Gorakhpur News: इस गांव में सिर्फ एक रुपये में होती है डायलिसिस, जानें कहां है गांव, कैसे होगी डायलिसिस?

Gorakhpur News: उत्तर भारत संघ के संस्थापक आरएन सिंह की याद में उनके बेटे संतोष सिंह ने 10 बेड वाले डायलिसिस यूनिट को शुरू किया है।

Update: 2022-12-09 03:54 GMT

एक रुपये में डायलिसिस (photo: social media )

Gorakhpur News: एक रुपये में डायलिसिस! वह भी प्राइवेट अस्पताल में! चौंकिये नहीं। यह सूचना 100 फीसदी सही है। बस आपको थोड़ा इंतजार करना होगा। यह सुविधा गोरखपुर जिले के दक्षिणांचल में गोला तहसील के भरौली गांव में पहली जनवरी से मिलने लगेगी। इसके लिए बस आपको एक रुपये देकर रजिस्ट्रेशन कराना होगा। उत्तर भारत संघ के संस्थापक आरएन सिंह की याद में उनके बेटे संतोष सिंह ने 10 बेड वाले डायलिसिस यूनिट को शुरू किया है।

एक छोटे से गांव में डायलिसिस यूनिट के शुरू होने की कहानी भी बेहद दिलचस्प है। पहली जनवरी 2022 को आरएन सिंह अपने गांव भरौली आए थे। मुंबई में सिक्योरिटी एजेंसी संचालित करने वाले आरएन सिंह ने अपने जन्मदिन पर गांव के लोगों के बीच कैंसर संस्थान के साथ ही डायलिसिस यूनिट शुरू करने का ऐलान किया था। दूसरे दिन वह गोरखपुर एयरपोर्ट से मुंबई के लिए रवाना होने वाले थे कि एयरपोर्ट पर ही उन्हें हार्ट अटैक आ गया। लाख कोशिशों के बाद भी उन्हें बचाया नहीं जा सका। पिता के अधूरे अरमान को पूरा करने का बीड़ा बेटे संतोष सिंह ने उठाया। उनके प्रयास से 10 बेड की डायलिसिस यूनिट पूरी तरह तैयार हो गई है। अब गोरखपुर, अंबेडकरनगर, वाराणसी, मऊ से लेकर आसपास के जिले के लोगों को सिर्फ एक रुपये में रजिस्ट्रेशन कराकर डायलिसिस की सुविधा मिल जाएगा। रजिस्ट्रेशन कराने वालों को पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर डायलिसिस कराने की सुविधा मिलेगी। संचालक संतोष सिंह का कहना है कि पिता जी का जन्मदिन पहली जनवरी को है। उनके जन्मदिन के अवसर पर इसे शुरू किया जाएगा। यूनिट के संचालन की जिम्मेदारी सुप्रसिद्ध नेफ्रोलाजिस्ट डॉ.आनंद बंका को सौंपी गई है।

बीआरडी मेडिकल कॉलेज में डायलिसिस के लिए लंबा इंतजार

गोरखपुर बीआरडी मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल में डायलिसिस के लिए मरीजों को लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। दोनों जगह 7 से 15 दिनों की वेटिंग है। प्रतिदिन 20 से 25 मरीज डायलिसिस के बगैर लौटाए जा रहे हैं। बीआरडी मेडिकल कॉलेज में अपनी डायलिसिस यूनिट है। 10 मशीनें लगी हैं। इनमें से पांच मशीन खराब है। दो शिफ्टों में 6 से 8 मरीजों की डायलिसिस की जा रही है। जिला अस्पताल में डायलिसिस की 12 यूनिटें चल रही हैं। जिला अस्पताल में एक रुपये की पर्ची पर डायलिसिस हो जाती है। प्रतिदिन 36 मरीजों की डायलिसिस हो रही है।

निजी अस्पताल में 10 हजार रुपये ले रहे डायलिसिस शुल्क

निजी अस्पतालों में डायलिसिस कराना महंगा है। अलग-अलग निजी अस्पतालों के अलग-अलग रेट हैं। एक बार डायलिसिस के लिए मरीजों को आठ से 10 हजार रुपये खर्च करने पड़ते हैं। जबकि, कई डायलर बदलने पर यह रकम और बढ़ जाती है। इसकी वजह से आर्थिक रूप से कमजोर मरीज निजी अस्पतालों में डायलिसिस नहीं करा पाते हैं। बता दें कि डायलिसिस रक्त शोधन की कृत्रिम विधि है। डायलिसिस की प्रक्रिया को तब अपनाई जाती है, जब किसी व्यक्ति के गुर्दे सही से काम नहीं करते हैं। शुगर के कई मरीजों, उच्च रक्त चाप की समस्या पर भी डायलिसिस की जरूरत पड़ती है।

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