Hardoi Video: आवास योजना में बड़ा घोटाला, एडीएम की जांच में जूते से टूटता नजर आया दीवारों का प्लास्टर

आईएचएसडीपी योजना के अंतर्गत दस करोड़ रुपए की लागत से 252 आवास 10 साल पूर्व बनने शुरू हुए थे। लेकिन इससे पहले ही कबाड़ में बदल गए हैं।

Report :  Pulkit Sharma
Update: 2023-01-03 09:43 GMT

Hardoi Video of Awas Yojna (Image: Newstrack)

Hardoi Video: उत्तर प्रदेश में बीते दिनों जहां सड़कों के निर्माण के बाद तुरंत उखड़ने की कई खबर सोशल मीडिया पर सुर्खियां बनी, वहीं अब हरदोई जिले में जरूरतमंदों को आवास देने के लिए दस करोड़ रुपए की लागत से बने आवास की दीवारों का प्लास्टर एडीएम की जांच में जूते की नोक से गिरने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है।

आईएचएसडीपी योजना के अंतर्गत दस करोड़ रुपए की लागत से 252 आवास 10 साल पूर्व बनने शुरू हुए थे। लेकिन यह सरकारी आवास किसी जरूरतमंदों का घरौंदा बनते इससे पहले ही कबाड़ में बदल गए हैं। योजनाओ के भौतिक सत्यापन में जब इस परियोजना की जांच हुई तो निर्माण कार्य में लापरवाही की पोल खुल गई।

निर्माण कार्यों की जांच में शुक्रवार को जांच के लिए पहुंची अपर जिलाधिकारी की जांच के दौरान पकड़ में आयी धांधली के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए हैं। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो 30 दिसंबर के बताए गए हैं। जब अपर जिलाधिकारी इस परियोजना की जांच करने मौके पर पहुंची फिलहाल उन्होंने इस परियोजना में धांधली और लापरवाही की विस्तृत रिपोर्ट डीएम को दी है जिसका परिक्षण किया जा रहा है।

जिलाधिकारी ने किया निरक्षण 

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में हरदोई की अपर जिलाधिकारी वंदना त्रिवेदी कुछ कमरों में अपने पैर के जूते से प्लास्टर छूकर देख रही हैं तो दीवारों का प्लास्टर तुरंत टूटकर जमीन पर गिरता नजर आ रहा है। जिसके बाद अपर जिलाधिकारी कार्यदाई संस्था के व्यक्ति को मौके पर जमकर लताड़ लगाती नजर आ रही हैं.दरअसल यह पूरा वाक्या शुक्रवार 30 दिसंबर का है।

जब जिले की बड़ी परियोजनाओं के भौतिक सत्यापन की स्थिति को लेकर जिलाधिकारी के निर्देश पर अपर जिलाधिकारी वंदना त्रिवेदी ने संडीला नगर पालिका क्षेत्र में आईएचएसडीपी योजना के अंतर्गत दस करोड़ रुपए की लागत से बने 252 आवासों की परियोजना का निरीक्षण किया। यह आवास जरूरतमंदों को दिए जाने वाले थे। इन आवासों की परियोजना पर मई 2011 से काम शुरू हुआ था और मई 2013 तक यह काम पूरा हो जाना था. लेकिन परियोजना शुरू होने के 11 साल बीतने के बाद परियोजना पूरी नहीं हो सकी और जरूरतमंदों को आवास दिए जाने से पहले ही बने हुए आवास कबाड़ में बदल गए।

पिछले 2 वर्षों से इस योजना का काम बंद

इस परियोजना में इन आवाज़ का निर्माण सीएनडीएस संस्था द्वारा कराया गया है लेकिन पिछले 2 वर्षों से इस योजना का काम बंद होने के कारण आवासों के दीवारों का प्लास्टर टूट कर नीचे गिरने लगा है जबकि सरियो में अभी से जंग दिखाई पड़ रही है और खिड़की और दरवाजे के फ्रेम खराब हो गए हैं। कई भवनों में जीना बहुत कमजोर है और भवन पूरी तरह से कबाड़ में बदल गए हैं। भौतिक सत्यापन में करोडो की परियोजना के अपर जिलाधिकारी के जांच के दौरान वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद अपर जिलाधिकारी ने बताया की पूरे मामले में जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी को दे दी गयी है जिसके परीक्षण के बाद पूरे मामले में अग्रिम कार्रवाई की जायेगी।

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