गढ़ में सपा का विरोधः कार्यकर्ता हो रहे बागी, नामित को हराने पर जोर
दिलीप दिवाकर का कहना है, कि राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि चुनाव लड़ने के लिए सभी स्वतंत्र हैं।
इटावा- उत्तर प्रदेश के इटावा में जिला पंचायत सदस्य के पद पर बसरेहर ब्लॉक में पार्टी के जिला प्रकोष्ठ के दो बड़े पदों पर बैठे पदाधिकारियों ने पंचायत चुनाव में पार्टी के ही खिलाफ बिगुल फूंक दिया है। जहां बसरेहर ब्लॉक में वार्ड नंबर 3 से टिकट न मिलने से नाराज समाजवादी युवजन सभा के अध्यक्ष शिवम पाल ने पार्टी के ही द्वारा नामित प्रत्याशी दुर्वेश शाक्य के खिलाफ ताल ठोक दी है।
दरअसल, शिवम पाल पिछले कई महीनों से बसरेहर वार्ड के नंबर 3 से जिला पंचायत सदस्य की तैयारी कर रहे थे। लेकिन पिछले महीने ही पार्टी में शामिल हुए दुर्वेश शाक्य जो कि 25 वर्षो से बहुजन समाज पार्टी में रहे पार्टी छोड़कर अखिलेश यादव के समक्ष पार्टी में शामिल हुए हैं। उन्हें अखिलेश यादव के द्वारा नामित किया गया लेकिन शिवम पाल ने कल नामांकन करने के बाद आज से क्षेत्र में अपना प्रचार प्रसार शुरू कर दिया और समाजवादी पार्टी के झंडे लगे गाड़ी में बैठ कर सपा के नाम पर ही वोट मांग रहे हैं। शिवम का कहना है कि कुछ लोग जो पार्टी में अभी नए आए हैं उनका कुछ ठीक नहीं मुझे भले ही पार्टी ने टिकट नहीं दिया है लेकिन क्षेत्र की जनता मुझे बेहद चाहती है, जिस कारण में चुनाव लड़ रहा हूं।
मैं समाजवादी था हूं, और रहूंगा- दिलीप
वहीं वार्ड नंबर 2 से एसटी एससी प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष दिलीप दिवाकर जोकि वार्ड नंबर 2 से चुनाव की तैयारी कर रहे थे। उनकी जगह पार्टी में शामिल हुए प्रेम सागर जाटव को टिकट दे दिया गया, जिसके बाद दिलीप दिवाकर ने भी पार्टी लाइन से अलग हटकर नामांकन दाखिल किया और आज से अपना प्रचार प्रसार शुरू कर दिया दिलीप दिवाकर का कहना है, कि राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि चुनाव लड़ने के लिए सभी स्वतंत्र हैं मैं पिछले कई सालों से समाजवादी था हूं, और रहूंगा।
हमारी पार्टी में लोकतंत्र है- गोपाल यादव
वही इस बारे में समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष गोपाल यादव ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हमारी पार्टी में लोकतंत्र है जिसके बाद कोई भी चुनाव लड़ सकता है अभी समय है और आपस में सहमति बनाने का काम किया जा रहा है लेकिन जिस तरह से बसरेहर में समाजवादी पार्टी के दो बड़े पदाधिकारी अपनी ही पार्टी के समर्थित प्रत्याशियों के खिलाफ खड़े हो गए हैं उससे कहीं ना कहीं भारतीय जनता पार्टी को फायदा मिलता दिख रहा है।
अब सवाल बनता है जब पंचायत चुनाव में अखिलेश यादव के गृह जनपद में उनके पार्टी पदाधिकारी विरोध का बिगुल बजा रहे है। तो आने वाले विधानसभा चुनाव जिसको सपा विधानसभा का ट्रायल मान रही है। इस ट्रायल वर्जन में ही कही फेल न हो जाए।