Hapur News: साइबर ठगी का सबसे बड़ा जरिया बना टेलीग्राम टास्क, एक महिला से निवेश का झांसा देकर लाखों की ठगी
Hapur News: पीड़िता नें गरिमा नें बताया कि 16 नवंबर की शाम मेरे फोन पर एक नम्बर से फोन आया था। आरोपी नें पैसे कमाने के लिए फिर उस आदम ने मेरे को किसी और नम्बर से व्हटसेप से एक लिंक भेजा।जो कि टेलीग्राम का लिंक था।
Hapur News: टेलीग्राम टास्क साइबर ठगी का सबसे बड़ा जरिया बन गया है। लालच और ज्यादा मुनाफे के चक्कर में फंसकर पढ़े लिखे लोग लाखों रुपये गंवा रहे हैं। शातिर ठग टेलीग्राम के जरिए लोगों से संपर्क करते हैं।इसके बाद लिंक शेयर कर ज्यादा लाइक और शेयर करने का टास्क देते हैं। बदले में कुछ कमाई भी करवाते हैं और आपके बैंक खातों में ट्रांसफर भी करते हैं। बस यहीं से आपका लालच आपको उनके जाल में फंसा देता है।पहले आपको वीडियो लाइक और शेयर करने का भुगतान किया जाता है। भरोसा जीतने के बाद आपसे निवेश कराकर कुछ टास्क दिया जाता है। आपकी रकम भी बढ़ती हुई दिखाएंगे और बाद में झांसे में लाकर आपके खाते से सारी रकम उड़ा दी जाती है।ऐसे हीं एक मामला जनपद हापुड़ सें सामने आया हैं जहाँ एक युवती के साथ ठगी की वारदात को अंजाम दिया गया हैं।
इस्टाग्राम पर टास्क देने के नाम ठगी
पीड़िता नें गरिमा नें बताया कि 16 नवंबर की शाम मेरे फोन पर एक नम्बर से फोन आया था। आरोपी नें पैसे कमाने के लिए फिर उस आदम ने मेरे को किसी और नम्बर से व्हटसेप से एक लिंक भेजा।जो कि टेलीग्राम का लिंक था।फिर मेने टेलीग्राम के लिंक पर किल्क किया। तों उसके बाद टेलीग्राम ग्रुप में जुड़ गई जिसमे पहले से ही 800-900 लोग जुड़े हुए थे ग्रुप का नाम (VVIP-8033 GIOTTUS) था। उसमे वो काम टास्क बताते और लिंक पर किल्क करने और 5 स्टार दो फिर उसका स्क्रीन शॉट लो अपनी रिसेप्शनिस्ट को भेजे।ऐसे 4-5 टास्क आये जिसके लिए कभी 100 रूपये तो कभी 50 रूपये उन्होने दिए फिर उसके बाद डेटा टास्क आया जिसमे पहले पैसे देने होते और पैसे डबल हो जाते हैं।
एक या दो टास्क 1000 रूपये और 3000 हजार के थे। जिसके बाद 1200 रुपए और 4200 रूपये वापस आते। ऐसे करके मेरा भरोसा बन गया उसके बाद उन्होने 7000 रूपये के लिए बोला जिसमे लगभग 15000/- बनते हैं तो मैने 7000 रूपये दे दिए पर मेरा टास्क उन्होने गलत बता दिया और कहा तुम्हारा पैसा फ्रिज हो गया उनकी एक ऐप थी और शायद वो अब भी चल रही हो- https//www.i-bmsuipa.com/ जो अब https://m.upbtc.top/ है।
ये लोग डेटा टास्क में 4-5 लोगों को जोडते और वो लोग उनको पैसे भेजते है दिखाते हैं ग्रुप में सारा विवरण अपने खाते जो मुझे भरोसे लायक लगा।अब मैंने गलती की थी तो उसके लिए सभी को और टास्क करने थे। और पैसे पहले देने थे बाकी लोगो ने दे भी दिए फिर मैंने भी 29600 रूपये दिए फिर टास्क किया फिर ऐसे कर कर के 78320 रूपये, 109650 रूपये 50 हजार रूपये दिए। सारे रूपये मिला के मैंने 2,74,720/- रूपये उनको दे दिए जोकि उनके अनुसार प्रोफिट मिलाकर 4.192 हुए फिर उन्होने कस्टमर केयर का लिंक दिया पैसे निकालने के लिए जो कि ठीक से बता ही नहीं रहा था।उनकी ऐप से पैसे कैसे कैसे निकाले मैं बस 4000 ही निकाल पाई।
उन्होने कहा मैंने गलती कर दी है। आगे की रकम निकालने में मेरा पैसा फ्रिज कर दिया गया।उन्होने फिर से मैंने उनसे कहा अब क्या करना होगा तो उन्होने और पैसे डालने के लिए कहा ऐसा एक या दो ओर लोगो के साथ हुआ उन्होने पैसे ओर डाले और सारे पैसे वापस आ गए मैंने भी फिर 109650 ऐसे करके अलग- अलग खाते में पैसे डाले फिर जब सारे पैसे निकालने का नम्बर आया तो फ्रिज की जगह इस बार रेपुटेशन पन्ट 100 से 60 कम हो गया। पैसे निकालने के लिए 100 होने चाहिए पर मेरे 60 रह गए। जोकि मुझे पता नहीं कैसे कम हो गया।मैंने उनसे बहुत गुजारिस करी पैसे मेरे वापस देने के लिए पर नहीं किए तों आरोपियों नें कहा कि 7,80,000 देने होगे रेपुटेशन पन्ट 60 से 100 हो जाएगी।फिर सारे पैसे एक साथ वापस मिल जाएंगे पर फिर मैंने धोखाधड़ी होने के चलते उन्हें पैसे नहीं दिए।
क्या बोली पिलखुवा सीओ?
इस सबंध में पिलखुवा सीओ अनीता चौहान का कहना हैं कि, पीड़िता की तहरीर पर आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया हैं। साइबर थाना प्रभारी को मामले की जाँच सौपी गईं हैं। जल्द हीं जाँच कर पीड़ता की रकम को वापस कराया जाएगा।