हाथरस केस: पुलिस की कार्रवाई से HC नाराज, अगली सुनवाई 2 नवंबर को

पीड़ित परिवार पहले बीती रात लखनऊ आने वाला था, लेकिन परिवार ने रात में सफर करने से इनकार कर दिया था। जिसके बाद आज सुबह तड़के भारी सुरक्षा के बीच पीड़ित परिवार हाथरस से लखनऊ के लिए रवाना हुआ था।

Update: 2020-10-12 05:30 GMT
राज्य सरकार ने गत 2 अक्टूबर को सीबीआई जांच के लिए केंद्र सरकार से सिफारिश की थी जिसके आधार पर केंद्र ने सीबीआई जांच कराने के लिए अधिसूचना जारी कर दी।

लखनऊ: यूपी के हाथरस काण्ड को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में आज की सुनवाई पूरी हो चुकी है। हाईकोर्ट ने इस पूरे मामले में पुलिस की कार्रवाई पर नाराजगी जाहिर की है। इस केस में अगली सुनवाई 2 नवंबर को होगी।

सुनवाई के दौरान पीड़ित परिवार की तरफ से पांच लोग, यूपी के अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह विभाग) अवनीश अवस्थी, डीजीपी एचसी अवस्थी और स्थानीय प्रशासन, डीएम, एसपी सहित अन्य अधिकारी और इस केस से जुड़े वकील कोर्ट के अंदर मौजूद थे।

दो जजों की बेंच के सामने पीड़िता के परिवार ने अपना पक्ष रखा। इस दौरान उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से भी कई अधिकारी अदालत में मौजूद रहे।

अदालत की ओर से इस मामले का स्वत: संज्ञान लिया गया था, जिसमें परिवार और सरकार का पक्ष पूछा गया था। बता दें कि हाईकोर्ट के अलावा दूसरी तरफ, इस मसले को लेकर परशुराम सेना ने भी सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है।

कोर्ट के अंदर किसने क्या कहा, यहां पढ़ें पूरी डिटेल्स

पीड़िता की वकील सीमा कुशवाहा ने इस पूरे केस की सुनवाई प्रदेश से बाहर किए जाने की मांग की है। कोर्ट में सुनवाई के बाद पीडिता की वकील सीमा कुशवाहा ने कहा कि दो नवम्बर को परिवार की तरफ से हलफनामा पेश किया जाएगा।

सुनवाई के दौरान पीडिता की परिजनों ने अधिकारियों की कार्यशैली पर अपनी नाराजगी जताई। सुनवाई के दौरान हाथरस के डीएम ने इस बात को स्वीकार किया कि उन्होंने पीडिता की लाश को अपने निर्णय से जलाने का काम किया।

यह भी पता चला है कि सुनवाई के दौरान प्रदेश के अधिकारी अपने जवाबों से कोर्ट को संतुष्ट नही कर पाए। इस बीच सभी पक्षों के बयान दर्ज होने के बाद अगली सुनवाई अब दो नवम्बर को की जाएगी।

कोर्ट ने पीड़ित पक्ष के 5 सदस्यों की बात सुनी। उसके बाद कोर्ट ने एसीएस होम, एडीजी लॉ एंड आर्डर और डीएम हाथरस से सवाल किये। सरकार की तरफ से वकील विनोद शाही ने इस पूरे मामले में जवाब दिया।

 

लाइव अपडेट

कोर्ट के अंदर पीड़ित परिवार से हाईकोर्ट ने पूछा कि क्या मौलिक अधिकारों का हनन हुआ है? दाह संस्कार की सूचना दी गई थी या नहीं?

पीड़िता के परिजनों ने कोर्ट में कहा कि अंतिम संस्कार उनकी मर्जी के बगैर हुआ। परिजनों ने आगे जांच में फंसाए जाने की आशंका जताई और साथ ही सुरक्षा को लेकर भी चिंता जताई।

हाईकोर्ट में वकील विनोद शाही यूपी सरकार की ओर से और सीमा कुशवाहा पीडिता के परिवार की तरफ से कोर्ट में मौजूद थे। सीमा ने ही दिल्ली की निर्भया की लड़ाई लड़ी थी।

अदालत में परिवार की ओर से सुरक्षा, केस ट्रांसफर और मामले की प्राइवेसी का मुद्दा उठाया जाएगा। सुनवाई के दौरान कोर्ट की सुरक्षा बढ़ा दी गयी थी। यहां भारी पुलिस बल की तैनाती की गई थी।

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कड़ी सुरक्षा के बीच पीड़ित परिवार पहुंचा लखनऊ

बता दें पीड़ित परिवार पहले बीती रात लखनऊ आने वाला था, लेकिन परिवार ने रात में सफर करने से इनकार कर दिया था।जिसके बाद आज सुबह तड़के भारी सुरक्षा के बीच पीड़ित परिवार हाथरस से लखनऊ के लिए रवाना हुआ था।

पीड़ित परिवार के एस्कॉर्ट में 6 गाड़ियां थी। उनके साथ ही SDM अंजली गंगवार और CO भी पीड़ित परिवार के साथ लखनऊ आये थे।

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पुलिस कोर्ट के अंदर हर आने जाने वाले शख्स पर रखें हुए है नजर

हाईकोर्ट के गेट पर एक व्यक्ति, वाहन की जांच और पूछताछ के बाद पुलिस की पकड़ में आया है। कोर्ट के अंदर किसी गैर जरूरी व्यक्ति को प्रवेश नहीँ दिया गया है। गेट से 50 मीटर दूर से ही हथियारबन्द पुलिस हर आने जाने वाले लोगों पर नजर रखे हुए हैं।

उत्तराखण्ड भवन जाने के रास्ते मे 100 मीटर दूर पर बैरिकेडिंग लगाई गई है। उस रास्ते से कोई भी आदमी आ और जा नहीं सकता है। पुलिस का हर तरफ खड़ा पहरा लगाया गया है।

हाई कोर्ट ने अपर मुख्य सचिव गृह, एडीजी ला एंड ऑर्डर, डीएम और एसपी को किया तलब

इस मामले में हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने अपर मुख्य सचिव गृह एडीजी ला एंड ऑर्डर डीएम और एसपी को तलब किया है। वहीं दूसरी तरफ सीबीआई गाजियाबाद की एंटी करप्शन ब्रांच ने इस मामले में कई अन्य धाराओं के साथ केस दर्ज कर अपनी कार्रवाई शुरू कर दी है।

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सीबीआई जांच के लिए हाथरस में

बताते चले कि राज्य सरकार ने गत 2 अक्टूबर को सीबीआई जांच के लिए केंद्र सरकार से सिफारिश की थी जिसके आधार पर केंद्र ने सीबीआई जांच कराने के लिए अधिसूचना जारी कर दी और इसके बाद जांच टीम हाथरस पहुंचकर प्रत्यक्षदर्शियों से बात कर रही है।

एसआईटी सौंपेगी सीबीआई को जांच रिपोर्ट

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सीबीआई जांच के बाद एसआईटी ने जो अब तक जांच की है, उसकी रिपोर्ट सीबीआई को सौंप देगी। एसआईटी अपनी जांच जारी रखेगी। इस संबंध में एक अधिकारी ने बताया की सीबीआई जांच के बाद भी एसआईटी अपनी जांच पूरी कर शासन को रिपोर्ट सौंप देगी ।

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