एएनएम ने मांगी रिश्वत, पीड़िता ने की मुख्य चिकित्सा अधिकारी से शिकायत

सरकार द्वारा गरीब महिला के प्रसव के दौरान दिए जाने वाले लाभ के लिए रिश्वत न देने पर एक वर्ष बीत जाने के बाद भी भुगतान नहीं हो सका है।

Update: 2020-07-17 12:36 GMT

एटा: जिला महिला चिकित्सालय का एक और कारनामा सामने आया। जिसमें विभागीय कर्मचारियों ब एएनएम के गठबंधन की पोल खुल गई। जिसमें अधिकारी व कर्मचारियों से मिलकर ऐएनएम कर रही है अवैध वसूली।

रिश्वत न देने पर नहीं मिला योजना का लाभ

सरकार द्वारा गरीब महिला के प्रसव के दौरान दिए जाने वाले लाभ के लिए रिश्वत न देने पर एक वर्ष बीत जाने के बाद भी भुगतान नहीं हो सका है। आज मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय मिलने आए ग्राम भट्टमई निवासी लज्जाराम ने बताया की उसकी पत्नी पूजा के जिला चिकित्सालय एटा में 6 अगस्त 2019 को नॉर्मल डिलीवरी से पुत्र पैदा हुआ था। डिलीवरी के बाद उसे 8 अगस्त को महिला चिकित्सालय से डिस्चार्ज कर घर भेज दिया गया था।

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प्रार्थी ने अपने गांव की आशा सुमन देवी से संपर्क कर अपने समस्त संबंधित कागज दे दिए गए। उसके बाद भी आज तक स्वास्थ्य विभाग से उसका पेमेंट नहीं हुआ है। प्रार्थी जब जिला चिकित्सालय अपने पहले पुत्र के भुगतान के लिए गया तो उसकी मुलाकात जिला चिकित्सालय में एएनएम शालिनी गुप्ता से हुई जिन्होंने भुगतान न होने का कारण उन्हें रिश्वत के पैसे न देना बताया तथा शालिनी गुप्ता ने कहा तुम मुझे ढाई हजार रुपए दो तो मैं तुरंत आपका काम करा दूंगी।

एएनएम ने रिश्वत न देने पर भगाया, जो करना है कर लो

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प्रार्थी गरीब आदमी है इतना पैसा नहीं दे सकता तो वह बोखला गई और उन्होंने कहा कि ज्यादा बकबक करोगे तो 112 नंबर फोन करके बंद करा दूंगी। तभी एक एंबुलेंस का ड्राइवर आ गया और उसने धमकी दी यहां से भाग जाओ तुम किसी से भी शिकायत कर देना कोई हमारा कुछ नहीं कर सकता। तुम्हारा भुगतान अब नहीं होगा। मुख्य चिकित्सा अधिकारी अजय अग्रवाल ने घटना की जांच कराई है तथा शीघ्र भुगतान कराने की बात कही है।

रिपोर्ट- सुनील मिश्रा

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