जितने दिन रखना है रख ले डेड बॉडी... CO पीपी सिंह के बयान पर भड़का बवाल
Lakimpur Kheri News: सीओ पीपी सिंह रामचंद्र मौर्य के परिजनों से मुलाकात करने पहुंचे। लेकिन वहां पहुंचते ही उनकी परिजनों से बहस हो गयी।;
Lakhimpur Kheri News: जनपद में बीते सोमवार को पुलिस कस्टडी में एक युवक रामचंद्र मौर्य की मौत हो गयी थी। कस्टडी में मौत के बाद से हड़कंप मचा हुआ है। युवक के परिजन शव को रखकर धरना कर रहे हैं। उन्होंने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए है। परिजनों का कहना है कि पुलिस की पिटाई से युवक की मौत हुई है।
वहीं पुलिस का कहना है कि युवक की मौत पिटाई से नहीं हुई है। बल्कि वह छापे के दौरान भाग रहा था। तभी उसकी तबीयत बिगड़ गयी है और हार्ट अटैक के चलते अस्पताल में उसकी मौत हो गयी। वहीं इस मामले ने अब तूल पकड़ना शुरू कर दिया है। दरअसल सीओ पीपी सिंह रामचंद्र मौर्य के परिजनों से मुलाकात करने पहुंचे। लेकिन वहां पहुंचते ही उनकी परिजनों से बहस हो गयी।
वह इस कदम अपना आपा खो बैठे कि आक्रोशित अंदाज में युवक के परिजनों को हड़काते हुए यह कह डाला कि चाहे कितने दिन भी शव रख लो, न तो इस मामले में कार्रवाई होगी और न ही 30 लाख रुपए मुआवजा मिलेगा। इस मामले में कोई भी थाना सस्पेंड नहीं होगा। सीओ के इस बयान को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी ट्वीट किया है। उन्होंने वीडियो के साथ कैप्शन में लिखा ‘भाजपा ह्दयहीन पार्टी है।’
जानें पूरा मामला
लखीमपुर खीरी जनपद के निघासन थाना क्षेत्र में शराब बनाने के आरोप में पकड़े गए युवक की कथित तौर पर पुलिस कस्टडी में मौत हो गयी। बताया जा रहा है कि हुलासी पुरवा गांव का निवासी रामचंद्र मौर्य लकड़ी लाने के लिए जंगल गया था। तभी पुलिस ने उसे शराब बनाने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने रामचंद्र के साथ तीन और लोगों को गिरफ्तार किया था। थाने ले जाते समय अचानक रामचंद्र की तबीयत बिगड़ गयी।
पुलिस ने रामचंद्र को सीएचसी में भर्ती कराया और बाकी तीन आरोपियों को मझगईं थाने ले जाया गया। इस दौरान रामचंद्र मौर्य की मौत हो गयी। युवक की मौत के बाद परिजनों ने हंगामा कर दिया। उन्होंने शव रखकर धरना भी दिया। परिजनों की मांग है कि जब आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी तब तक अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा। परिजनों की इस मांग के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मचा हुआ है। परिजनों को समझाने के लिए पुलिस के आला अफसर भी पहुंच रहे हैं। लेकिन इसके बाद भी परिजन अपनी मांग पर अड़े हुए हैं।