नरेन्द्र सिंह
रायबरेली। एक जमाना था जब सरकारी अस्पतालों का नाम आते ही जेहन में गंदगी, कचरा और बदहाल इमारत की तस्वीर तैरने लगती थी। लेकिन अब एसा नहीं है। अब तो सरकारी अस्पताल निजी अस्पताल से भी अधिक साफ और व्यवस्थित नजर आने लगे हैं। ऐसा ही है रायबरेली का जिला अस्पताल। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने हाल में उत्तर प्रदेश के साफ सुथरे अस्पतालों की सूची जारी की है जिसमें 22 अस्पताल शामिल हैं। इसमें रायबरेली के जिला महिला, पुरुष अस्पताल भी शामिल हैं। दोनों अस्पतालों को नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस सर्टिफिकेट (एनक्यूएएस) मिला है। 94 प्रतिशत अंक पाकर महिला अस्पताल को प्रदेश में तीसरी रैंक मिली है। साथ ही जिला अस्पताल भी प्रदेश में चयनित तीन अस्पतालों में शामिल है। इन अस्पतालों को प्रति बेड 10 हजार रुपए के हिसाब से 47 लाख रुपए का पुरस्कार मिलेगा। इसके अलावा जिला अस्पताल की सीएमएस डॉ. रेनू वर्मा को अस्पतालों की जांच टीम में भी शामिल किया गया है। कायाकल्प योजना के तहत जिले के कई अस्पतालों को पहले भी पुरस्कार मिल चुका है।
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साफ-सफाई के मानकों को पूरा करने वाले अस्पतालों को नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस सर्टिफिकेट देने की केंद्र की योजना के तहत कई बार जांच टीमें जिले में आईं और जिला महिला और पुरुष अस्पताल की पड़ताल की। पिछले महीने भारत सरकार से डॉ. रश्मि (अहमदाबाद) और डॉ. विक्रम शर्मा (छत्तीसगढ़) की टीम ने यहां आकर अस्पतालों में मानकों की जांच की थी। टीम की रिपोर्ट मिलने के बाद दोनों ही अस्पतालों को पुरस्कार दिया गया है। महिला अस्पताल को 94 प्रतिशत अंक मिले, जबकि पुरुष अस्पताल को 89 प्रतिशत अंक मिले। पुरस्कार के रूप में जिला पुरुष अस्पताल में 266 बेड के हिसाब से 26.60 लाख और महिला अस्पताल को 206 बेड के हिसाब से 20.60 लाख रुपये का पुरस्कार मिलेगा। पुरस्कार के मिलने वाले बजट से अस्पताल की साजसज्जा के साथ ही 25 प्रतिशत धनराशि अवार्ड के रूप में खर्च की जा सकेगी।
मैटर्निटी विंग की ओटी प्रदेश में सबसे अच्छी
जिला महिला अस्पताल की मैटर्निटी विंग के जैसी ऑपरेशन थियेटर (ओटी) प्रदेश में कहीं नहीं है। नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस सर्टिफिकेट की आई टीम ने ओटी को 99 प्रतिशत अंक देकर सर्वश्रेष्ठ घोषित किया है। महिला अस्पताल की ओटी ने सभी प्रकार के मानकों को पूरा किया है।
नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस सर्टिफिकेट के जिला समन्वयक डॉ. रविकांत सिंह ने अस्पतालों की रैंकिंग के लिए काफी प्रयास किए। उनका कहना है कि अगली बार ग्रामीण क्षेत्र की सीएचसी को भी योजना का लाभ दिलाने का प्रयास किया जाएगा। वहीं जिला अस्पताल की बात की जाए तो उसकी अच्छी रैंकिंग में डॉ. अल्ताफ हुसैन, रेडियोलॉजिस्ट का काफी योगदान रहा है।
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पूरे स्टाफ को दिया सफलता का श्रेय
जिला महिला अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षका डॉ. रेनू वर्मा और पुरुष अस्पताल के सीएमएस डॉ. एन.के. श्रीवास्तव ने नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस सर्टिफिकेट मिलने पर रेडियोलॉजिस्ट डॉ. अल्ताफ हुसैन, डॉ. बीरबल, डॉ. जे.के. लाल, डॉ. अजय गौतम, डॉ. राजेंद्र शर्मा, डॉ. एम.के. सिंह, डॉ. रेनू चौधरी, डॉ. निशा सोनकर, डॉ. सुनीता प्रसाद, डॉ. निर्मला साहू समेत पूरे स्टाफ को सफलता का श्रेय दिया है। सीएमएस का कहना है कि पूरे स्टाफ के प्रयास से यह पुरस्कार भारत सरकार से मिला है। आगे भी टीम के साथ काम करके अस्पताल को और अच्छा बनाने का काम किया जाएगा।