अमेठी में हो रहा असॉल्ट राइफल का उत्पादन, जानें भारतीय सेना को समर्पित यह राइफल है कितने काम की

Kalashnikov AK-203: कोर्वा ऑर्डिनेंस फैक्ट्री भारतीय सेना के लिए कुल मिलाकर 6.01 लाख असॉल्ट राइफलों का उत्पादन का बीड़ा उठा रहा है।

Written By :  Jyotsna Singh
Update:2023-02-04 16:21 IST

असॉल्ट राइफल Kalashnikov AK-203 (फोटो साभार- सोशल मीडिया)

Assault Rifle: क्या आपको पता है कि भारतीय असॉल्ट राइफल कलाश्निकोव AK-203 (Kalashnikov AK-203) का उत्तर प्रदेश के अमेठी (Amethi) स्थित कोर्वा ऑर्डिनेंस फैक्ट्री (Korwa Ordnance Factory) में उत्पादन किया जाता है। आपको बताते चलें कि भारतीय सेना (Indian Army) को इसकी डिलिवरी दी जाएगी। आइए जानते हैं कि यह राइफल युद्ध में सेना के कितने काम आएगी?

होगा 6.01 लाख असॉल्ट राइफलों का उत्पादन

कोर्वा ऑर्डिनेंस फैक्ट्री भारतीय सेना के लिए कुल मिलाकर 6.01 लाख असॉल्ट राइफलों का उत्पादन का बीड़ा उठा रहा है। इससे पहले रूस से 70 हजार से 1 लाख राइफल्स, उनके पार्ट्स और टेक्नोलॉजी भारत भेजी गई जा चुकी है।

एके-203 कलाश्निकोव सीरीज की सबसे एडवांस असॉल्ट राइफल है। जो कंपनी इसे बना रही है उसका नाम है इंडो-रसिया राइफल्स प्रा. लिमि. (IRRPL)। इस राइफल के आने से भारत में इंसास (INSAS) का इस्तेमाल बंद हो जाएगा या फिर बेहद कम हो जाएगा। एके-203 इंसास से कई मामलों में प्रयोग में बेहतर, आसान और घातक है।

क्या है इस गन की खासियत (Kalashnikov AK-203 Specifications)

एके-203 राइफल इंसास से छोटी और हल्की है जबकि इंसास बिना मैगजीन और बेयोनेट के भी 4.15 KG की है। AK-203 का वजन 3.8 KG है। इंसास की लंबाई 960 मिमी है । वहीं एके-203 सिर्फ 705 मिमी लंबी है। वजन और लंबाई कम होने पर राइफल को लंबे समय तक आसानी से उठाया जा सकता है इससे सेना के जवान थकते कम हैं।

AK-203 में 7.62x39mm की बुलेट्स लगती हैं, जो ज्यादा घातक होती हैं। इंसास में 5.56x45mm की गोलियां लगती हैं। इंसास की रेंज 400 मीटर है, जबकि AK-203 की रेंज 800 मीटर है। यानी काफी दूर से दुश्मन को ढेर कर सकते हैं। INSAS सिंगल शॉट और तीन-राउंड का बर्स्ट फायर करती है। AK-203 सेमी-ऑटोमैटिक या ऑटोमैटिक मोड में चलती है। सिर्फ एक ही मामले में इंसास बेहतर है। इंसास एक मिनट में 650 गोलियां दाग सकती है, जबकि AK-203 सिर्फ 600 गोलियां ही दागती है।

INSAS में 20 से 30 राउंड की मैगजीन लगती है। AK-203 में 30 राउंड की बॉक्स मैगजीन लगती है। इंसास की मजल वेलोसिटी 915 मीटर प्रति सेकेंड है। AK-203 की मजल वेलोसिटी 715 मीटर प्रति सेकेंड है। इंसास की गोलियां ज्यादा तेज गति से जाती है। दोनों ही राइफलें गैस ऑपरेटेड, रोटेटिंग बोल्ट तकनीक पर काम करती है।

जितनी ताकतवर दूरबीन उतना घातक हमला

इस राइफल में जितनी ताकतवर दूरबीन है ये हमला भी उतना ही घातक तरीके से हमला करने की क्षमता रखती है। इंसास राइफल पर इन-बिल्ट आयरन साइट, माउंट प्वाइंट लगाया जा सकता है, ताकि दूरबीन से दुश्मन को देखा जा सके। इस मामले में AK-203 ज्यादा बेहतर है क्योंकि इस पर एडजस्टबल आयरन साइट तो है ही, इसके अलावा पिकैटिनी रेल लगी है । यानी आप दुनिया के किसी भी तरह के दूरबीन को इस बंदूक पर लगा कर अपने टारगेट पर अचूक वार कर सकते हैं।

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