Hardoi news: कुदरत के कहर से अन्नदाता बेबस, सरकार से आस

Hardoi News: प्रशासन ने फसलों के नुकसान का सर्वे कराना शुरू कर दिया है। सर्वे रिपोर्ट तीन दिनों में आने की उम्मीद है। सबसे ज्यादा नुकसान गेहूं की फसल को होने की आशंका है।

Update:2023-04-03 19:26 IST
Hardoi damage crops (photo: social media )

Hardoi News: पिछले दिनों हुई बारिश और ओलावृष्टि से फसलों को काफी नुकसान हुआ है। बीते 24 घंटे में भी जिले में 12.12 मिमी बारिश हुई। किसानों की मानें तो अब तक कई क्षेत्रों में फसलों को 35 फीसदी से ज्यादा नुकसान हो चुका है।

प्रशासन ने शुरू किया सर्वे

प्रशासन ने फसलों के नुकसान का सर्वे कराना शुरू कर दिया है। सर्वे रिपोर्ट तीन दिनों में आने की उम्मीद है। सबसे ज्यादा नुकसान गेहूं की फसल को होने की आशंका है। जिले में रबी की फसलों में गेहूं, जौ, आलू, चना, मटर व सरसों की फसलें होती है। जिले में साढ़े तीन लाख हेक्टेयर भूमि पर रबी फसलों की बुआई होती है।

भारी नुक़सान का अनुमान

इस बार करीब तीन लाख हेक्टेयर रकबे में गेहूं की बुआई हुई थी। गेहूं की फसल पककर तैयार हो चुकी है। मड़ाई का कार्य चल रहा है लेकिन आंधी-बारिश और ओले गिरने से फसल चौपट हो गई है। पूरे जिले में फसलों का नुकसान हुआ है। जिससे किसान रो पड़े हैं। कुदरत की मार के सामने किसान लाचार नजर आ रहे हैं। ऐसे में किसानों को सरकार से मदद की दरकार है।

पलट गई फसल

भरावन क्षेत्र में ओले व बारिश के बाद खेतों में तैयार गेहूं की फसल अधिकतर पलट गई है। जिससे किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। क्षेत्र के भटपुर, जगसरा, अतरौली, महगवा, गोड़वा, नेवादा, ढिकुन्नी क्षेत्र में ओले व बारिश ने किसानों की कमर तोड़ दी है।

ये कहना है किसानों का

गांव कटका के किसान रजनीश मिश्र,गांव जगसरा के किसान शिवबालक राठौर, कमलेश, बबलू सिंह, गणेश शंकर, मुकेश सिंह, सुधीर सिंह गांव अतरौली के किसान राजेश तिवारी, दिनेश पाल सिंह, ओमप्रकाश सिंह उर्फ उमा सिंह ने बताया कि बारिश और ओले पड़ने के कारण खेतों में फसल पलट गई है और दाना फूट-फूटकर खेतों में गिर रहा है और बालियां काली पड़ गई है।

किसानों के माथे पर दिखी चिंता

बेनीगंज नगर के आसपास क्षेत्र में हुई बेमौसम बारिश संग अचानक गिरे ओलों ने किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दीं हैं। फसलों को भारी नुकसान हुआ है। कुर्सी, गिरधरपुर, निरंजन पुरवा, अटवा, कमलापुर, मलहपुर आदि गांवों के कई किसान रो पड़े है। लालाराम, पियूष, रमेश कढीले, रामकृष्ण, राजेंद्र कुमार, सुरेश ,दर्शन, बालक राम, राम लखन, जितेंद्र कुमार ने कहा कि फसल 35 फीसदी से ज्यादा खराब हो गई है।

यहां हुआ भारी नुक़सान

कछौना क्षेत्र के किसान रामजीवन, शंकर दयाल, रामप्रसाद, पिंकू सिंह, योगेंद्र, नूर हसन, प्रभु दयाल, कृष्ण कुमार आदि ने बताया तेज आंधी पानी व ओलावृष्टि से क्षेत्र के लगभग दो दर्जन न्याय पंचायतों में भारी नुकसान हुआ है। टिकारी, बघौडा,कछौना पतसेनी, महरी, सेमरा, बघौडा, तुसौरा, कलौली, मरेउरा, मतुआ, पैरा, सेमरा कला, बरवा, अरसेनी बहदिन, गौसंगज समेत विकासखंड की अधिकांश ग्राम पंचायतों में भारी नुकसान हुआ है। टोडरपुर में गेहूं की फसल को ज्यादा नुकसान हुआ है। राधेश्याम, इंदर, उदन, रामभरोसे ने बताया जिस गेहूं की फसल से परिवार को दो जून की रोटी मिलती और परिवार के भरण पोषण में अन्य संसाधन जुटाते हैं। वही फसल बर्बाद हो गई है।

अहिरोरी के इन गांवों में हुआ नुक़सान

अहिरोरी क्षेत्र में झरोइया, पिपरी, सिकंदरपुर, ममरेजपुर, चठिया, ढफरापुर आदि गांवों में आंधी पानी व ओले गिरने से किसान मायूस हैं। कौशल किशोर पांडे, नागेंद्र सिंह, जीतेंद्र, सिद्दीक अली, अशोक सिंह, रणंजय सिंह ने बताया कि फसल पक कर तैयार थी, बस दो तीन दिन में कटाई शुरू ही हुई थी कि अचानक हुई ओलावृष्टि से फसल को नुकसान हुआ। सांडी में शुक्रवार की रात मौसम खराब हो गया। जिसमे तेज हवा के साथ ओले व बरसात ने किसानों के मंसूबों पर पानी फेर कर रख दिया। गेहूं की फसल पूरी तरह जमीन पर फैल गई। इससे गेहूं के काले हो जाने की संभावना किसानों ने जाहिर की है।ग्राम आदमपुर के किसान फूल सिंह,अमर पाल सिंह,महेन्द्र सिंह,रामचन्द्र,सुभाष,राहुल ने सरकार से मुआवजे की मांग की है। इंसेट डीडी कृषि वैज्ञानिक डॉ. नंद किशोर ने कहा कि असमय बारिश व ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान होता है। फसलों को कितना नुकसान हुआ है, इसको लेकर जानकारी की जा रही है। सर्वे रिपोर्ट आने के बाद ही नुकसान की तस्वीर साफ हो सकेगी। गेहूं की बाली में दाना पक चुका है। बारिश से गेहूं का दाना काला पड़ने और उत्पादन घटने की आशंका है।

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