Jhansi: सावधान, कहीं आप तो नहीं करा रहे यहां इलाज, अस्पताल की लापरवाही से उजड़ गया परिवार
Jhansi News: बचपन नर्सिंग होम में 9 माह के बच्चे की मौत हो गई। परिजनों ने नर्सिंग होम के डॉक्टर और कर्मचारियों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए इसकी लिखित शिकायत पुलिस से की।
Jhansi News: कुकरमुत्तों की तरह खुले नर्सिंग होम अब मौत के अड्डे बनते जा रहे हैं। एेसा कोई दिन नहीं, जिस दिन किसी न किसी में इलाज के दौरान लापरवाही के चलते मासूम से लेकर बृद्धों को अपनी जान देना पड़ रही हैं। इसकी जानकारी यहां के प्रशासनिक अफसरों को अच्छी तरह से हैं मगर यहां के अफसर मूकदर्शक बने हुए हैं। एेसा ही एक मामला प्रकाश में आया है। नवाबाद थाना क्षेत्र में स्थित बचपन नर्सिंग होम में 9 माह के बच्चे की मौत हो गई। परिजनों ने नर्सिंग होम के डॉक्टर और कर्मचारियों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए इसकी लिखित शिकायत पुलिस से की। पुलिस ने शिकायत के आधार बच्चे के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
सीपरी बाजार थाना क्षेत्र के रुद्धकरारी में रहने वाले देवेन्द्र झां ने बताया है कि शादी के बाद उसकी पत्नी ने लगभग नौ माह पहले एक बच्चे को जन्म दिया। जिसके आने के बाद परिवार में खुशी का माहौल था। लेकिन उनकी खुशियों को ग्रहण लग गया। 11 अप्रैल को उनके बच्चे की तबीयत अचानक बिगड़ गई और बच्चे को उल्टी दस्त होने लगा। यह देख वह अपने बच्चे को उपचार के लिए नवाबाद थाना क्षेत्र में स्थित बचपन नर्सिंग होम (काल्पनिक नाम) में ले गया। वहां चिकित्सकों ने ठीक तरह से उपचार करवाने के नाम पर बच्चे की भर्ती कर लिया। बच्चे का इलाज डॉक्टर प्रशांत कुमार (काल्पनिक नाम) कर रहे थे।
देवेंद्र का आरोप है कि इलाज के दौरान डॉक्टर उसके बच्चे को अपने कर्मियों की देखरेख में छोड़कर घूमने के लिए बालाजी चले गए। इसी बीच न जाने कर्मचारियों ने किस प्रकार उनके बच्चे का इलाज किया कि बच्चे की मौत हो गई। देवेंद्र का कहना है कि बच्चे की मौत के पहले नर्सिंग होम में सारा रुपया जमा करवा लिया था। जमा करने के बाद जैसे ही बच्चे की फाईल मांगी तो कर्मचारियों ने देने से मना कर दिया। इसी बात को लेकर वहां हंगामा किया। वहीं, हंगामे की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने मामले की जांच की। इस मामले में देवेन्द्र कुमार ने बुविवि चौकी में लिखित तहरीर दी। इसके बाद पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम को भेज दिया। उधर, बचपन नर्सिंग होम के कर्मचारियों ने पीड़ित पक्ष के लगाए गए आरोपियों को झूठा बताया है।