KGMU के डॉक्टर्स का कमाल : 'कुदरत की नाइंसाफी' से युवक को मिली मुक्ति, मन से ही नहीं अब तन से भी बना पुरुष
UP के अंबेडकरनगर जिले का रहने वाला शख्स जब 21 साल का हुआ तो उसने अपने शरीर में कई तरह के बदलावों को महसूस किया। जब वो असहज महसूस करने लगा तो स्थानीय डॉक्टरों से संपर्क किया।
KGMU News : चिकित्सा के क्षेत्र में नित नए प्रयोगों और डॉक्टरी कुशलता का कमाल ही है कि कुदरत की 'नाइंसाफी' से एक शख्स को मुक्ति मिल गई। ये कमाल किया है किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) के चिकित्सकों ने। दरअसल, उत्तर प्रदेश के अंबेडकरनगर जिले का एक 21 वर्षीय युवक अर्ध विकसित महिला जननांगों के साथ अब तक जीवन जी रहा था। हालांकि, बचपन से ही वह पुरुष की भांति जीता रहा है। कुशल डॉक्टरों की टीम ने उसे अब पूर्ण रूप से पुरुष बना दिया है। यूं कहें तो अब वो मन के साथ-साथ तन से भी पुरुष बन चुका है।
इस बारे में केजीएमयू के डॉक्टर बताते हैं कि, डॉक्टरी भाषा में इस पूरी प्रक्रिया को 'फैलस रिकंस्ट्रक्शन' कहते हैं। KGMU के डॉक्टर कहते हैं अब उस शख्स को हार्मोनल थेरेपी (Hormonal Therapy) दी जाएगी। आपको बता दें, कि इस असंभव कार्य को संभव किया है केजीएमयू के यूरोलॉजी विभाग के प्रो डॉ. विश्वजीत सिंह (Prof. Dr. Vishwajit Singh) और उनकी टीम ने।
क्या है मामला?
यूपी के अंबेडकरनगर जिले का रहने वाला शख्स जब 21 साल का हुआ तो उसने अपने शरीर में कई तरह के बदलावों को महसूस किया। जब वो असहज महसूस करने लगा तो स्थानीय डॉक्टरों से संपर्क किया। तब डॉक्टरों ने उसे किसी बड़े अस्पताल जाने की सलाह दी। फिर उस शख्स ने लखनऊ स्थित एसजीपीजीआई (SGPGI) और राजधानी दिल्ली के कई अस्पतालों के चक्कर लगाए। मगर, काफी खर्च होने के बाद भी उसे कोई स्थायी निदान नहीं मिला। आखिरकार थक-हारकर उसने लखनऊ में ही केजीएमयू का रुख किया। यहां वो यूरोलॉजी विभाग के प्रो. डॉ. विश्वजीत सिंह की ओपीडी में पहुंचा। तब डॉक्टर ने उसका अल्ट्रासाउंड (Ultrasound), सीटी स्कैन (CT scan) सहित कई अन्य जांच कराई।
क्या थी युवक की वास्तविक स्थिति?
जब पहली बार डॉ. विश्वजीत ने उसे देखा तो वो भी दंग रह गए। उस युवक के जननांग (Reproductive Organs) का बाहरी हिस्सा पुरुष का था, मगर आंतरिक महिला का। इतना ही नहीं, उसका एक अंडकोष (Testicles) बाहर की तरफ था, जबकि दूसरा अंदर की ओर। अंदर की तरफ महिला जननांग (Female Genitalia) था। डॉक्टर के आश्चर्य की सीमा तब और बढ़ गई जब उन्होंने बच्चेदानी (Uterus), अंडाशय (Ovary), फेलोपियन ट्यूब (Fallopian Tubes) आदि को अर्ध विकसित हालत में देखा। KGMU के डॉक्टर्स का कहना है कि यह एक प्रकार का 'जेनेटिक डिसऑर्डर' (Genetic Disorder) है। बता दें कि, इस तरह के पेशेंट को चिकित्सा की भाषा में 'मिक्सगोलेडल' कहा जाता है।
करीब एक लाख मामलों में मिलती है एक समस्या
उस युवक का इलाज करने वाले डॉक्टर प्रो. विश्वजीत बताते हैं कि, मौजूदा हालात को देखते हुए ये कहा जा सकता है कि यह शख्स शारीरिक संबंध बनाने में सक्षम है। हालांकि, शुक्राणु कितने होंगे ये जांच के बाद भी पता चल पाएगा। उन्होंने बताया कि, तक़रीबन एक लाख से भी ज्यादा मामलों में से किसी एक व्यक्ति में इस तरह की समस्या देखने को मिलती है।
शख्स को प्राथमिक जांच के ही खर्च देने पड़े
यहां आपको ये भी बता दें कि, किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) में इस मरीज से सिर्फ कुछ प्राथमिक जांच के ही खर्च लिए गए। शेष खर्च यूनिवर्सिटी ने उठाया। विभाग की तरफ से इस तरह की यह पहली सर्जरी की गई है।
पुरुष के रूप में ही थी जीने की इच्छा
इस केस के बारे में इलाज करने वाले डॉ. प्रो. विश्वजीत ने बताया कि युवक का गुणसूत्र अनुवांशिक रूप से एक्स-एक्स यानी महिला का था। उन्होंने ये भी बताया कि, काउंसिलिंग के दौरान उसने बताया कि वह बचपन से ही पुरुष की तरह जीता रहा है। आगे भी वह यही जिंदगी जीना चाहता है। अतः उसकी इच्छा को देखते हुए उसे पुरुष बनाने का फैसला लिया गया।
महिला जननांग निकाल दिए गए
वो समय भी आया जब उस युवक की सर्जरी की गई। डॉक्टर ने बताया कि, पीड़ित शख्स के शरीर से सभी महिला जननांग निकाल दिए गए हैं। साथ ही, उसके अर्ध विकसित पुरुष जननांग को सर्जरी कर अब पूरा आकार दिया गया है। उसके अंडकोष को भी दुरुस्त किया गया है। खुशी की बात है कि अब वह युवक पूर्णतः पुरुष की तरह महसूस कर रहा है।
इलाज करने वालों की ये थी टीम
KGMU में डॉक्टरों की जिस टीम ने उक्त युवक की सर्जरी की उनमें डॉ. प्रो.विश्वजीत सिंह, डॉ. नवनीत, डॉ. जयेश, डॉ. अंकुश, डॉ. कृष्णा और एनेस्थीसिया विभाग से डॉ. रजनी गुप्ता थीं। डॉक्टरों की इसी टीम ने युवक को नया जीवन दिया।