गोंडा में टेंडर प्रक्रिया में मनमानी पर क्षेत्रीय खाद्य नियंत्रक निलंबित, 31 जुलाई को था रिटायरमेंट

UP News : देवी पाटन मंडल के क्षेत्रीय खाद्य नियंत्रक सरयू प्रसाद को मनमानी तरीके से टेंडर कराने के मामले में शासन के आदेश पर निलंबित कर दिया गया है।

Newstrack :  Network
Update: 2024-06-26 09:22 GMT

UP News : देवीपाटन मंडल में मनमानी तरीके से टेंडर कराने के मामले में क्षेत्रीय खाद्य नियंत्रक के पद पर तैनात सरयू प्रसाद को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। इसके साथ ही विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं। देवीपाटन मंडल के पूर्व कमिश्नर योगेश्वर राम मिश्रा की रिपोर्ट पर यह कार्रवाई हुई है। खाद्य नियंत्रक के खिलाफ की गई इस कार्रवाई को शासन के भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस नीति से जोड़कर देखा जा रहा है। दरअसल गोंडा जिले के खाद्य विभाग के ठेकेदारों ने क्षेत्रीय खाद्य नियंत्रक पर मनमानी तरीके से टेंडर प्रक्रिया करने का गंभीर आरोप लगाया था। पूर्व मंडल आयुक्त योगेश्वर राम मिश्रा ने अपर आयुक्त देवीपाटन मंडल से पूरे मामले की जांच कराई थी। जांच में क्षेत्रीय खाद्य नियंत्रक सरयू प्रसाद दोषी पाए गए थे। इसको लेकर पूर्व कमिश्नर योगेश शुभम मिश्रा ने अपनी जांच रिपोर्ट खाद्य आयुक्त उत्तर प्रदेश को भेजकर कार्रवाई की मांग की थी।

बस्ती में तैनाती के दौरान भी थे विवादित

बता दें कि पूर्व कमिश्नर योगेश्वर राम मिश्रा द्वारा भेजी गई रिपोर्ट के 28 दिन बाद क्षेत्रीय खाद्य नियंत्रक को निलंबित कर दिया गया है। अगर बात करें क्षेत्रीय खाद्य नियंत्रक सरयू प्रसाद के कार्यकाल की तो उनकी तैनाती बस्ती मंडल में भी रही थी और वह विवादित रहे थे। अगले महीने 31 जुलाई को क्षेत्रीय खाद्य नियंत्रक का रिटायरमेंट थी। लेकिन रिटायरमेंट से पहले ही खाद्य आयुक्त उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा निलंबित करते हुए बड़ी कार्रवाई की गई है।

18 जून को अधिकार किए गए थे सीज

अब खाद्य आयुक्त उत्तर प्रदेश ने क्षेत्रीय खाद्य नियंत्रक की जिम्मेदारी गोंडा जिला अधिकारी नेहा शर्मा को दी है। साथ ही क्षेत्रीय खाद्य नियंत्रक सरयू प्रसाद के पावर को भी बीते 18 जून को ही शासन द्वारा सीज कर दिया गया था। अब इनके खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गई है।

शासन को भेजी गई थी रिपोर्ट

वहीं पूरे मामले को लेकर के मंडलायुक्त देवीपाटन मंडल शशि भूषण लाल सुशील ने बताया कि पूर्व मंडल आयुक्त योगेश्वर राम मिश्रा को ठेकेदारों ने लिखित रूप में शिकायत करके आरोप लगाया था। क्षेत्रीय खाद्य नियंत्रक पर टेंडर प्रक्रिया में मनमानी का आरोप था। जांच में वह दोषी पाए गए थे। पूरे मामले की रिपोर्ट शासन को दी गई थी अब शासन ने कार्रवाई की है।

Tags:    

Similar News