Lucknow News: एयरपोर्ट के बाहर लगी लक्ष्मण की मूर्ति, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किया अनावरण, सीएम-डिप्टी सीएम रहे मौजूद
Lucknow Airport Statue: लखनऊ एयरपोर्ट के बाहर लगी कांस्य से बनी 12 फीट की लक्ष्मण जी की मूर्ति का अनावरण रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किया। इस मौके पर सीएम योगी भी मौजूद रहे।
Lucknow Airport Statue: यूपी की राजधानी लखनऊ एयरपोर्ट पर लक्ष्मण जी की मूर्ति का अनावरण गुरुवार (9 फरवरी) को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किया। इन्वेस्टर समिट की तैयारियों के बीच लक्ष्मण जी की मूर्ति 'आस्था का प्रतीक' के रूप में स्थापित की गई है। कांस्य से बनी 12 फीट की लक्ष्मण जी की मूर्ति के अनावरण के वक़्त कई गणमान्य लोगों की उपस्थिति रही। इस मौके पर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक, स्थानीय विधायक राजेश्वर सिंह सहित कई गणमान्य लोग मौजूद रहे।
गौरतलब है कि, अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण हो रहा है। लखनऊ के रास्ते अयोध्या जाने वाले श्रद्धालुओं को अब राजधानी पहुंचने पर पहले भगवान राम के छोटे भाई लक्ष्मण के दर्शन होंगे। फिर, वो अयोध्या के लिए प्रस्थान करेंगे। बीजेपी के कई नेता लखनऊ का नाम बदलकर लक्ष्मणपुर या लखनपुर करने की मांग काफी समय से उठाते रहे हैं। ऐसी मांग करने वालों का कहना है कि, शहर का पहले नाम लक्ष्मणपुर ही था जिसे बाद में बदलकर लखनऊ किया गया।
जानें मूर्ति में क्या है खास?
भगवान राम के छोटे भाई लक्ष्मण की मूर्ति का अनावरण लखनऊ के अमौसी एयरपोर्ट के बाहर हुआ। यह मूर्ति कांस्य से बनी है। मूर्ति 12 फीट की है, जो छह फीट ऊंचे पेडस्टल पर लगाई गई है। जिससे मूर्ति जमीन से करीब 18 फीट ऊंची दिखाई दे रही है। इन्वेस्टर समिट से पहले इसका अनावरण शहर की शोभा में चार चांद लगा रहा है।
क्या है मान्यता?
ऐसी मान्यता है कि भगवान राम ने ये शहर लक्ष्मण को उपहार में दिया था। लक्ष्मण ने ही लखनऊ को बसाया था। इसलिए पहले शहर का नाम लक्ष्मणपुर या लखनपुर था। मूर्ति में धनुष-बाण के साथ लक्ष्मण रौद्र रूप में दिखाई दे रहे हैं।
किसने बनाई मूर्ति?
यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (UP Global Investors Summit) से पहले प्रसिद्ध मूर्तिकार राम सुतार (Ram Sutar) ने लक्ष्मण की मूर्ति बनाई है। इसे तैयार करने के लिए कांस्य का इस्तेमाल किया गया है। प्रसिद्ध मूर्तिकार राम सुतार इससे पहले कई बड़े महापुरुषों की मूर्तियां बना चुके हैं। उन्हें सबसे अधिक लोकप्रियता 'स्टैचू ऑफ यूनिटी' (Statue Of Unity) बनाने से मिली थी। 'स्टैचू ऑफ यूनिटी' विश्व की सबसे ऊंची मूर्तियों में से एक है। राम सुतार अब 96 वर्ष के हो चुके हैं। वो लगभग 50 साल से मूर्तियां बनाने का काम करते रहे हैं।