Tiger Attack : खीरी में जल्द पकड़ लिया जाएगा हमलावर बाघ, ट्रेंकुलाइज करने पहुंची विशेषज्ञों की टीम

Tiger Attack : लखीमपुर खीरी में दक्षिण वन प्रभाग के अंतर्गत महेशपुर रेंज की बिलहरी बीट के ग्राम इमलिया, अजान में बाघ को पकड़ने के लिए पिंजड़े लगाए हैं। वन राज्य मंत्री अरुण कुमार सक्सेना ने भी बाघ को ट्रेंकुलाइज कर पकड़ने की अनुमति दे दी है।

Report :  Rajnish Verma
Update: 2024-09-04 16:55 GMT

Tiger Attack : उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में मानव-वन्यजीव संघर्ष की बढ़ती घटनाओं को लेकर किसान, ग्रामीण और राहगीरों में दहशत बनी हुई है। इन घटनाओं को लेकर शासन-प्रशासन और वन विभाग तक चिंतित है। बाघ को पकड़ने के लिए वन विभाग ने कई स्थानों पर पिंजड़े लगाए हैं। इसके साथ ही अत्याधुनिक कैमरे भी लगाए हैं। वन विभाग की टीमें बाघ की मौजूद वाले क्षेत्र में लगातार दौरे कर रही हैं, इसके बावजूद बाघ अभी पकड़ से काफी दूर है।

लखीमपुर खीरी में दक्षिण वन प्रभाग के अंतर्गत महेशपुर रेंज की बिलहरी बीट के ग्राम इमलिया, अजान में बाघ को पकड़ने के लिए पिंजड़े लगाए हैं। वन राज्य मंत्री अरुण कुमार सक्सेना ने भी बाघ को ट्रेंकुलाइज कर पकड़ने की अनुमति दे दी है। इसके बाद से पीलीभीत टाइगर रिजर्व के रेस्क्यू विशेषज्ञ डॉक्टर दक्ष गंगवार सहित अन्य स्टॉफ इमलिया अजान क्षेत्र में बाघ की मौजूदगी वाले इलाके की गतिविधियों का जायजा लिया। बाघ को पिंजरे में कैद करने की अब तक की तैयारियों एवं लगे पिंजरे और कैमरे देखे। हालांकि बाघ अभी पकड़ से दूर है।

बाघ की निगरानी के लिए बनाया गया मचान

महेशपुर रेंज के डिप्टी रेंजर रामनरेश वर्मा ने बताया कि बाघ को पकड़ने के लिए विशेषज्ञों की टीम के साथ संभावित इलाकों का दौरा किया गया है। पिंजड़े और कैमरे लगाए गए हैं। इसके साथ मचान भी बनाया गया है, ताकि वहां से निगरानी की जा सके। उन्होंने कहा कि मौसम खराब रहने के कारण बाघ कहीं छिप गया है, जिससे आज दिखाई नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि एक-दो दिन में बाघ को पकड़ लिया जाएगा।

एक माह में चार घटनाएं

गौरतलब है कि खीरी में बीते एक माह के दौरान बाघ के हमले की चार घटनाएं हो चुकी हैं, जिससे आमजन में दहशत है। ताजा घटना ग्राम इमलिया, अजान में हुई थी, जहां एक किसान पर बाघ ने हमला कर दिया था। यही नहीं युवक के शव को 200 किलोमीटर दूर खींच ले गया था और सिर को धड़ से अलग कर दिया था। इस घटना के बाद से ग्रामीणों में काफी आक्रोश भी देखा गया। वन विभाग की टीम ग्रामीणों से मुलाकात करते जागरूकता अभियान चला रही है, ताकि अन्य घटनाओं से बचा जा सके।

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