी के घर पर भी रेड की।
जानकारी के मुताबिक, जांच एजेंसी ने बाहुबली नेता के जिन करीबियों के यहां छापा मारा है उनमें गणेश मिश्रा, विक्रम अग्रहरि और खान बस सर्विस के मालिक शामिल हैं। इस कार्रवाई में ईडी की कई टीमें शामिल थी। इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय मुख्तार के सांसद भाई अफजाल अंसारी से भी धनशोधन के मामले में घंटों पूछताछ कर चुकी है। माफिया के दोनों बेटों अब्बास और उमर अंसारी को भी तलब किया गया था। अब्बास अंसारी इसबार अपने पिता की सीट मऊ से विधायक चुना गया है।
मुख्तार को लेकर पंजाब की सियासत गरमाई
ईडी की ये कार्रवाई ऐसे समय में हुई है जब बाहुबली मुख्तार अंसारी को लेकर पंजाब की राजनीति में भूचाल आया हुआ है। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस सत्ताधारी आम आदमी पार्टी के निशाने पर है। पूर्ववर्ती अमरिंदर सिंह सरकार के दौरान यूपी के इस बाहुबली नेता को पंजाब की जेल में वीवीआईपी ट्रीटमेंट दिया गया था। भगवंत मान सरकार ने इसके जांच के आदेश दिए थे। जांच में सामने आया कि जब मुख्तार अंसारी पंजाब की रूपनगर जेल में बंद था तब तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में उसके लिए महंगे वकील का इंतजाम किया गया था।
वकील पर 11 लाख रूपये प्रति सुनवाई कुल 55 लाख रूपये खर्च किए गए थे। पंजाब सरकार के मुताबिक, जांच में सामने आया है कि मुख्तार को जेल में फाइव स्टार की सुविधा मिल रही थी। वो अपनी पत्नी के साथ यहां रह रहा था। पंजाब के जेल मंत्री हरजोत बैन्स ने दावा किया है कि बाहुबली नेता को यूपी पुलिस से बचाने के लिए पंजाब में उसके ऊपर संदिग्ध एफआईआर की गई थी। उसी के आधार पर उसे वहां की जेल में रखा गया था।
हालांकि, मुख्तार अंसारी की ये चालाकी अधिक दिनों तक नहीं चली। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उसे यूपी के बांदा जेल में लाया गया था। तब से वो यहीं है।