मौत के बाद भी विवादों में लेडी डॉन, परिजनों ने बताया मर्डर

Update: 2016-05-09 13:14 GMT

कानपुर: फर्रुखाबाद की लेडी डॉन के नाम से चर्चित मीरा जाटव की मौत हो गई। वह पिछले दस दिनों से कानपुर के हैलट अस्पताल में भर्ती थी। मीरा के परिजनों ने आरोप लगाया है, कि बीएसपी के एक नेता की मिलीभगत से पुलिस ने उसे मरवा दिया।

कोमा में थी मीरा

-मीरा को घायल हालत में 30 अप्रैल को फर्रूखाबाद पुलिस ने लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया था। उसके सिर में गंभीर चोटें थीं।

-फर्रूखाबाद में सर्जरी न हो पाने के कारण मीरा को कानपुर के हैलट अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

-आईसीयू में इलाज के दौरान ही वह कोमा में चली गई थी।

मीरा जाटव की मौत के बाद बिलखते परिजन

क्या कहती है पुलिस

-पुलिस का कहना है कि कस्टडी के दौरान पुलिस जीप से कूदने पर वह घायल हुई थी।

-उसे जज आवास से जेल ले जाया जा रहा था।

 

-हाल में पुलिस ने एक ऑफिसर को ब्लैकमेल करने पर गैंग के 2 लोगों को पकड़ा था।

-इसी मामले में इंस्पेक्टर को धमकाने के आरोप में मीरा को गिरफ्तार किया गया था।

-उस पर लूट और चोरी के कई मामले पहले से दर्ज थे।

मां ने लगाया हत्या का आरोप

क्या कहते हैं परिजन

-परिजनों ने पुलिस पर बीएसपी नेता महेंद्र से मिलकर मीरा को फंसाने और मरवाने का आरोप लगाया है।

-मीरा की मां का कहना है कि 2 साल पहले गांव के गुरमीत ने उसके साथ रेप किया था।

-पुलिस ने आरोपियों से मिल कर उसकी रिपोर्ट नहीं लिखी और उलटा चोरी के मामले में फंसा दिया।

-पुलिस वाले मुकदमे में उसे धमका रहे थे।

हत्या की मिलीभगत?

-30 अप्रैल को डीआईजी कानपुर से आरोपी पुलिस वालों की शिकायत कर मीरा घर लौट रही थी।

-रास्ते में एसएचओ कमालगंज ने उसे पीट पीट कर अधमरा कर दिया और फर्जी केस बना कर भर्ती करा दिया।

बीएसपी नेता और पुलिस पर पिता ने लगाया इल्जाम

-पिता का आरोप है कि बेटी ने बीएसपी नेता के बेटे के खि‍लाफ कन्नौज कोर्ट में केस किया था।

-पुलिस ने बीएसपी लीडर महेंद्र और गुरमीत से मिलकर मीरा की हत्या करायी है।

-आईजी कानपुर ने कमालगंज थाने के एसएचओ सालिग्राम समेत पांच पुलिस कर्मियों को सस्पेंड कर दिया है

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