लखनऊ: दो साल की ट्रेनिंग के बाद पहली बार फील्ड में उतर रहे पुलिस अधिकारियों ने महानिदेशक से मुलाकात की। परिचय समारोह के दौरान डीजीपी जावीद अहमद ने अधिकारियों को नसीहतें दीं। उन्होंने कहा कि अधिकारी हमेशा क़ानून का सम्मान करें और जनता के लिए उपलब्ध रहें। पहली बार पुलिस की जमीनी हकीकत से रू ब रू होने जा रहे इन युवाओं से अपील की कि वे दिल की आवाज सुने और सही रास्ता चुनें।
जिम्मेदारियां महसूस करें
-डीजीपी जावीद ने कहा कि पुलिस अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों के साथ अधीनस्थ कर्मचारियों को वैचारिक नेतृत्व प्रदान करें।
-पुलिस विभाग में वर्षों से चली आ रही रूढ़ियों को लेकर सवाल कड़े करें, और उन्हें बदलने के प्रयास भी
-नौकरी के दौरान हर दिन पसोपेश जैसे हालात बनेंगे जिसमें अपना रास्ता खुद चुनना होगा। इसमें प्रशिक्षण, संस्कार, पढ़ाई और मूल्य मदद करेंगे।
-अपने अधीनस्थ कर्मियों का व्यवहार सुधारना भी जिम्मेदारी है। अपने अमल और अपने उदाहरण से ही उन्हें सुधारा जा सकता है।
-पहले सर्किल में लीडरशिप का स्तर ऊंचा हो, फिर अधीनस्थ को प्रेरित करते रहें। एक बुरे काम से हजार अच्छे कामों पर पानी फिर जाता है।
कानून के सेवक
-इण्टरनेट साइबर क्राइम पर अधिक जानकारी रखें और विवेचना के बारे में सीखें और अपडेट रहें।
-पुलिस तत्काल राहत देने का विभाग है। लोगों की मदद करने का अनुभव बयान नहीं किया जा सकता है, सिर्फ महसूस किया जा सकता है।
कोई पुलिस अधिकारी अपने आप को कानून के ऊपर न समझे। हम कानून के सेवक हैं कानून के ऊपर नहीं।