हाथरस पर रिकार्डतोड़ FIR: दिग्गजों ने धाराओं का किया उल्लंघन, सैकड़ों मुकदमें दर्ज
अब तक सैकड़ों मुकदमे दर्ज किए जा चुके है। भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर और उनके साथ 400-500 अज्ञात लोगों तथा रालोद व सपा के करीब 300 अज्ञात कार्यकर्ताओं के खिलाफ चंदपा थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है।
लखनऊ। दुष्कर्म की शिकार होने के कारण मृतक पीड़िता युवती के आवास उसके परिजनों से मिलने हाथरस के बूलगढ़ी गांव पहुंचे विभिन्न राजनीतिक दलों के समर्थकों द्वारा बवाल करने और प्रशासन की इजाजत के विरूद्ध गांव में घुसने के प्रयास पर उनके खिलाफ धारा 188 व 144 का उल्लंघन करने के आरोप में मुकदमें दर्ज किए जा रहे है। अब तक सैकड़ों मुकदमे दर्ज किए जा चुके है। भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर और उनके साथ 400-500 अज्ञात लोगों तथा रालोद व सपा के करीब 300 अज्ञात कार्यकर्ताओं के खिलाफ चंदपा थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है।
बैरीकेटिंग को हटा कर घुसने का प्रयास किया
बता दें कि बीते रविवार दोपहर बाद सपा का एक 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल मृतका के परिजनों से मिलने पहुंचा था। जिसे प्रशासन ने रोक दिया था और केवल 05 नेताओं को ही मिलने की इजाजत दी थी। लेकिन सपा नेताओं के मृतका के आवास जाने के बाद ही वहां एकत्र सपा कार्यकर्ताओं ने गांव के प्रवेश पर लगायी गई बैरीकेटिंग को हटा कर घुसने का प्रयास किया।
जिस पर पुलिस ने उन्हे रोका। इस पर सपा कार्यकर्ताओं ने जबरन घुसने का प्रयास किया, जिस पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया। इसके बाद सपा कार्यकर्ताओं की ओर से पुलिस पर पथराव भी किया गया। इसी बीच वहां पहुंचे रालोद कार्यकर्ताओं ने भी सपा कार्यकर्ताओं का साथ देते हुए सरकार विरोधी नारेबाजी की थी।
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भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर के खिलाफ दर्ज हुए मुकदमें
इसके बाद शाम को भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर भी हाथरस में पीड़िता के गांव बूलगढ़ी पहुंचे। चंद्रशेखर ने पीड़िता के परिजनों से मुलाकात के बाद पीड़ित परिवार के लिए वाई श्रेणी की सुरक्षा की मांग की। इस दौरान चंद्रशेखर ने कहा कि पीड़िता के परिजनों को वाई श्रेणी की सुरक्षा दी जाए या फिर वह इन्हे अपने घर ले जायेंगे। उनका कहना है कि पीड़िता के परिजन यहां सुरक्षित नहीं हैं। इसके साथ ही उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की देखरेख में इस पूरे मामलें की जांच की मांग भी की।
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कई किलोमीटर पैदल चल कर यहां आए-चंद्रशेखर
चंद्रशेखर ने कहा कि उन्हे यहां आने से पहले रोक दिया गया था और वह बूलगढ़ी गांव के बाहर ही डेरा जमा कर बैठ गए थे। इसके बाद प्रशासन की इजाजत मिलने पर वह पीड़िता के परिजनों से मिलने उनके घर पहुंचे। कार्यकर्ताओं को करीब 10 किलोमीटर दूर ही रोक दिया गया है। चंद्रशेखर ने कहा कि कई किलोमीटर पैदल चल कर यहां आए है।
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