बैंक भेज रहा था कर्ज वापसी की नोटिस, सूखे की मार से टूटे किसान ने लगा ली फांसी
बीजेपी सरकार ने किसानों की कर्ज माफ़ी की घोषणा की, तो इस परिवार में भी ख़ुशी की लहर दौड़ गई थी । लेकिन बैंक लगातार नोटिस भेज रहा था। 4 दिन पहले भी किसान को एक नोटिस मिला था। आखिर, कर्ज से परेशान किसान ने गुरुवार सुबह खेत में एक पेड़ से फंदा लगा कर लटक गया।
कानपुर: बुंदेलखंड से लगे गुरैयांपुर गांव निवासी एक किसान ने बैंक के कर्ज से परेशान होकर फांसी लगा ली। किसान ने 4 साल पहले सहकारी बैंक से 80 हजार रुपये कर्ज लिये थे। हालांकि, योगी सरकार ने किसानों की कर्ज माफी की घोषणा की थी, लेकिन बैंक किसान को लगातार नोटिसें भेज रहा था।
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कर्ज ने मारा
दो साल पहले पड़े सूखे से गुरैयांपुर अब भी नहीं उबर पाया है। गांव के किसान ने सहकारी बैंक की घाटमपुर शाखा से 80 हजार कर्ज लिया था, जो अब एक लाख नब्बे हजार हो गया था। प्रदेश में सत्ता संभालते ही जब बीजेपी सरकार ने किसानों की कर्ज माफ़ी की घोषणा की, तो इस परिवार में भी ख़ुशी की लहर दौड़ गई थी । लेकिन बैंक लगातार नोटिस भेज रहा था। 4 दिन पहले भी किसान को एक नोटिस मिला था। आखिर, कर्ज से परेशान किसान गुरुवार सुबह खेत में एक पेड़ से फंदा लगा कर लटक गया।
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मृतक के परिवार में पत्नी और तीन बेटे हैं। दो बेटे सूरत में मजदूरी करते हैं। लेकिन पिछले दो माह से वे भी मजदूरी न होने के कारण घर पर ही हैं। सन 2014 और 2015 के सूखे ने किसानों को फसल नहीं उगाने दिया। बोई गई फसलें बर्बाद हो गईं। किसान टूट गये। परिवार मुश्किलों से पेट भर रहे थे। बेटे मजदूरी करके भी कर्ज नहीं चुका सके। लेकिन बैंक लगातार कर्ज की नोटिसें भेज रहा था। इससे परिवार परेशान था।