इतने पैसे में तो एम्बुलेंस आगे नहीं जाएगी और मां व नवजात को बीच राह उतार दिया
प्रदेश में स्वास्थ सेवाओं कीकिस कदर दुर्दशा है इसका अंदाजा आप चारपाई पर लेटी प्रसव पीङित महिला खो देखकर अंदाजा लगा सकते है। जिसे एम्बुलेंस का ड्राइवर पैसे कम मिलने पर बीच राह लावारिस छोड़कर चल गया। उसे न तो महिला पर तरस आयी न ही उसके नवजात बच्चे पर। ये हाल सरकारी एम्बुलेंस के ड्राइवर का है। यह एम्बुलेंस निशुल्क होती है।
शाहजहांपुर। प्रदेश में स्वास्थ सेवाओं कीकिस कदर दुर्दशा है इसका अंदाजा आप चारपाई पर लेटी प्रसव पीङित महिला खो देखकर अंदाजा लगा सकते है। जिसे एम्बुलेंस का ड्राइवर पैसे कम मिलने पर बीच राह लावारिस छोड़कर चल गया। उसे न तो महिला पर तरस आयी न ही उसके नवजात बच्चे पर। ये हाल सरकारी एम्बुलेंस के ड्राइवर का है। यह एम्बुलेंस निशुल्क होती है।
इस शर्मनाक घटना पर पूरे क्षेत्र में उस ड्राइवर की थू थू हो रही है जिसने यह जघन्य अपराध किया है। परिजनों ने ड्राइवर पर कार्रवाई की मांग की है।
दरअसल अल्लाहगंज थाना क्षेत्र के धर्मपुर पिडरिया गांव निवासी सीमा पत्नी मुनीम को तीन दिन पहले ही अल्लाहगंज सीएचसी पर प्रसव पीड़ा होने पर भर्ती कराया था। महिला ने एक बच्चे को जन्म दिया। उसके बाद महिला की अस्पताल से छुट्टी कर दी गई।
सरकारी एंबुलेंस महिला को उसके घर छोङने के लिए बुलाई गई। आरोप है कि एंबुलेंस ड्राईवर ने एंबुलेंस से घर तक छोङने के लिए पैसे तय किए। तय पैसे के अनुसार एंबुलेंस ड्राईवर महिला को लेकर घर के लिए निकल गया। वह गांव के प्राथमिक विद्यालय के पास पहुच गया। रास्ते मे ड्राईवर ने परिजनों से पैसे मांगे लेकिन परिजनों ने कुछ पैसे कम दिए।
बीच राह उतार दिया
इस बात पर ड्राइवर और महिला के परिजनों के बीच कहासुनी होने लगी। तभी ड्राइवर ने महिला और उसके परिजनों को ड्राईवर ने एंबुलेंस से बाहर उतार दिया। प्रसव पीड़ा से महिला कहराती रही। लेकिन ड्राइवर नहीं पसीजा और लावारिस छोड़कर चला गया।
इसके बाद परिजनों ने गांव से ही एक चारपाई का इंतजाम किया। उसके बाद महिला को चारपाई पर लिटाकर घर तक पहुंचाया गया। एक महिला ने नवजात को अपनी गोद मे उठा लिया।
सीएमओ आरपी रावत का कहना है कि गंभीर मामला है। इसकी जांच कराई जाएगी। इस प्रकरण मे किसी भी कीमत पर दोषियों को बख्शा नही जाएगा।