Etah: स्कूली बच्चे जुड़े जल जागरण से, स्टूडेंट्स ने देखी जल जांचने की प्रक्रिया, हर घर जल योजना की मिली जानकारी

Etah News: जल ज्ञान यात्रा में स्कूली बच्चों ने शुद्ध पेयजल की सप्लाई की आपूर्ति प्रक्रिया को भी देखा। जल ज्ञान यात्रा में स्कूली बच्चों को बताया गया कि हर घर जल योजना से ग्रामीण परिवार किस तरह से लाभान्वित हो रहे हैं।

Report :  Network
Update:2023-11-20 18:19 IST

एटा में 'जल जीवन मिशन' (Social Media)

Etah News: एटा जिले में सोमवार (20 नवंबर) को जल-जागरण की जानकारी दी गई। इस दौरान बच्चों ने 'जल जीवन मिशन' की शुरुआत कब हुई, जल जीवन मिशन की घोषणा किसने की, 'विश्व जल दिवस' कब मनाया जाता है आदि अनेक प्रश्नों के उत्तर परिषदीय स्कूल के बच्चों ने बिना झिझके दिये। उनके अंदर जल जागरूकता पर आधारित क्विज प्रतियोगिता में भाग लेने का उत्साह देखने को मिला।

जल संचयन और संरक्षण पर आधारित नुक्कड़ नाटक का भी उन्होंने आनन्द लिया। कुछ ऐसा ही नजारा सोमवार को एटा के जलेसर स्थित ओवर हेड टैंक में देखने को मिला। मौका था, नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग की अनूठी पहल ''जल ज्ञान यात्रा'' का, जिसमें सरकारी स्कूलों के 100 से अधिक छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। जल निगम के अधिकारियों ने उनको जल जागरण के प्रति प्रोत्साहित किया।

जल जांच की प्रक्रिया दिखाई 

जल ज्ञान यात्रा में शामिल स्कूली बच्चों को सबसे पहले जल निगम लैब ले जाया गया। जहां उनको जल जांच की प्रक्रिया दिखाने के साथ भूजल उपचार से संबंधित जानकारियां दी गईं। बच्चों को भी जल के नमूनों को जांचने का मौका दिया गया। फील्ड टेस्ट किट प्रशिक्षित महिलाओं ने पानी की 11 तरह की जांच करके दिखाई। स्कूली बच्चों को शुद्ध पेयजल सप्लाई से परिपूर्ण  जलेसर गांव घुमाया गया। यहां उन्होंने नल से शुद्ध पेयजल प्राप्त कर रहे ग्रामीणों से बातचीत की और योजना से मिले फायदे को उनकी जुबानी सुना।

हर घर जल योजना के बारे में बताया 

यात्रा में स्कूली बच्चों ने शुद्ध पेयजल की सप्लाई की आपूर्ति प्रक्रिया को भी देखा। जल ज्ञान यात्रा में स्कूली बच्चों को बताया गया कि 'हर घर जल' योजना से ग्रामीण परिवार किस तरह से लाभान्वित हो रहे हैं। स्कूली बच्चों के लिए ओवर हैड टैंक परिसर में क्विज प्रतियोगिता आयोजित की गई। जिसमें जल जागरूकता से संबंधित कई तरह के  प्रश्न पूछे गये। स्कूली बच्चों को प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए प्रमाण-पत्र भी वितरित किये गये। नुक्कड़ नाटक के माध्यम से जल संचयन और संरक्षण की महत्ता पर भी प्रकाश डाला गया।

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