योगी और मौर्या के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री बनने को चुनौती, HC ने अटॉर्नी जनरल को भेजा NOTICE

याची के वकील सीबी पांडेय के अनुसार याचिका में मांग की गई है कि चूंकि एक सांसद राज्य सरकार का मंत्री नहीं हो सकता तथा यह संविधान के अनुच्छेद- 101(2) का उल्लंघन है, लिहाजा दोनों की नियुक्ति को शून्य घोषित किया जाए।

Update:2017-05-15 21:12 IST
21 और 22 फरवरी को अधिवक्ताओं की गैर मौजूदगी में नहीं होगा प्रतिकूल आदेश 

लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने योगी आदित्यनाथ व केशव प्रसाद मौर्या के लोकसभा सदस्य रहते हुए मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री का पद धारण करने को असंवैधानिक बताने वाली एक याचिका पर भारत के अटॉर्नी जनरल को नोटिस जारी किया है।

यह आदेश न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल और न्यायमूर्ति वीरेंद्र कुमार (द्वितीय) की खंडपीठ ने संजय शर्मा की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर दिया।

अटॉर्नी जनरल को नोटिस

याची के वकील सीबी पांडेय के अनुसार याचिका में मांग की गई है कि चूंकि एक सांसद राज्य सरकार का मंत्री नहीं हो सकता तथा यह संविधान के अनुच्छेद- 101(2) का उल्लंघन है, लिहाजा दोनों की नियुक्ति को शून्य घोषित किया जाए।

याचिका में दोनों नेताओं के संसदीय क्षेत्र को भी रिक्त घोषित करने की मांग की गई है। इसके साथ ही याचिका में प्रिवेंशन ऑफ डिस-क्वालिफिकेशन एक्ट की धारा- 3ए की संवैधानिकता को भी चुनौती दी गई है। संवैधानिकता को चुनौती देने के कारण कोर्ट ने उक्त विषय पर भारत सरकार का पक्ष जानने के लिए अटॉर्नी जनरल को नोटिस जारी करने का आदेश दिया है। मामले की अग्रिम सुनवाई 24 मई को होगी।

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