भगवान विष्णु ने बसाई थी अयोध्या!
विष्णु की भी प्रिय नगरी रही है अयोध्या। स्कंदपुराण में अगस्त्य ऋषि अयोध्या को विष्णुपुरी कहकर संबोधित करते हैं। स्कंद पुराण में ही लिखा है कि अयोध्या की स्थापना स्वयं भगवान विष्णु ने अपने चक्र पर की थी। अयोध्या का ‘अ‘ कार ब्रह्मा, ‘य‘ विष्णु और ‘घ‘ कार रुद्र का स्वरूप है।
योगेश मिश्र
लखनऊ: विष्णु की भी प्रिय नगरी रही है अयोध्या। स्कंदपुराण में अगस्त्य ऋषि अयोध्या को विष्णुपुरी कहकर संबोधित करते हैं। स्कंद पुराण में ही लिखा है कि अयोध्या की स्थापना स्वयं भगवान विष्णु ने अपने चक्र पर की थी। अयोध्या का ‘अ‘ कार ब्रह्मा, ‘य‘ विष्णु और ‘घ‘ कार रुद्र का स्वरूप है।
पौराणिक कथाएं बताती हैं कि ब्रह्मा से जब मुन ने अपने लिए एक नगर के निर्माण की जब बात कही तो ब्रह्मा और मनु के साथ विश्वकर्मा को भेजा गया। उसी समय विष्णु के मन में राम के अवतार के रूप में अयोध्या में जन्म लेने की लालसा जगी। विश्वकर्मा ने इस नगर का निर्माण किया। वशिष्ठ ने राम अवतार के लिए इसका चयन किया।
स्कंद प्रराण के वैष्णव खंड में इस बात का जिक्र मिलता है कि भगवान विष्णु को अयोध्यावासी जान ब्रह्मा अपना लोक छोड़कर अयोध्या आ गये।
देवासुर संग्राम के दौरान विष्णु ने सरयू तट पर तपस्या की। आज की राम जन्मभूमि से बामुश्किल पांच सौ मीटर दूर चक्रतीर्थ का अस्तित्व है। कहा जाता है बहुत समय पूर्व विष्णु शर्मा नाम के ब्राह्मण की तपस्या से प्रकट हुए भगवान विष्णु ने अपने चक्र से तीर्थ की रचना की। अयोध्या के गुप्तार घाट पर स्थित गुप्त हरि और चक्र हरि मंदिर इसके गवाह हैं। रामनगरी की मौलिक संरचना सप्त हरियों से आबद्ध है। इसमें विष्णु हरि, चंद्र हरि, धर्म हरि और पूर्ण हरि आदि शामिल हैं।