Lucknow: LU में NAAC मूल्यांकन के लिए 5 टीमों ने परखी तैयारी, पूर्व नैक निदेशक ने कही ये बात

Lucknow University: नैक के निरीक्षण से पहले लखनऊ विश्वविद्यालय में तैयारी का जायजा लेने के लिए पूर्व नैक अधिकारी सहित 5 दलों ने विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों का दौरा किया।

Report :  Shashwat Mishra
Update: 2022-07-04 15:11 GMT

LU में NAAC मूल्यांकन के लिए 5 टीमों ने परखी तैयारी। 

Lucknow University: आगामी दिनों में होने वाले नैक (NAAC) के निरीक्षण से पहले लखनऊ विश्वविद्यालय (Lucknow University) की तैयारी का जायजा लेने के लिए, सोमवार को विश्वविद्यालय में पूर्व नैक अधिकारी व विश्वविद्यालय के वरिष्ठ अध्यापकों एवं संकाय अध्यक्षों के 5 दलों ने विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों का दौरा किया।

सबसे पहले इस मॉक निरीक्षण की शुरुआत स्वयं कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय (Vice Chancellor Professor Alok Kumar Rai) के प्रेजेंटेशन के साथ हुई, जिसमें प्रो राय ने विश्वविद्यालय के विभिन्न पहलुओं को टीम के सामने रखा। इसके बाद पूरे दिन के दौरों व प्रेजेंटेशन के बाद, विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय (Vice Chancellor Professor Alok Kumar Rai) के नेतृत्व में विश्वविद्यालय के सभी विभागों के विभागाध्यक्ष एवं कोऑर्डिनेटर्स के साथ विशेष बैठक में आमंत्रित विशेषज्ञों की टीम व विश्वविद्यालय के संकाय अध्यक्ष एवं IQAC के सदस्यों से गठित पियर टीम (peer team) ने अपने सुझाव व फीडबैक सबके समक्ष प्रस्तुत किए।


ये विशेषज्ञ रहे शामिल

विशेषज्ञों में जीव रसायन विज्ञान (biochemistry) के एक्सपर्ट, मिजोरम विश्वविद्यालय, नेहू के पूर्व कुलपति व NAAC के पूर्व निदेशक प्रो ए.एन. राय, नेहू में जीव रसायन विज्ञान विभाग (Department of Biochemistry) में 33 साल से कार्यरत प्रोफेसर एवं भारत के नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज (National Academy of Sciences of India) के फेलो रहे प्रो रमेश शर्मा, और एजुकेशन मैनेजमेंट, एजुकेशन पॉलिसी और एजुकेशन टेक्नोलॉजी की विशेषज्ञ एवं NAAC से कई वर्षो से जुड़ी डॉ रमा कोंडापल्ली शामिल थी।


सफलताओं को ग्राफिक्स में करें प्रस्तुत

प्रोफेसर ए.एन. राय (Professor A.N. Opinion) ने सभी को अवगत कराया कि होने वाले निरीक्षण में जहां लगभग 74 परसेंट वेटेज डाटा वेरिफिकेशन और वैलिडेशन को दिया जाता है, वहीं लगभग 26 परसेंट वेटेज विश्वविद्यालय के फिजिकल परफॉर्मेंस पर भी निर्भर करता है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि प्रेजेंटेशन करते समय किसी भी विभाग की सफलताएं जैसे- छात्रों का प्लेसमेंट, पास परसेंटेज, प्रतियोगी परीक्षाओं में उनकी सफलता आदि सुनियोजित ग्राफिक्स में नजर आए। उन्होंने बताया कि प्रेजेंटेशन को किस तरह से स्ट्रेटेजिकली बनाया जाए, ताकि विभाग का सबसे सफल चेहरा आने वाली निरीक्षक टीम के सामने प्रस्तुत हो, इसके लिए सूचनाओं का एक प्रोफार्मा विभागों में आइक्यूएसी टीम द्वारा बांटा गया है और उन्होंने सभी विभागों को इस प्रोफार्मा के बिंदुओं पर खास ध्यान देने के लिए अनुग्रह किया।

विभाग का महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं विद्यार्थी

विश्वविद्यालय की पूर्व NAAC निरीक्षण टीम की सदस्य रह चुकी डॉ रमा कोंडपल्ली ने सभी को अवगत कराया कि वह विश्वविद्यालय की समस्त प्रगति से वाकिफ है। अपने वक्तव्य में उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि विश्वविद्यालय एवं किसी भी विभाग का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं, उसके विद्यार्थी। इसलिए सभी विभाग अपने-अपने प्रेजेंटेशन में अपने विद्यार्थियों की सफलताओं जैसे स्टूडेंट प्रोग्रेशन, शुभ प्लेसमेंट आदि पर ज्यादा जोर दे।


सही डाटा करें प्रस्तुत

डॉ. रमा ने यह भी बताया कि आने वाली निरीक्षक टीम के सामने केवल वही डाटा प्रजेंट करें, जो वास्तव में है। प्रस्तुतीकरण इस तरीके से किया जाए कि टीम के सामने हर विभाग का एक वास्तविक स्वरूप खड़ा हो। आमंत्रित सभी विशेषज्ञों ने अब तक के विभागों की तैयारी को सराहा एवं जहां-जहां बदलाव व बेहतर किया जा सकता है। उन सभी क्षेत्रों को बैठक में उजागर किया। आमंत्रित विशेषज्ञों के साथ-साथ विश्वविद्यालय के विभिन्न संकाय के अध्यक्ष ने भी अपने अपने बातें साझा की।

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