मिशन खिलखिलाहट से गोरखपुर में कुपोषण से बाहर आ गए 86 बच्चे, राज्यपाल तक कर चुकी हैं योजना की तारीफ
Gorakhpur News: डीपीओ अभिनव मिश्रा ने बताया कि मिशन खिलखिलाहट में अधिकारियों द्वारा कुपोषित बच्चों को गोद लेकर स्वेच्छा से पोषण पोटली प्रदान की जा रही है। अब तक 86 बच्चे इस मिशन से कुपोषण से बाहर आ चुके हैं।
Gorakhpur News: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में बाल विकास विभाग द्वारा बच्चों को कुपोषण से बाहर निकालने की जंग आईएएस और पीसीएस अधिकारी लड़ रहे हैं। मिशन खिलखिलाहट (Mission Khilkhalat) के नाम से चल रही इस योजना में अभी तक 86 बच्चों को कुपोषण (Malnutrition) से मुक्ति मिल चुकी है। इस योजना की तारीफ राज्यपाल आनंदी बेन पटेल से लेकर महिला बाल विकास की कैबिनेट मंत्री बेबी रानी मौर्य तक कर चुकी हैं। पिछले दिनों गोरखपुर पहुंची कैबिनेट मंत्री ने योजना को पूरे प्रदेश में लागू करने का निर्देश अधिकारियों को दिया था।
गुरुवार को मुख्य विकास अधिकारी संजय मीना ने कुपोषण से मुक्त हुए बच्चे श्रेयांश के घर पहुंचे। डीपीओ ने बताया कि सिविल लाइंस के झुग्गी में रहने वाले श्रेयांश के पिता संजय सब्जी का ठेला लगाते हैं। माता चंदा गृहिणी हैं। सीडीओ ने बच्चे के साथ समय गुजारा। सीडीओ ने अधिकारियों ने अपील किया है कि कुपोषित बच्चों को गोद लेकर पोषण के कार्य में जुटें। इसके पहले सीडीओ ने कुपोषित बच्चे श्रेयांश को भी गोद लिया था। सीडीओ ने जब बच्चे को गोद लिया था तो उसका वजन सात किलोग्राम था। मात्र तीन महीने में बच्चे का वजन दो किलोग्राम बढ़ गया और बच्चा गुरुवार को कुपोषण की श्रेणी से बाहर निकल कर पूर्ण स्वस्थ हो गया है।
पोषण पोटली में हेल्दी डाइट दी जाती है
डीपीओ अभिनव मिश्रा ने बताया कि मिशन खिलखिलाहट (Mission Khilkhalat) में अधिकारियों द्वारा कुपोषित बच्चों को गोद लेकर स्वेच्छा से पोषण पोटली प्रदान की जा रही है। अब तक 86 बच्चे इस मिशन से कुपोषण से बाहर आ चुके हैं। पूर्व में भी आराध्या और परी नाम की बच्ची को सीडीओ ने गोद लिया तो जो सुपोषित हो चुकी है। डीपीओ ने बताया कि कुपोषित बच्चों को पोषण पोटली में गुड़, चना, सहजन, दाल, केला, सेब, मौसमी हरी सब्जियां दी जाती हैं।