रिटायर्ड दरोगा हत्याकांड में सभी आरोपी गिरफ्तार, रिपोर्ट कोर्ट में तलब

Update:2018-09-05 19:07 IST

इलाहाबाद: जिले इलाहाबाद के शिवकुटी थाना क्षेत्र में रिटायर्ड दरोगा की बदमाशों द्वारा पीट पीट कर हत्या करने के मामले में राज्य सरकार ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय को सभी सात आरोपियों के गिरफ्तार होने की जानकारी दी।

इस पर कोर्ट ने कहा कि गैंगरेप, हत्या के आरोपियों की अभियोजन पक्ष द्वारा कड़ा विरोध न किये जाने के चलते जमानत हो जाया करती है। दिन दहाड़े की गयी नष्शंस हत्या के आरोपियों की जमानत अर्जी का सरकार कड़ा विरोध करे। कम से कम ऐसे अपराध के आरोपियों के खिलाफ जब तक विवेचना पूरी न हो जाय, जमानत पर रिहा नहीं किया जाना चाहिए। सरकार को जमानत का जमकर विरोध करना चाहिए। कोर्ट ने अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल से कष्त कार्यवाही की अगली सुनवाई की तिथि 24 सितम्बर को रिपोर्ट मांगी है।

मामले की सुनवाई कर रहे मुख्य न्यायाधीश डी.बी. भोसले तथा न्यायमूर्ति यशवन्त वर्मा की खण्डपीठ ने अपर महाधिवक्ता से पूछा कि मुख्य आरोपी फरार है। उसकी गिरफ्तारी क्यों नहीं की गयी। इस पर अपर महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि सभी फरार आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। घटना की विवेचना की जा रही है। कोर्ट ने मंगलवार को दिन दहाड़े हुई घटना की मीडिया रिपोर्ट को संज्ञान में लेते हुए कहा था कि सीसीटीवी फुटेज के बावजूद गिरफ्तारी क्यों नहीं की गयी और अपर महाधिवक्ता से जानकारी मांगी थी। कोर्ट ने घटना की रिपोर्ट पर जनहित याचिका कायम कर ली है।

कोर्ट की अन्‍य खबरें:

सरकारी व प्राइवेट सभी शेल्टर होम में लगें सीसीटीवी कैमरेः हाईकोर्ट

इलाहाबाद: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने देवरिया सेल्टर होम मामले में आज सुनवाई करते हुए कहा कि सेल्टर होम चाहे सरकारी हो या प्राइवेट, सभी में सीसीटीवी कैमरे लगाये जायें। कोर्ट ने कहा कि सरकार इसके लिए जरूरी फण्ड उपलब्ध कराये। सरकार ने हाईकोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा कि फण्ड की कमी के चलते वह कानूनी प्रक्रिया को पालन करने में फिलहाल अपने को असमर्थ महसूस कर रही है। सरकार ने कहा कि सभी सेल्टर होम की निगरानी के लिए एक कमेटी गठित कर दी गयी है। हाईकोर्ट का कहना है कि इस कमेटी में लीगल सर्विस अथारिटी के सचिव को भी शामिल किया जाए।

यह आदेश मुख्य न्यायाधीश डी.बी.भोसले व न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की खण्डपीठ ने देवरिया सेल्टर होम मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका पर पारित किया है। कोर्ट का कहना है कि वह सभी सेल्टर होम की निगरानी के लिए न्यायिक कमेटी भी गठित करेगी जो महीने में एक बार सेल्टर होम का निरीक्षण करेगी। सरकार ने बताया देवरिया के सेल्टर होम में लाइसेंस निलंबित होने के बाद लड़कियों को भेजने वाले 28 पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई की गयी है। कोर्ट ने इस पर जानना चाहा कि पुलिस कर्मियों पर किस प्रकार की कार्रवाई की गयी है। उन्हें अभी तक निलंबित क्यों नहीं किया गया। सरकार ने बताया कि घटना के बाद 121 लड़कियों में से कुछ को परिजनों को सौंप दिया गया है। कोर्ट ने देवरिया सेल्टर होम मामले में सरकार द्वारा की गयी कार्यवाही को बहुत संतोषजनक नहीं माना। कोर्ट ने तीन हफ्ते बाद रिपोर्ट मांगी है।

हाईकोर्ट ने इस मामले में मनोरोग विशेषज्ञ डाक्टर की रिपोर्ट भी देखी और कहा कि वह इस मामले में एक विस्तृत आदेश पारित करेगी। इलाहाबाद में सुरक्षित व्हिसिल ब्लोवर 4 लड़कियों से बिना अनुमति मिलने पहुंची एनजीओ के तीन सदस्यों ने हाईकोर्ट में बिना शर्त माफी मांगी है। जिस पर कोर्ट ने उन्हें गलती न दुहराने की चेतावनी दी। कोर्ट को बताया गया कि वीआईपी की संलिप्तता पर पुलिस व एसआइटी जांच कर रही है। सीबीआई ने अभी मामले की जांच शुरू नहीं की है। कोर्ट इस मामले में तीन हफ्ते बाद सुनवाई करेगी।

सार्वजनिक जमीन पर अवैध कब्जे पर रोक, जवाब तलब

इलाहाबाद: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने भदोही (ज्ञानपुर) के महादेवा (डीह) के सार्वजनिक उपयोग की जमीन पर गांव के ही लोगों द्वारा निजी उपयोग में लेने पर रोक लगा दी है और जिलाधिकारी को प्लाट सं.626 के संबंध में याची के प्रत्यावेदन को एक माह में निर्णीत करने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति अशोक कुमार ने रंगराज गिरी की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है। याची अधिवक्ता विनोद शंकर गिरी का कहना था कि विवादित गाटा का साठ सालों से आम रास्ते के रूप में उपयोग किया जा रहा है। गांव के सभी लोग इसका इस्तेमाल करते हैं गांव के ही दयाराम गिरी व अन्य ने जबरन कब्जा कर लिया। याची की शिकायत पर जिला प्रशासन ने अतिक्रमण हटा दिया था। इसके बाद दोबारा कब्जा कर लिया गया तो यह याचिका दाखिल की गयी थी।

 

ब्लाक प्रमुख के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव कार्यवाही पर रोक, जवाब तलब

इलाहाबाद: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने बस्ती जिले के कप्तानगंज क्षेत्र पंचायत प्रमुख के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की कार्यवाही पर रोक लगा दी है और राज्य सरकार व विपक्षियों से याचिका पर जवाब मांगा है। याचिका की सुनवाई 24 अक्टूबर को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति शशिकांत गुप्ता तथा न्यायमूर्ति अजित कुमार की खण्डपीठ ने ब्लाक प्रमुख माधुरी आर्या की याचिका पर दिया है। याचिका पर अधिवक्ता एन.के.पाण्डेय व सुधा पाण्डेय ने बहस की। याचिका के तथ्यों के अनुसार धनमन देवी सहित कुछ सदस्यों ने प्रमुख के खिलाफ जिलाधिकारी को अविश्वास प्रस्ताव की नोटिस दी। 22 जुलाई 18 की इस नोटिस पर जिलाधिकारी ने सीडीओ से आख्या मांगी। 31 जुलाई को मतदान होना था। अवधि कम होने के कारण डीएम ने सात अगस्त को दोबारा नोटिस का आदेश दिया जिसे दस अगस्त को रद्द कर दिया। इसी दिन विपक्षियों ने दोबारा नोटिस दी। जिस पर जिलाधिकारी ने 14 अगस्त की नोटिस में 30 अगस्त को अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग की तिथि तय की। नोटिस पर आदेश पारित होने के एक दिन पहले 13 अगस्त को ही इसे डिस्पैच कर दिया गया जिसे चुनौती दी गयी। कोर्ट ने रिकार्ड मांगा था। 30 अगस्त को मतदान हुआ, किन्तु परिणाम घोषित नहीं किया गया। अब कोर्ट ने कार्यवाही पर रोक लगा दी है।

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