डेंगू के बढ़ते प्रकोप पर HC सख्त, कोर्ट ने सरकारी अफसरों से की रिपोर्ट तलब

Update:2016-09-19 20:29 IST

लखनऊ: हाईकोर्ट ने राजधानी में साफ-सफाई की कमी के चलते डेंगू के बढ़ते प्रकोप और इसे रोकने में सरकारी मशीनरी के ढुलमुल रवैये पर संज्ञान लिया है। कोर्ट ने राज्य सरकार के नगर विकास सचिव, नगर आयुक्त और नगर स्वास्थ्य अधिकारी को मामले में प्रभावी कार्यवाही कर व्यक्तिगत हलफनामा पेश करने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने कार्यवाही की रिपेार्ट 28 सितंबर को तलब की है।

जिम्मेदार कंपनी को भेजा नोटिस

साथ ही कोर्ट ने शहर में सफाई के लिए जिम्मेदार मेसर्स ज्योति एनवायरो टेक प्राइवेट लिमिटेड को नोटिस जारी कर पर्याप्त सफाई न किए जाने के आरोपों पर जवाब तलब किया है।जस्टिस एपी साही और जस्टिस विजय लक्ष्मी की बेंच ने सोमवार को ये आदेश स्थानीय वकील एमपी सिंह की जनहित याचिका पर दिया।

याचिका में क्या कहा गया?

याचिका में अखबारों में छपी खबरों का हवाला देकर कहा गया कि 'पूरे शहर में गंदगी का अंबार है। जगह-जगह जलभराव है। इनमें मच्छर पनप रहें हैं। पूरा शहर मच्छरों से परेशान है। कईयों की जानें जा चुकी हैं। सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। डेंगू के मरीजों की जांच के लिए प्राइवेट अस्पताल मनमानी फीस वसूल रहे हैं।

रिपोर्ट तलब

याचिका पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने मामले को काफी गंभीर माना। कोर्ट ने सरकारी शिथिलता पर नाराजगी जताई। साथ ही सरकारी अफसरों से पूरे मामले की रिपोर्ट तलब की। डेंगू के प्रकोप से निपटने के लिए क्या-क्या इंतजाम किए गए हैं और मरीजों के इलाज के लिए क्या-किया जा रहा है।

निजी अस्पताल वसूल रहे मनमानी फीस

डेंगू की रोकथाम के लिए कोर्ट में पहले से दायर कई अन्य याचिकाओं सहित कुछ अन्य नई याचिकायें भी सुुनवाई के लिए पेश की गई। कहा गया, कि शहर में फांगिग नहीं कराई जा रही है। सरकारी अस्पताल मरीजों से भरे हैं। निजी अस्पताल की पैथोलाजी में मनमानी फीस वसूली जा रही है। उनकी रिपोर्टों में भी भिन्नता है।

निर्देश को किया अनसुना

याचिका में यह भी कहा गया कि पहले भी कोर्ट ने सरकारी मशीनरी को कई सारे निर्देश दिए थे। समय रहते डेंगू जैसी महामारियों से निपटने के लिए मौसम बदलने के साथ ही तैयारी कर ली जाए। लेकिन अधिकारियों ने इसे अनसुना किया। कहा गया, कि अभी तो पूरा मौसम पड़ा है यदि मच्छरों को रोकने के लिए समुचित कदम न उठाए गए तो बड़ी संख्या में लोगों की जानें जा सकती है।

केार्ट सारी याचिकाओं पर सुनवाई कर कहा कि इस मामले में विस्तृत आदेश पारित किया जाएगा।

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