देश के सबसे बुजुर्ग वनमानुष मंगल की मौत, कहा जाता था भीष्म पितामह

Update: 2016-03-06 10:41 GMT

कानपुर- देश के सबसे बुजुर्ग वनमानुष मंगल की शनिवार को कानपुर जू में मौत हो गई। जू का सबसे वरिष्ठ वन्य जीव होने के कारण मंगल को भीष्म पितामह भी कहा जाता था। 36 साल का मंगल अपनी उम्र के आखिरी पड़ाव मे बुढ़ापे से जुड़ी समस्याओं से जूझ रहा था।

कौन था मंगल ?

-वनमानुष मंगल का जन्म 13 नवम्बर 1979 को कानपुर जू में हुआ था।

-मंगल की मां का नाम दयांग और पिता का नाम आवांग था।

-मंगल के मां-बाप को 28 अक्टूबर 1976 में यूरोप के ब्रिस्टल जू से कानपुर जू लाया गया था।

ऐसा था जू का भीष्म पितामह

-मंगल का स्वभाव मिलनसार था।

-जू मे आने वाले दर्शकों को कभी भी परेशान नहीं करता था।

-मंगल बहुत समझदार था।

-वह दर्शको के हाथो से मूंगफली और आइस क्रीम ले लेता था।

पार्टनर की मौत के बाद हो गया था अकेला

-साल 1995 में मादा वनमानुष दुआ को मंगल के लिए कानपुर जू लाया गया।

-लेकिन 10 सालों तक साथ निभाने के बाद दुआ की 34 साल की उम्र मे मौत हो गई।

-साल 2005 मे अपनी पार्टनर दुआ की मौत के बाद से मंगल अकेला पड़ गया था।

भीष्म पितामह की मौत से सब दुखी

-मंगल के शव का पशुचिकित्सा अधिकारियो ने पोस्टमार्टम किया।

-उसके शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया है।

-मंगल की मौत के बाद जू प्रशासन के साथ-साथ दर्शक भी दुखी हैं।

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